Skip to main content

भगवान दादा: सफर फर्श से अर्श और अर्श से फर्श का

collage-bhagwan-dada
आर.बी.एल.निगम, फिल्म समीक्षक 
भगवान दादा अपने ज़माने के सुपर स्टार थे। वो अपने दौर को यों याद करते थे – फारेस रोड से लैमिंग्टन रोड तक का सफर यों तो महज़ पंद्रह-बीस मिनट का है, मगर यह फासला तय करने में बारह साल खर्च हुए। मोटा थुलथुल जिस्म, चौड़ा चौखटा और ऊपर से छोटा कद। इस चाल को देखने वालों को हंसी आती थी – पहलवान दिखते हो एक्टर नहीं।
Related image1 अगस्त1913 को भगवान दादा का जन्म एक मिल मजदूर के घर हुआ था। उनका असली नाम भगवान आभाजी पालव था। लेकिन उन्हें कुश्ती का बहुत शौक था जिस वजह से उनके नाम के साथ दादा जुड़ गया और वे भगवान दादा हो गए। शुरुआती दिनों में उन्होंने मजदूरी भी की, लेकिन उन्हें मजदूरी करने से ज्यादा एक्टिंग में रुचि थी। मूक सिनेमा के दौर में उन्होंने फिल्म 'क्रिमिनल' से बॉलीवुड में कदम रखा। फिल्मों में अभिनय करने के साथ-साथ उन्होंने फिल्म निर्माण में हाथ आजमाया। उन्होंने अलबेला (1951) जैसी फिल्म बनाई, जिससे उन्हें अच्छी खासी पहचान मिली।
Image result for bhagwan dada
"एक था अलबेला(भगवान दादा)" के  ‘स्लोमोशन स्टेप-डांस’ को बाद में अभिताम बच्चन, मिथुन चक्रवर्ती और गोविंदा  
शौक और जुनून क्या कुछ नहीं कराता। छोटे-छोटे स्टंट और मजाकिया रोल करके कुछ धन जमा किया। कुछ उधार लिया। एक छोटा-मोटा स्टूडियो लिया किराये पर। कुल पैंसठ हज़ार रुपये की लागत से फिल्म बनाई- बहादुर किसान। स्पाट ब्याय से लेकर प्रोड्यूसर-डायरेक्टर तक का काम खुद किया। स्टंट व एक्शन- थोड़ा सा कॉमेडी का तड़का। चाल और झुग्गी-झोंपड़ियों में रहने वाले कामगारों-मजदूरों के मध्य खासी लोकप्रिय।
भगवान दादा का फिल्मों के प्रति समर्पण और जुनून देख राज कपूर ने सोशल फिल्में बनाने का मश्विरा दिया। फिल्म क्या बनी, एक इतिहास ही रच डाला। सुपर-डुपर हिट। गीताबाली के साथ भगवान खुद नायक। दिल के भोले और देखन में प्यारेलाल। फिल्म थी- अलबेला(1951)। राजेंद्र कृष्ण के गीत और चितलकर रामचंद्र की धुनों पर थिरकते भगवान दादा- शोला जो भड़के दिल मेरा धड़के….और ओ भोली सूरत, दिल के खोटे, नाम बड़े और दर्शन छोटे… आज भी इतिहास के सफे फाड़ कर जब-तब कानों में गूंजते हैं।
ek-albela-Poster इन्हीं गानों में भगवान दादा का ‘स्लोमोशन स्टेप-डांस’ बहुत मशहूर हुआ। इधर परदे पर भगवान दादा नाचते और उधर थिएटर में दर्शक। इसी ‘स्लोमोशन स्टेप-डांस’ को बाद में अभिताम बच्चन, मिथुन चक्रवर्ती और गोविंदा ने परिमार्जित किया। अभिनय सम्राट दिलीप कुमार भी भगवान दादा स्टाइल में ठुमके लगाने से पीछे नहीं रहे। ट्रेजेडी देखिये कि दर्शक ओरीजनल को भूल कर नकलचियों में खो गये।
‘अलबेला’ की अपार सफलता के बाद झमेला, लाबेला और भला आदमी बनायीं। अति आत्मविश्वास ले डूबा। लगातार तीन फ्लाप शो।
शुरू हुआ शिखर से सिफ़र तक का रिटर्न सफ़र। एक एक करके सब बिक गया।
अवलोकन करें:--



संकट के दिनों में कल की चर्चित गायिका मीना कपूर को किसी ने नहीं पूछा आर.बी.एल.निगम, फिल्म समीक्षक अपने स्कूली दिनों से दिलों पर रा...
NIGAMRAJENDRA28.BLOGSPOT.COM


आर.बी.एल.निगम, फिल्म समीक्षक साल 1967 में सुनील दत्त और राजकुमार की बेहतरीन फिल्‍म आई थी ‘हमराज’। इसके गाने बहुत पॉपुलर हुए थे। ‘नीले गग...
nigamrajendra28.blogspot.com
Image result for bhagwan dadaकारों के शौकीन थे भगवान
भगवान दादा कारों के बहुत शौकीन थे। उनके पास 7 कारें थी। हर दिन के लिए एक कार। 1938 से 1949 तक उन्होंने कई कम बजट की एक्शन फिल्मों का डायरेक्शन किया। उन्होंने हॉरर फिल्म 'भेड़ी बंगला' (1949) बनाई थी। 1962 में जागृति स्टूडियो को खरीदकर उन्होंने जागृति पिक्स एंड भगवान आर्ट प्रोडक्शन के नाम से चेंबूर में प्रोडक्शन कंपनी भी शुरू की थी। राज कपूर की सलाह पर उन्होंने सोशल फिल्म 'अलबेला' बनाई, जिसमें उन्होंने खुद एक्टिंग की थी। इस फिल्म में उनके साथ गीता बाली लीड रोल में थी। फिल्म सुपरहिट रही। इसका गीत 'शोला जो भड़के' आज भी लोगों की जुबान पर है। 'अलबेला' के बाद उन्होंने सी. रामचंद्र और गीता बाली के साथ 'झमेला' (1953) और 'लाबेला' भी बनाई, लेकिन ये दोनों फिल्में फ्लॉप रहीं।
राज कपूर कहते थे इंडियन डगलस
भगवान दादा हॉलीवुड फिल्म एक्टर डगलस फेयरबैंक्स के फैन थे। इन्हीं से प्रभावित होकर वे भी बिना बॉडी डबल के अपने स्टंट खुद ही करते थे। उनके स्टंट इतने असली लगते थे कि राज कपूर उन्हें इंडियन डगलस कहते थे। फिल्म इंडस्ट्री में डांसरों की कमी की वजह से भगवान दादा ने फिल्म 'अलबेला' के गाने 'शोला जो भड़के' में फाइटर्स का इस्तेमाल किया था। बता दें कि उनकी फिल्मों के निगेटिव मुंबई के गोरेगांव में उनके गोदाम में रहते थे। 1940 की बात है इस गोदाम में आग लग गई और उनकी सारी फिल्मों के निगेटिव जल गए थे।
भगवान दादा निराश जरूर हुए मगर टूटे नहीं। अगले दिन से वही पुराना भगवान दादा। भाग्य चक्र उल्टा घूम गया। जिन्होंने कभी काम के लिये भगवान दादा के चक्कर लगाये, भगवान दादा काम के लिये उनके चक्कर लगा रहे थे। छोटा-मोटा जो भी रोल मिला लपक लिया। डायरेक्टर को सैल्यूट करते हुए शुक्रिया अदा किया – आज की रोटी का तो इंतज़ाम तो हुआ।


बेचना पड़ा था बंगला
Related imageउम्र बढ़ रही थी। बुढ़ापे के तमाम रोगों ने आ घेरा। बढ़िया इलाज के लिये जेब में पैसा नहीं। भगवान का फिल्मी करियर ज्यादा सफल नहीं रहा। कुछ ही सालों में उन्होंने फिल्में बनाना बंद करना पड़ा था। पैसों की तंगी के कारण उन्होंने अपना 25 कमरों वाला बंगला और सातों कारें बेचना पड़ी थी। भगवान के कुछ साथियों को छोड़कर बाकी सभी ने मुश्किल समय में उनका साथ छोड़ दिया। गरीबी के दिनों में सी. रामचंद्र, ओम प्रकाश और गीतकार राजेंद्र कृष्ण ने उनका काफी साथ दिया। ये लोग अक्सर उनसे मिलने आया करते थे। फिर वो दौर आया जब उनके हमदर्द भी एक एक कर दुनिया छोड़ गए। भगवान तनहा हो गए। बिलकुल टूटे और हताश। पैरालिसिस ने उन्हें व्हील चेयर तक सीमित कर दिया। बेटे-बेटियां उन्हें उनके हाल पर छोड़ कर चले गए। जबरदस्त हार्ट अटैक आया। कोई अस्पताल भी नहीं ले गया। अपने एक कमरे वाली चाल में 04 फरवरी 2002 को आखिरी सांस ली। उम्र 89 साल । तकरीबन चार सौ फिल्मों में काम कर चुके इस बंदे के आख़िरी सफ़र में चाल के कुछ लोग थे। सिनेमा की कोई नामी हस्ती नहीं थी। बता दें कि भगवान दादा के जीवन पर मराठी एक फिल्म बनीं थी 'एक अलबेला' नाम से। 2016 में आई इस फिल्म में विद्या बालन और मंगेश देसाई ने अभिनय किया था।
इनके एक थप्पड़ से इस एक्ट्रेस को मार गया था लकवा, बर्बाद हो गया करियर

इनके एक थप्पड़ से इस एक्ट्रेस को मार गया था लकवा, बर्बाद हो गया करियर

भगवान दादा की पहली फिल्म 1934 में आई 'हिम्मत-ए-मर्दां' थी। इसमें उनकी हीरोइन ललिता पवार थीं, जो उस दौर की ग्लैमरस एक्ट्रेस में से एक थीं। फिल्म के सेट पर को-एक्टर भगवान दादा ने उन्हें ऐसा थप्पड़ मारा कि वो दो दिन तक कोमा में रहीं। उन्हें फेशिअल पैरालिसिस हो गया। सीन में असलियत का अहसास लाने के लिए भगवान दादा ने थोड़ा ज्यादा ही कस कर थप्पड़ मार दिया जिससे ललिता पवार के आँख के करीब की एक नस फट गई. इस दुर्घटना के बाद ललिता पवार की एक आँख पहले की तरह पूरी तरह नहीं खुलती थी जिसकी वजह से उन्हें हिरोइन के बजाय चरित्र भूमिकाएं ही ऑफर की जाने लगी। हालांकि ललिता पवार ने चरित्र भूमिकाओं में भी अपनी अमित छाप छोड़ी. रामानंद सागर के टीवी धारावाहिक रामायण में मंथरा की भूमिका में ललिता पवार ने टीवी इतिहास में भी अपनी जगह पक्की करा ली। 
अब तो भगवान दादा को पहचानने वाली पीढ़ी भी लगभग विदाई की कगार पर है।
सनद रहे कि इतिहास में एक अलबेला भगवान होता था, भगवान दादा।

Comments

AUTHOR

My photo
shannomagan
To write on general topics and specially on films;THE BLOGS ARE DEDICATED TO MY PARENTS:SHRI M.B.L.NIGAM(January 7,1917-March 17,2005) and SMT.SHANNO DEVI NIGAM(November 23,1922-January24,1983)

Popular posts from this blog

राखी सावंत की सेक्सी वीडियो वायरल

बॉलीवुड की ड्रामा क्वीन राखी सावंत हमेशा अपनी अजीबो गरीब हरकत से सोशल मिडिया पर छाई रहती हैं। लेकिन इस बार वह अपनी बोल्ड फोटो के लिए चर्चे में हैं. उन्होंने हाल ही में एक बोल्ड फोटो शेयर की जिसमें वह एकदम कहर ढाह रही हैं. फोटो के साथ-साथ वह कभी अपने क्लीवेज पर बना टैटू का वीडियो शेयर करती हैं तो कभी स्नैपचैट का फिल्टर लगाकर वीडियो पोस्ट करती हैं. वह अपने अधिकतर फोटो और वीडियो में अपने क्लीवेज फ्लांट करती दिखती हैं. राखी के वीडियो को देखकर उनके फॉलोवर्स के होश उड़ जाते हैं. इसी के चलते उनकी फोटो और वीडियो पर बहुत सारे कमेंट आते हैं. राखी अपने बयानों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहती हैं.राखी अक्सर अपने रिलेशनशिप को लेकर हमेशा चर्चा में बनी रहतीं हैं. राखी कभी दीपक कलाल से शादी और लाइव हनीमून जैसे बयान देती हैं तो कभी चुपचाप शादी रचाकर फैंस को हैरान कर देती हैं. हंलाकि उनके पति को अजतक राखी के अलावा किसी ने नहीं देखा है. वह अपने पति के हाथों में हाथ डाले फोटो शेयर करती हैं लेकिन फोटो में पति का हाथ ही दिखता है, शक्ल नहीं. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर राखी जो भी शेयर करती हैं वह भी चर्चा ...

भोजपुरी एक्ट्रेस त्रिशा कर मधु का MMS…सोशल मीडिया पर हुआ लीक

सोशल मीडिया पर भोजपुरी एक्ट्रेस और सिंगर त्रिशा कर मधु का MMS लीक हो गया है, जिससे वो बहुत आहत हैं, एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां किया है, त्रिशा मधु ने इस बात को कबूल किया है कि वीडियो उन्होंने ही बनाया है लेकिन इस बात पर यकीन नहीं था कि उन्हें धोखा मिलेगा। गौरतलब है कि हाल ही में त्रिशा का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें वह एक शख्स के साथ आपत्तिजनक स्थिति में नजर आ रही थीं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद अभिनेत्री ने इसे डिलीट करने की गुहार लगाई साथ ही भोजपुरी इंडस्ट्री के लोगों पर उन्हें बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया। त्रिशा मधु कर ने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो के साथ पोस्ट लिखा है जिसमें कहा, आप लोग बोल रहे हैं कि खुद वीडियो बनाई है। हां, हम दोनों ने वीडियो बनाया थ। पर मुझे ये नहीं मालूम था कि कल को मेरे साथ धोखा होने वाला है। कोई किसी को गिराने के लिए इतना नीचे तक गिर जाएगा, यह नहीं पता था। इससे पहले त्रिशा ने वायरल हो रहे वीडियो पर अपना गुस्सा जाहिर किया था और कहा था कि उनको बदनाम करने को साजिश की जा रही है। त्रिशा मधु कर ने सोशल मीडिया पर ए...

Netflix फैला रहा हिन्दू घृणा : ‘हल्लिलूय्याह’ बन गया ‘अनंत आनंदम्’, बच्चों का यौन शोषण करने वाला हिन्दू बाबा

                             Netflix लो वेब सीरीज 'राणा नायडू' में वेंकटेश और राणा दग्गुबती भारत में आजकल गालियों और सेक्स को ही वेब सीरीज मान लिया गया है। इसमें अगर हिन्दू घृणा का छौंक लग जाए तो फिर कहना ही क्या। चाहे ‘पाताल लोक’ में पंडित के मुँह से माँ की गाली बुलवाने वाला दृश्य हो या फिर ‘मिर्जापुर’ में ब्राह्मण को लालची बता कर उसे उठा कर भगाने का, OTT पर धड़ाधड़ रिलीज हो रहे ये वेब सीरीज इन मामलों में निराश नहीं करते। ऐसी ही एक नई वेब सीरीज Netflix पर आई है, ‘राणा नायडू’ नाम की। हिन्दू भावनाओं के प्रति जितनी जागरूकता सरकार और हिन्दुओं में देखी जा रही है, उतनी कभी नहीं। 70 के दशक में वैश्यवृत्ति पर आधारित निर्माता-निर्देशक राम दयाल की फिल्म 'प्रभात' का प्रदर्शन हुआ, जिसे विश्व हिन्दू परिषद द्वारा नायक और नायिका के राम एवं सीता होने पर आपत्ति करने राम दयाल को दोनों के नाम परिवर्तित होने को मजबूर होना पड़ा था। इसके अलावा कई फिल्में आयी जिनमें हिन्दू मंदिरो को बदनाम किया जाता रहा है। यही कारण है कि राहुल गाँधी द्वा...