Skip to main content

इस्लाम नगर लिखने वालों पर ठोका 5 लाख रूपए का जुर्माना

आर,बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 

भारत में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में गली-कूचों के इस्लामिक नाम रखने का जो षड्यंत्र चल रहा था, उस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ के साहसिक निर्णय ने जो कुठाराघात किया है, अमरोहा के गौतम नगर के मुस्लिमों में जबरदस्त दहशत फ़ैल गयी है, गौतम नगर को इस्लाम नगर लिखने और कहने वाले छुपे-छुपे भाग रहे हैं। पिछली सरकार जो तुष्टिकरण को माई-बाप मान कोई कार्यवाही नहीं कर रही थी, लेकिन मुख्यमंत्री योगी द्वारा दुकानों या मकानों पर इस्लाम नगर लिखवा लिया था, उन पर 5-5 लाख रूपए जुर्माना वसूलने के आदेश देते ही, दिन-रात इस्लाम नगर पर रोगन मल बचने का प्रयास कर रहे हैं। और जिन नेताओं अथवा पार्टी के निर्देश या संरक्षण में यह घिनौना काम चल रहा था, कोई सामने नहीं आ रहा, पता नहीं किस कोप भवन में छुप गए। और मुसलमानों को तुष्टिकरण की आग में झोंक दिया। अभी भी समय है, मुस्लिम समाज ऑंखें खोले और अपने आपको दंगे की राजनीति से दूर रखें। क्योकि कोई भी इन्सान, धर्म अथवा जाति कुछ भी हो, अकेले दम पर किसी जगह का नाम बदलने का साहस नहीं कर सकता। 

गए दिन तुष्टिकरण के, बहुत मौज कर ली। अब जिस पर ये 5 लाख रूपए का जुर्माना लगेगा, कौन-सा नेता या पार्टी आकर उस मुसलमान की भरपाई करेगा, कोई माई का लाल आगे नहीं आएगा, क्योकि उस नेता अथवा पार्टी को मालूम है कि सामने आकर अपने पाओं पर खुद कुल्हाड़ी मारना।   

मुज़फ्फरनगर और कासगंज की तर्ज़ पर लगता है, देश में विकसित हो चुकी साम्प्रदायिक ताकतें उत्तर प्रदेश के अमरोहा में दंगे का जाल फैला चुकी हैं। और दंगे कर प्रदेश की योगी सरकार को बदनाम करने का षड्यंत्र खेला जा रहा है। और दंगा होने की स्थिति में जितने भी छद्दम धर्म-निरपेक्ष नेता और इनके संरक्षण में पल रहे #not in my name, award vapsi एवं mob lynching आदि बिलों से बाहर निकल सड़क से संसद तक विधवा-विलाप करते नज़र आने लगेंगे। कुछ की पत्नियों तक भारत में रहना असुरक्षित लगने लगेगा।

अवलोकन करें :--


आर. बी. एल. निगम योगी आदित्य नाथ न काहु से दोस्ती न काहु से बैर सभी दुर्बलों के साथ हो तुम तुम सन्यासी तुम भारतवासी तु.....
NIGAMRAJENDRA28.BLOGSPOT.COM


आर,बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार मुज़फ्फरनगर और कासगंज की तर्ज़ पर लगता है, देश में विकसित हो चुकी साम्प्रदायिक ताकतें उ....
NIGAMRAJENDRA28.BLOGSPOT.PE

आबादी 42% होते ही गौतमनगर बना ‘इस्लामनगर’!

पश्चिमी यूपी में जिहादी ताकतों के मंसूबों का नया मामला सामने आया है। यहां अमरोहा जिले के दलित आबादी वाले गौतमनगर इलाके का नाम बदलकर इस्लामनगर करने की कोशिश हो रही है। दरअसल इस इलाके में बीते कुछ साल में मुसलमानों की आबादी तेजी के साथ बढ़ी है। जिसके साथ ही कस्बे की दुकानों और दूसरे साइन बोर्ड पर गौतमनगर की जगह ‘इस्लामनगर’का नाम इस्तेमाल किया जा रहा है। शुरू में लोगों ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया। लेकिन तब मामला बढ़ जब यहां आने वाली मुसलमानों की चिट्ठियां भी ‘इस्लामनगर’ के पते पर ही आने लगीं। यहां रहने वाले हजारों दलित परिवार इस बदलाव से डर के साये में हैं। उन्हें अपने परिवारों की सुरक्षा का खतरा सता रहा है।

क्या है पूरा मामला?

अमरोहा जिले में गौतमनगर एक छोटा सा कस्बा है। यहां के मेन मार्केट में 70 से 75 छोटी-बड़ी दुकानें हैं। ये कस्बा आजादी से पहले का बसा हुआ है और शुरू से ही इसका नाम गौतमनगर हुआ करता था। बीते कुछ महीनों में दुकानों पर लगे बोर्ड पर गौतमनगर की जगह ‘इस्लामनगर’ लिखने का चलन शुरू हो गया। अब तक 20 से 25 दुकानों के बोर्ड पर गौतमनगर हटाकर ‘इस्लामनगर’ लिखा जा चुका है। लोगों ने इसकी शिकायत स्थानीय अधिकारियों से की तो पता चला कि पूरी सोची-समझी योजना के साथ नाम बदले जा रहे थे। अमरोहा के पुलिस अधीक्षक ने मीडिया से बातचीत में माना है कि ऐसी शिकायतें आई हैं। गौतमनगर में डेढ़ हजार के करीब दलित परिवार रहते हैं। उन्हें लग रहा है कि आने वाले दिनों में उन पर धर्मांतरण के लिए दबाव डालने के लिए हमले भी हो सकते हैं। ऐसा पश्चिमी यूपी और हरियाणा के कई इलाकों में पहले भी हो चुका है।

अमरोहा है निशाने पर

यूपी का ये जिला पिछले कुछ साल से इस्लामीकरण से गुजर रहा है। यहां की 12 लाख की आबादी में आज 42 फीसदी मुसलमान हैं। जबकि 21 फीसदी आबादी दलितों की है। दलित परिवार छोटे-मोटे काम करके गुजारा करते हैं। गौतमनगर और कुछ दूसरे इलाकों में हालात अधिक खराब हैं। माना जा रहा है कि लोकल मस्जिद की देख-रेख में इस पूरे इलाके को बीते 15 से 20 साल में ‘मिनी पाकिस्तान’ की शक्ल दी जा चुकी है। अखबार मेल टुडे ने एक लोकल हिंदू के हवाले से बताया है कि उन लोगों ने कुछ वक्त पहले पुलिस में इसकी शिकायत दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसका कहना है कि हिंदुओं पर दबाव है कि वो या तो धर्म बदल लें या घर-बार छोड़कर चले जाएं। जब भी लोग इस बारे में बात करते हैं तो लोकल मुसलमान उग्र हो जाते हैं।

दलितों के 'गौतम नगर' का नाम बदलकर 'इस्लाम नगर' किया

Amroh, Hindu-Muslim, Dalit Mohalla
अमरोहा की दलित महिलाओं ने मुस्लिमों पर
दबंगई करने का आरोप लगाया है. 
उत्तर प्रदेश के अमरोहा जनपद के कस्बा नोगावा सादात में मुस्लिमों पर दबंगई करने के आरोप लगे हैं। यहां मुस्लिम समुदाय के कुछ शरारती तत्वों ने दबंगई दिखाते हुए दलित मोहल्ले गौतम नगर का नाम बदलकर इस्लाम नगर कर दिया है।दबंगों ने दलितों को इतना डरा धमका दिया की दलित परिवार खौफ के साये में जीने को मजबूर है।  अमरोहा से बीजेपी के चेतन चौहान विधायक हैं और वे योगी सरकार में मंत्री भी हैं।दलितों ने इसकी शिकायत प्रशासन से भी की है। दलितों का आरोप है की प्रशासन ने उनकी समस्या पर कोई खास ध्यान नहीं दिया है, जिसके चलते वे दहशत में है। 
यूपी: मुस्लिमों पर दबंगई का आरोप, दलितों के 'गौतम नगर' का नाम बदलकर 'इस्लाम नगर' किया
अमरोहा में मुस्लिमों ने दलितों की बस्ती का नाम बदला.
वार्ड सभासद ने दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश में जुटे
दलित महिला प्रीतम सिंह ने बताया कि मुस्लिम हमें आकर धमकाते हैं, वे कहते हैं कि यह गौतम नगर नहीं, इस्लाम नगर है। वहीं एक अन्य दलित महिला ओमवती ने कहा कि वे आए दिन हमे धमकाते है। जब इस इस मामले में हमने गौतम नगर मोहल्ले के मौजूदा  वार्ड सभासद रईस अहमद से बात की तो उन्होंने बताया की बहुत पहले से यहां के हिन्दू और मुस्लिम मोहल्ले का अलग-अलग नाम इस्तेमाल करते है। कुछ समय पहले कुछ लोगों ने अपनी दुकानों के बोर्ड पर इस्लाम नगर लिख लिया था, जिसका विरोध दलितों ने किया था। इस बात को लेकर हमने कहा था की झगड़े से कोई फायदा नहीं है जो लिखा है उसे लिखा रहने दो पर दोनों ही तरफ के शरारती तत्वों ने बात बढ़ाने की कोशिश की। इसके बाद हमने थाना अध्यक्ष और दोनों पक्षों के लोगों को बिठाकर मामला निपटाने की कोशिश की। हम लोग चाहते हैं की सबकी एकता बनी रहे।
इतना सबकुछ होने पर न किसी मायावती की आवाज़ निकल रही है, न किसी जिग्नेश, अखिलेश, हार्दिक, राम नरेश, भीम सेना की, पता नहीं किस कोप भवन में फूलों की सेज़ पर बैठ 56 भोगों का आनन्द ले रहे हैं? क्यों नहीं दलितों पर हो रहे इस तरह के अत्याचारों और जबरदस्ती नाम बदलने पर योगी सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन करते कि "किसी हादसे के होने से पहले ही प्रदेश का माहौल ख़राब करने वालों के विरुद्ध सख्ती की जा रही?" लेकिन नहीं बोलेंगे, क्योकि तुष्टिकरण ने जिव्हा(जबान) जकड़ी हुई है। अगर अपने ही वोट बैंक के विरुद्ध आवाज़ बुलन्द करने पर वोट बैंक नाराज़ हो जाएगा। दलितों को तो जब चाहें अपनी मुट्ठी में कर सकते हैं, परन्तु मुस्लिम वोट बैंक रूठ गया, रोटियों के लाले पड़ जाएंगे। जिन नेताओं की ऐसी सोंच होगी, कभी देश का भला नहीं कर सकते। संसद में पाकिस्तान पर सख्त कार्यवाही के लिए तो बोल सकते हैं, लेकिन भारत में जो पाकिस्तान समर्थक इनके संरक्षण में पल रहे हैं, उनके विरुद्ध आवाज़ उठाने का साहस किसी में नहीं। मुज़फ्फरनगर के बाद कासगंज को दंगे की आग में झोंक कर अब अमरोहा को दंगे के बारूद पर बैठा दिया गया है। 
जनमनास को समझना होगा कि दंगा होने पर बेकसूर जनमानस ही जान गंवाता है, चाहे वह किसी भी धर्म अथवा जाति से सम्बन्ध रखता हो, जनमानस का घर, परिवार ही बर्बाद होता है, किसी नेता नहीं। 1947 से लेकर अब तक भारत में एक से बढ़कर एक भीषण दंगा हुआ, चाहे बंटवारे को लेकर हुआ हो, महात्मा गाँधी और इन्दिरा गाँधी के वध पर हो या किसी भी अन्य साम्प्रदायिक दंगा, जितना नुकसान आम जनमानस का हुआ है, क्या इसका 1% भी किसी नेता का सुना? 
लगभग 3 वर्ष पूर्व भाजपा बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के डॉ आर.बालाशंकर की अध्यक्षता में साम्प्रदायिक सौहार्द पर चर्चा का आयोजन किया गया था, जिसमे रामपुर के शाहबुद्दीन ने बताया कि "आज जिसे देखो सिर्फ गोधरा ही रोता रहता है, लेकिन उन्हें नहीं मालूम की कांग्रेस के कार्यकाल में हुए 25,000 दंगों में 7 लाख मुसलमानों की जानें गयीं, फिर भी मुसलमान कांग्रेस को अपना हितैषी मानती है।" उस समय एक हिन्दी पाक्षिक को सम्पादित करते, प्रमुखता से सम्पादकीय पृष्ठ(3) पर प्रकाशित किया था, जबकि उस चर्चा में भाग ले रहे, लगभग सभी मीडिया ने ब्लैकआउट किया, क्योकि इस समाचार से उनकी टीआरपी नहीं बढ़ती।     
कुछ दिन से सोशल मीडिया पर कुछ मुस्लिम मित्रों द्वारा एक अभियान चल रहा था, कि "श्रीलंका और नेपाल में भी मुस्लिम रहते हैं, लेकिन वहाँ दंगे नहीं होते, क्योकि वहां संघ नहीं है।" ख़ुशी है कि मेरे मुस्लिम मित्रों ने कुछ सीमा तक सच्चाई के पास जाने का प्रयत्न किया, वह यह कि संघ को तो निशाना बना दिया, परन्तु यह नहीं कहा कि "वहाँ भारत की तरह वोट के भूखे नेता नहीं हैं, जो अपने निजी स्वार्थ के लिए जनता को लड़वाते रहते हैं; वहाँ राष्ट्र गान गाने पर मुस्लिमों को उकसाने वाला नेता नहीं। वहाँ मुस्लिमों को दूसरे चश्मे से देखने वाले किसी नेता का जन्म ही नहीं हुआ।" आदि आदि। अब चीन को ही लें, इस्लाम पर कितनी पाबन्दियाँ लग रही हैं, लेकिन किसी में सरकारी आदेश का उलंघन करने का साहस नहीं।        
गौतम नगर का नाम बदलने नहीं देंगे: बीजेपी
जबकि इस मामले में कस्बा नोगावा सादात के ही रहने वाले भाजपा के मुस्लिम कार्यकर्ता आफताव आडवाणी ने बताया की कुछ पाकिस्तान प्रेमी लोगों ने सपा सरकार में  मोहल्ला गौतम नगर का नाम बदलने की कोशिश की थी, जिसका हमने उस समय भी विरोध किया था, हम नाम बिलकुल नहीं बदलने देंगे। अब फिर कुछ लोग ऐसा करना चाहते हैं, जिसके लिए मैं खुद मौके पर गया था। लोगों से बात की है और अगर कोई ऐसा करेगा तो उसे कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। 
अपनी अपनी गलियों का नाम गौतम नगर और इस्लाम नगर रखते है। किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं है पर कुछ असामाजिक तत्वों ने इस मामले को उछाला है। हमने दो दिन पहले इन लोगों का सभासद की मौजूदगी में समझौता भी कराया था। जहां तक बात है आधार कार्ड में मोहल्ले का नाम लिखने की है तो वह व्यक्ति द्वारा बताने पर लिखा जाता है, लेकिन वोटर आईडी में इस मोहल्ले का नाम बुध बाजार ही है। 
राज्य सरकार में मंत्री चेतन चौहान ने पूरे मामले में जानकारी होने से इनकार करते हुए कहा की अगर कोई नाम बदलना चाहता है, तो वह बकायदा जिलाधिकारी के मार्फत मेरे पास आएगा तब देखेंगे, लेकिन ऐसा कोई कुछ करने नहीं जा रहा है। 

Comments

AUTHOR

My photo
shannomagan
To write on general topics and specially on films;THE BLOGS ARE DEDICATED TO MY PARENTS:SHRI M.B.L.NIGAM(January 7,1917-March 17,2005) and SMT.SHANNO DEVI NIGAM(November 23,1922-January24,1983)

Popular posts from this blog

राखी सावंत की सेक्सी वीडियो वायरल

बॉलीवुड की ड्रामा क्वीन राखी सावंत हमेशा अपनी अजीबो गरीब हरकत से सोशल मिडिया पर छाई रहती हैं। लेकिन इस बार वह अपनी बोल्ड फोटो के लिए चर्चे में हैं. उन्होंने हाल ही में एक बोल्ड फोटो शेयर की जिसमें वह एकदम कहर ढाह रही हैं. फोटो के साथ-साथ वह कभी अपने क्लीवेज पर बना टैटू का वीडियो शेयर करती हैं तो कभी स्नैपचैट का फिल्टर लगाकर वीडियो पोस्ट करती हैं. वह अपने अधिकतर फोटो और वीडियो में अपने क्लीवेज फ्लांट करती दिखती हैं. राखी के वीडियो को देखकर उनके फॉलोवर्स के होश उड़ जाते हैं. इसी के चलते उनकी फोटो और वीडियो पर बहुत सारे कमेंट आते हैं. राखी अपने बयानों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहती हैं.राखी अक्सर अपने रिलेशनशिप को लेकर हमेशा चर्चा में बनी रहतीं हैं. राखी कभी दीपक कलाल से शादी और लाइव हनीमून जैसे बयान देती हैं तो कभी चुपचाप शादी रचाकर फैंस को हैरान कर देती हैं. हंलाकि उनके पति को अजतक राखी के अलावा किसी ने नहीं देखा है. वह अपने पति के हाथों में हाथ डाले फोटो शेयर करती हैं लेकिन फोटो में पति का हाथ ही दिखता है, शक्ल नहीं. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर राखी जो भी शेयर करती हैं वह भी चर्चा ...

भोजपुरी एक्ट्रेस त्रिशा कर मधु का MMS…सोशल मीडिया पर हुआ लीक

सोशल मीडिया पर भोजपुरी एक्ट्रेस और सिंगर त्रिशा कर मधु का MMS लीक हो गया है, जिससे वो बहुत आहत हैं, एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां किया है, त्रिशा मधु ने इस बात को कबूल किया है कि वीडियो उन्होंने ही बनाया है लेकिन इस बात पर यकीन नहीं था कि उन्हें धोखा मिलेगा। गौरतलब है कि हाल ही में त्रिशा का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें वह एक शख्स के साथ आपत्तिजनक स्थिति में नजर आ रही थीं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद अभिनेत्री ने इसे डिलीट करने की गुहार लगाई साथ ही भोजपुरी इंडस्ट्री के लोगों पर उन्हें बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया। त्रिशा मधु कर ने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो के साथ पोस्ट लिखा है जिसमें कहा, आप लोग बोल रहे हैं कि खुद वीडियो बनाई है। हां, हम दोनों ने वीडियो बनाया थ। पर मुझे ये नहीं मालूम था कि कल को मेरे साथ धोखा होने वाला है। कोई किसी को गिराने के लिए इतना नीचे तक गिर जाएगा, यह नहीं पता था। इससे पहले त्रिशा ने वायरल हो रहे वीडियो पर अपना गुस्सा जाहिर किया था और कहा था कि उनको बदनाम करने को साजिश की जा रही है। त्रिशा मधु कर ने सोशल मीडिया पर ए...

Netflix फैला रहा हिन्दू घृणा : ‘हल्लिलूय्याह’ बन गया ‘अनंत आनंदम्’, बच्चों का यौन शोषण करने वाला हिन्दू बाबा

                             Netflix लो वेब सीरीज 'राणा नायडू' में वेंकटेश और राणा दग्गुबती भारत में आजकल गालियों और सेक्स को ही वेब सीरीज मान लिया गया है। इसमें अगर हिन्दू घृणा का छौंक लग जाए तो फिर कहना ही क्या। चाहे ‘पाताल लोक’ में पंडित के मुँह से माँ की गाली बुलवाने वाला दृश्य हो या फिर ‘मिर्जापुर’ में ब्राह्मण को लालची बता कर उसे उठा कर भगाने का, OTT पर धड़ाधड़ रिलीज हो रहे ये वेब सीरीज इन मामलों में निराश नहीं करते। ऐसी ही एक नई वेब सीरीज Netflix पर आई है, ‘राणा नायडू’ नाम की। हिन्दू भावनाओं के प्रति जितनी जागरूकता सरकार और हिन्दुओं में देखी जा रही है, उतनी कभी नहीं। 70 के दशक में वैश्यवृत्ति पर आधारित निर्माता-निर्देशक राम दयाल की फिल्म 'प्रभात' का प्रदर्शन हुआ, जिसे विश्व हिन्दू परिषद द्वारा नायक और नायिका के राम एवं सीता होने पर आपत्ति करने राम दयाल को दोनों के नाम परिवर्तित होने को मजबूर होना पड़ा था। इसके अलावा कई फिल्में आयी जिनमें हिन्दू मंदिरो को बदनाम किया जाता रहा है। यही कारण है कि राहुल गाँधी द्वा...