काशी के दालमंडी में धरती के नीचे बस रहे इस शहर का हैरतअंगेज और चौंका देने वाला खुलासा आधी रात को तब हुआ, जब कप्तान आरके भारद्वाज गश्त पर निकले। एसएसपी जनवरी 15 देर रात चौक थाना पहुंचे।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित पूर्वांचल के सबसे बड़े बाजार और सैकड़ों साल पुराने बाजार दालमंडी इलाके से अतिक्रमण हटाने के बाबत पूर्व में दिए निर्देश का निरीक्षण करने पहुंचे एसएसपी की नजर लंगड़ा हाफिज मस्जिद के सामने एक कटरे में बेसमेंट से निकलती रोशनी पड़ी।
पुराने मकान में बेसमेंट निर्माण की बात पता चलने पर पार्किंग की व्यवस्था देखने के लिए उत्सकुतावश एसएसपी तहखाने में नीचे उतर गए। वहां पहुंचकर कप्तान की आंखें खुली की खुली रह गयीं।
कप्तान के साथ चौक पुलिस भी हैरान रह गई, क्योंकि कटरे का मुहाना दालमंडी से शुरू हुआ और बेनियाबाग पार्क की तरफ जाने वाले रास्ते पर जाकर खत्म हुआ। बेसमेट मे लगभग 40 बिस्वा में अंदर एक के बाद एक कई कटरे बने थे। जैसे-जैसे पड़ताल आगे बढ़ती गई, चौंकाने वाले सच निकलते गए।
बाबा विश्वनाथ के आंगन से महज कुछ दूरी पर धरती के अंदर बस गए। इस मिनी शहर ने सबके पसीने छुड़ा दिए। बता दें कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के अति संवेदनशील यलो जोन से इसकी दूरी करीब सौ मीटर है।ऐसे में मंदिर की सुरक्षा मे सेंध लगने की बात को भी नकारा नहीं जा सकता।
हैरान कप्तान ने एक ओर जहां लोकल पुलिस की क्लास लेते हुए पूरे इलाके की रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया, वहीं जिला प्रशासन, नगर निगम और वीडीए को इसकी सूचना दी है। इस खुलासे के बाद सुरक्षा एजेंसियां एलर्ट हो गई हैं।
वास्तव में बात ही हैरान करने वाली है कि जमीन के नीचे लगभग शहर बस गया और नगर निगम से लेकर राज्य सरकार तक को इसकी सूचना नहीं। बात गले नहीं उतरती। बिजली, पानी और अन्य सुविधाएँ किसके कहने पर प्रदान की गयीं थीं? आखिर कौन हैं इस अवैध बस्ती में रहने वाले और कहाँ से आए? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस विकट समस्या का संज्ञान लेकर इस अवैध बस्ती बसाने वालों और इस अवैंध बस्ती में जनसुविधाएँ प्रदान करने वालों को दण्डित करना चाहिए।
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