आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
जम्मू कश्मीर के पुलवामा के लेथपोरा सीआरपीएफ कैम्प पर फिदायीं हमला करने वाले तीसरे आतंकवादी की खोजबीन जनवरी 1, 2018 तड़के ही फिर से शुरू कर दी गयी है. इससे पहले दिसंबर 31 की रात को दो आतंकियों को जवानों ने मार गिराया था, लेकिन उनका तीसरा साथी बच निकला था. तीसरे आतंकी को खोजने का अभियान अंधेरे के कारण रोक दिया गया था. मारे गए दोनों आतंकी कश्मीर के ही हैं. इनकी पहचान होते ही पुलिस की नींद उड़ गयी है. इनकी पहचान पुलवामा के मंजूर अहमद बाबा और त्राल के फरदीन अहमद के रूप में हुई है. आतंकियों में एक जम्मू-कश्मीर पुलिस के सिपाही का बेटा भी शामिल हैं. उसके पिता गुलाम मोहम्मद खांडे आईजी की सुरक्षा में तैनात था. इस घटना के बाद उसे सुरक्षा से हटा दिया गया है. इस आतंकी हमले में पांच जवान भी शहीद हो गए. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश जवानों और उनके परिवार वालों के साथ खड़ा है. हम अपने जवानों की शहादत को बेकार नहीं जाने देंगे.
नूर मोहम्मद तांत्रेय की मौत का बदला
सीआरपीएफ कैंप पर आतंकियों ने हमला कर पांच जवानों को शहीद कर दिया. इस हमले में तीन जवान घायल है। सुरक्षा बलों ने भी दो आतंकियों को मार गिराया। इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने लेते हुए कहा है कि यह पांच दिन पहले पुलवामा में मारे गए आतंकी नूर मोहम्मद तांत्रेय की मौत का बदला है।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ कैम्प पर हमला करने वाले दो आतंकियों की पहचान हो गई है। ये दोनों जम्मू-कश्मीर के ही रहने वाले थे। इनमें से एक जम्मू-कश्मीर पुलिस में तैनात पुलिस अफसर का 17 साल का बेटा है। बता दें कि शनिवार-रविवार की दरमियानी रात करीब दो बजे इस सीआरपीएफ कैम्प पर फिदायीन हमला हुआ था। इस दौरान सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हो गए थे। दो आतंकी मारे गए थे। इनकी पहचान अब सामने आई है।
ऐसे हुआ हमला
आतंकियों ने भारी हथियारों से लैस होकर लेथपोरा के 185 बटालियन कैंप के मेन गेट पर तैनात संतरी पर बम फेंका। फिर अंधाधुंध फायरिंग करते हुए अंदर एक इमारत में घुस गए. जवानों ने मोर्चा संभाला और गोलीबारी शुरू हो गयी। सीआरपीएफ ने बताया कि आतंकी मंजूर अहमद बाबा और फरदीन अहमद खांडे के शव बरामद हो गए है। दोनों कश्मीर के ही थे. खांडे पुलिस के सिपाही का बेटा था।
- हमले में फोर्स के पांच जवान शहीद हुए। दो आतंकियों को कड़ी मशक्कत के बाद मार गिराया गया।
- जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद ने बताया कि दो-तीन दिन पहले से इस बात की खुफिया सूचना थी कि आतंकी हमला करने की फिराक में हैं। वैद ने कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकी भेजता रहेगा, तब तक सुरक्षा बलों और लोगों को ऐसे हमलों का सामना करना पड़ेगा।
- एहतियात के तौर पर घाटी में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई।
- जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद ने बताया कि दो-तीन दिन पहले से इस बात की खुफिया सूचना थी कि आतंकी हमला करने की फिराक में हैं। वैद ने कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकी भेजता रहेगा, तब तक सुरक्षा बलों और लोगों को ऐसे हमलों का सामना करना पड़ेगा।
- एहतियात के तौर पर घाटी में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई।
पाकिस्तान ने साल के आखिरी दिन भी संघर्ष-विराम का उल्लंघन किया. जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा पर उसने दिनभर रुक-रुककर फायरिंग की. राजौरी के नौशहरा सेक्टर में गोली लगने से सेना के जवान जगसीर सिंह शहीद हो गए. इस साल संघर्ष-विराम उल्लंघन के 881 मामले हुए हैं. यह 7 वर्षों में सबसे अधिक है.
हमले के बाद इंटरनेट सेवा बंद
जम्मू-कश्मीरके डीजीपी एसपी वैद ने बताया कि दो-तीन दिन पहले से इस बात की खुफिया सूचना थी कि आतंकी हमला करने की फिराक में हैं. संभवत: उन्हें जगह नहीं मिल रही थी, इसलिए उन्होंने रात में हमला किया. मुठभेड़ और सर्च ऑपरेशन देर रात तक चला. वैद ने कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकी भेजता रहेगा, तब तक सुरक्षा बलों और लोगों को ऐसे हमलों का सामना करना पड़ेगा.
10th का स्टूडेंट था एक फिदायीन हमलावर
- पुलवामा अटैक के दौरान मारे गए दो आतंकियों की पहचान हो गई है। इनमें से एक का नाम मंजूर अहमद बाबा, जबकि दूसरे का नाम फरदीन अहमद खांडे है।
- बाबा पुलवामा का ही रहने वाला था, जबकि खांडे बुरहान वानी के इलाके त्राल का था।
- फरदीन अहमद खांडे के बारे में हैरान करने वाली बात सामने आई है। खांडे के पिता गुलाम मोहम्मद खांडे जम्मू-कश्मीर पुलिस में ही अफसर हैं।
- एक और चौंकाने वाली बात ये है कि फरदीन महज 17 साल का था और 10th क्लास में पढ़ता था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वो तीन महीने पहले ही जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा था।
- बाबा पुलवामा का ही रहने वाला था, जबकि खांडे बुरहान वानी के इलाके त्राल का था।
- फरदीन अहमद खांडे के बारे में हैरान करने वाली बात सामने आई है। खांडे के पिता गुलाम मोहम्मद खांडे जम्मू-कश्मीर पुलिस में ही अफसर हैं।
- एक और चौंकाने वाली बात ये है कि फरदीन महज 17 साल का था और 10th क्लास में पढ़ता था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वो तीन महीने पहले ही जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा था।
4 फीट के आतंकी तांत्रेय की मौत का बदला
- हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सिर्फ पांच दिन पहले सिक्युरिटी फोर्सेस ने जैश के मोस्ट वॉन्टेड टेररिस्ट नूर मोहम्मद तांत्रेय को एनकाउंटर में मार गिराया था। नूर की हाइट सिर्फ 4 फीट थी और सिक्युरिटी एजेंसियों को लंबे वक्त से उसकी तलाश थी।
- माना जा रहा है कि जैश ने तांत्रेय की मौत का बदला लेने के लिए ही सीआरपीएफ कैम्प को निशाना बनाया।
- बता दें कि पिछले साल 1-2 जनवरी की रात आतंकियों ने इसी तरह पठानकोट वायुसेना बेस पर हमला किया था। 80 घंटे तक चली उस कार्रवाई में 7 जवान शहीद हो गए थे। सभी 6 आतंकी भी मारे गए थे।
- माना जा रहा है कि जैश ने तांत्रेय की मौत का बदला लेने के लिए ही सीआरपीएफ कैम्प को निशाना बनाया।
- बता दें कि पिछले साल 1-2 जनवरी की रात आतंकियों ने इसी तरह पठानकोट वायुसेना बेस पर हमला किया था। 80 घंटे तक चली उस कार्रवाई में 7 जवान शहीद हो गए थे। सभी 6 आतंकी भी मारे गए थे।
शहीद जवानों के नाम
इंस्पेक्टरकुलदीप राय, हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश
हेड कांस्टेबल तौफेल अहमद, जम्मू-कश्मीर
कांस्टेबल शरीफुद्दीन गनी, जम्मू-कश्मीर
कांस्टेबल राजेंद्र नैण, चुरू, राजस्थान
कांस्टेबल पीके पंडा, ओडिशा (एजेंसी इनपुट)
हेड कांस्टेबल तौफेल अहमद, जम्मू-कश्मीर
कांस्टेबल शरीफुद्दीन गनी, जम्मू-कश्मीर
कांस्टेबल राजेंद्र नैण, चुरू, राजस्थान
कांस्टेबल पीके पंडा, ओडिशा (एजेंसी इनपुट)
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