1. सूर्य को जल चढ़ाएं
मकर संक्रांति पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, इसी वजह से इस दिन को मकर संक्रांति कहा जाता है। सूर्य के राशि परिवर्तन की वजह से इस दिन का ज्योतिष में भी काफी अधिक महत्व बताया गया है। इस राशि परिवर्तन का असर सभी राशि के लोगों पर होता है। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य अशुभ फल देने वाले हैं, वे लोग मकर संक्रांति पर सूर्य को जल अवश्य चढ़ाएं।
इस दिन सुबह जल्दी उठें, स्नान आदि कर्मों के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। मकर संक्रांति से शुरू करके ये उपाय रोज करें। इससे सूर्य के दोष शांत होते हैं और समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है।
2. कुछ देर सूर्य की रोशनी में जरूर बैठें
मकर संक्रांति से ठंड का असर कम होना शुरू हो जाएगा। इस दिन सूर्य की किरणें हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद रहती हैं। त्वचा की चमक बढ़ती है और शरीर को ऊर्जा मिलती है। सूर्य की किरणों के चमत्कारी असर को देखते हुए ही इस दिन पतंग उड़ाने की प्राचीन परंपरा चली आ रही है।
3. तिल-गुड़ का सेवन करें
सर्दी के दिनों में समय-समय पर तिल और गुड़ का सेवन करते रहना चाहिए। तिल और गुड़ की तासीर गर्म होती है जो कि हमारे शरीर को भी गर्मी प्रदान करती है। तिल-गुड़ की इसी विशेषता को ध्यान में रखते हुए मकर संक्रांति पर इनका सेवन करने की परंपरा बनाई गई है। संक्रांति के समय ठंड का मौसम पूरे प्रभाव में होता है, उस समय तिल-गुड़ ही हमारे सर्दी से संबंधित बीमारियों से बचाते हैं।
सावधानी- तिल और गुड़ की तासीर गर्म होने के कारण इनका सेवन उन लोगों को नहीं करना चाहिए, जिन्हें डॉक्टर्स ने गर्म तासीर की चीजें खाने से मना किया है।
4. तिल का दान करें
ज्योतिष के अनुसार इस दिन सभी राशि के लोगों को तिल का दान करना चाहिए। संक्रांति पर तिल खाना और तिल का दान करना सबसे अच्छा और असरदार उपाय है। तिल के दान से आपकी कुंडली के कई दोष दूर हो जाएंगे। विशेष रूप से कालसर्प, शनि की साढ़ेसाती और ढय्या, राहु-केतु के दोष दूर होते हैं।
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