| सम्बूरा इलाके में हुए एनकाउंटर में जैश-ए-मोहम्मद का वॉन्टेड टेररिस्ट नूर मोहम्मद तांत्रेय मारा गया। |
यह आतंकी श्रीनगर एयरपोर्ट पर मौजूद बीएसएफ कैम्प पर इसी साल हुए हमले के बाद से वॉन्टेड था. वह एक आतंकी मामले में 2003 में दोषी करार दिया जा चुका था. 2015 में उसे पेरोल मिला. उसके बाद फरार हो गया और फिर जैश से जुड़ गया.
3 फीट थी लम्बाई
47 साल के इस जैश के आतंकी की लंबाई सिर्फ 3 फीट थी. सिक्युरिटी फोर्सेस ने उसके खिलाफ ऑपरेशन दिसंबर 25 की रात शुरू किया था. उसकी कई मामलों में तलाश थी
पुलिस सूत्रों ने बताया कि तांत्रेय का मारा जाना एक अहम कामयाबी है. पुलिस के मुताबिक, तांत्रेय के बारे में क्रैक टीम को सुराग मिले थे. इसके बाद उसे सम्बूरा इलाके के एक मकान में घेरा गया.
काफी देर चली फायरिंग में वो मारा गया. श्रीनगर एयरपोर्ट के बीएसएफ कैंप पर किए गए हमले में तांत्रेय का हाथ था. इसके बाद से ही सिक्युरिटी फोर्सेस के लिए सिरदर्द बना हुआ था. उसे नूर त्राली के नाम से भी जाना जाता था.
दक्षिण और मध्य कश्मीर में हुए कई आतंकी हमलों में तांत्रेय का हाथ था. पुलिस सूत्र भी इसकी पुष्टि करते है.। जैश के मोहम्मद के लिए तांत्रेय का मारा जाना एक बड़ा झटका और सिक्युरिटी फोर्सेस के लिए अहम कामयाबी है.
पुलिस सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि तांत्रेय का मारा जाना एक अहम कामयाबी है। पुलिस के मुताबिक, तांत्रेय के बारे में क्रैक टीम को सुराग मिले थे। इसके बाद उसे सम्बूरा इलाके के एक मकान में घेरा गया। काफी देर चली फायरिंग में वो मारा गया। श्रीनगर एयरपोर्ट के बीएसएफ कैंप पर किए गए हमले में तांत्रेय का हाथ था। इसके बाद से ही सिक्युरिटी फोर्सेस के लिए सिरदर्द बना हुआ था। उसे नूर त्राली के नाम से भी जाना जाता था।
पेरोल के बाद हुआ फरार
- तांत्रेय के खिलाफ साल 2003 में दिल्ली में केस फाइल किया गया था। वो श्रीनगर की सेंट्रल जेल में बंद था। 2015 में उसे पेरोल दिया गया।
- इसके बाद वो त्राल में एक्टिव में हो गया। यहां वो जैश-ए-मोहम्मद के लिए काम कर रहा था।
- जुलाई 2017 में अरीपाल इलाके में सेना और जैश के आतंकियों के बीच एनकाउंटर हुआ। तीन आतंकी मारे गए लेकिन तांत्रेय भागने में कामयाब हो गया। इसके बाद से ही वो हमलों को अंजाम दे रहा था।
- साउथ और सेंट्रल कश्मीर में हुए कई आतंकी हमलों में तांत्रेय का हाथ था। पुलिस सूत्र भी इसकी पुष्टि करते हैं। जैश के मोहम्मद के लिए तांत्रेय का मारा जाना एक बड़ा झटका और सिक्युरिटी फोर्सेस के लिए अहम कामयाबी है।
- इसके बाद वो त्राल में एक्टिव में हो गया। यहां वो जैश-ए-मोहम्मद के लिए काम कर रहा था।
- जुलाई 2017 में अरीपाल इलाके में सेना और जैश के आतंकियों के बीच एनकाउंटर हुआ। तीन आतंकी मारे गए लेकिन तांत्रेय भागने में कामयाब हो गया। इसके बाद से ही वो हमलों को अंजाम दे रहा था।
- साउथ और सेंट्रल कश्मीर में हुए कई आतंकी हमलों में तांत्रेय का हाथ था। पुलिस सूत्र भी इसकी पुष्टि करते हैं। जैश के मोहम्मद के लिए तांत्रेय का मारा जाना एक बड़ा झटका और सिक्युरिटी फोर्सेस के लिए अहम कामयाबी है।
पुलिस ने क्या कहा
जम्मू-कश्मीर के आईजीपी मुनीर खान ने कहा हमें जैश के इस आतंकी के बारे में जानकारी मिली थी. वो जैश के सभी हमलों का मास्टरमाइंड था. एनकाउंटर मंगलवार सुबह तक चला. जैश का यह आतंकी मारा गया. इसके पास से 1 एके 56, पिस्टल और बुलेट मैगजीन बरामद की गई हैं.
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