आर.बी.एल.निगम
सर्दी का मौसम आ गया है और हर बार की तरह दिल्ली में धुंध का प्रकोप भी शुरू हो गया है। हर साल की तरह इस बार की धुंध भी लोगों को परेशान कर रही है। धुंध ठंड की वजह से नहीं बल्कि वजह बढ़ता प्रदूषण है। बता दें कि यह FOG नहीं SMOG है।राजधानी दिल्ली में नवंबर 7 की सुबह की शुरुआत एक ठंडी धूंध के साथ हुई है।
जबकि भारतीय संस्कृति में विश्वास करने वालों का मत है कि कार्तिक गंगा नहान उपरान्त ऐसी स्थिति हो जाती है। क्योकि यदि हिन्दू त्यौहारों की पृष्ठभूमि का मन्थन करने पर यह बात स्पष्ट हो जाती है कि हर त्यौहार आने वाले मौसम का संकेत देता है। लेकिन पश्चिमी सभ्यता की चादर ओढ़ने के कारण जनमानस भारतीय संस्कृति को बिल्कुल भूल चुके हैं। इस कथन में सच्चाई भी है। कहते हैं, सावन के बाद भादों आता है, फिर श्राद्ध और यहाँ से मौसम में ठहराओ प्रारंम्भ होता है, श्राद्ध के बाद नवरात्रे से मीठी-मीठी ठण्ड यानि ठण्ड का शंखनाद हो जाता है, जो कार्तिक गंगा नहान से ठण्ड अपने यौवन पर आने लगती है, जो बसंत पंचमी से गिरावट जो शुरू होती है, होली यानि दुलैण्डी के दिन पानी गिरते ही गर्मी का आगाज हो जाता है।
दूसरा तर्क यह भी दिया जा रहा है कि शहरों के आसपास पेड़-पौधे जंगल होते थे, आज विकास और विस्तार के नाम पर खेतों और जंगल की जगह गगनचुम्बी इमारतें बन गयीं हैं। खैर, आज विज्ञानं के दौर में भारतीय संस्कृति की बात करना रूढ़िवादी कहा जायेगा।
पूरी दिल्ली धुंध की चादर से घिरी हुई दिखाई दे रही है। दिल्ली के इंडिया गेट, राष्ट्रपति भवन, लाल किला जैसी इमारतों को पास देखना मुश्किल हो गया। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरे 6 गुना बढ़ गया है।
बता दें कि सुबह 8 बजे तक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 396 थी,जो कि बहुत बुरा था। दिवाली के बाद दूसरी बार दिल्ली ऐसी गंभीर श्रेणी में आई है। हालांकि, मौसम विभाग ने इस बारे में कहा कि दिल्ली कोहरे पड़ रहा है धुंध नहीं पड़ रहा है।
दिल्ली के मुख्यमन्त्री अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, " दिल्ली गैस चैम्बर बन चुकी है। साल के इस समय में हर साल यही होता है। हमें कोई न कोई हल निकालना होगा आसपास के राज्यों में इसको कम करने का।
दिल्ली के मुख्यमन्त्री अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, " दिल्ली गैस चैम्बर बन चुकी है। साल के इस समय में हर साल यही होता है। हमें कोई न कोई हल निकालना होगा आसपास के राज्यों में इसको कम करने का।
NCR में सबसे लो क्वालिटी वाली हवा
पश्चिम दिल्ली रहा सबसे ज्यादा प्रभावित
बता दें कि पश्चिम दिल्ली में शादीपुर के पास के क्षेत्र में सुबह 9.30 बजे सबसे खराब हवा की गुणवत्ता पाई गई है। वहीं आनंद विहार क्षेत्र, जो आमतौर पर अत्यधिक प्रदूषित होता है। वहां सुबह 9.30 बजे 405 का AQI पाया गया था। वहीं कम वीजिविलीटी के कारण दिल्ली एनसीआर में ट्रेफिक भी बहुत धीरे था। जिसके वजह से गाड़ीयों की लंबी लाइन लग गई थी।दिल्ली मेट्रो स्टेशनों के अंदर भी धुंधली हवा देखी गई थी।
दिल्ली ने एक अलग ही रूप ले लिया। प्रदूषण का हाल देखने लायक था। स्मॉग की इस मोटी चादर ने पूरे दिल्ली को ओढ़ रखा है। आज का प्रदूषण देखने लायक है। चारों तरफ ऐसा स्मॉग फैला हुआ है कि उसके अलावा कुछ और नजर ही नही आ रहा। यहां तक की लोगों को सांस लेने में भी बेहद परेशानी होने लगी है।
दिल्ली और दिल्ली एनसीआर नें इस साल का सबसे घातक प्रदूषण देखा जो दिवाली के अगले दिन से भी कहीं ज्यादा है। 21 में से 18 सक्रीय प्रदूषण रिकॉर्ड करके इसे बेहद खतरनाक बताया जा रहा है।
कई स्कूलों ने पेरेन्ट्स को नोटिस भी जारी कर दिया है और अपने-अपने बच्चों को प्रदूषण से बचाने के लिए मास्क भी पहनाने की सलाह दी। दिल्ली सरकार प्रदूषण को मद्दे नजर रखते हुए एक बार फिर से 'ऑड ईवेन' रूल शुरू करने का विचार कर रही है।
दिल्ली ने एक अलग ही रूप ले लिया। प्रदूषण का हाल देखने लायक था। स्मॉग की इस मोटी चादर ने पूरे दिल्ली को ओढ़ रखा है। आज का प्रदूषण देखने लायक है। चारों तरफ ऐसा स्मॉग फैला हुआ है कि उसके अलावा कुछ और नजर ही नही आ रहा। यहां तक की लोगों को सांस लेने में भी बेहद परेशानी होने लगी है।
दिल्ली और दिल्ली एनसीआर नें इस साल का सबसे घातक प्रदूषण देखा जो दिवाली के अगले दिन से भी कहीं ज्यादा है। 21 में से 18 सक्रीय प्रदूषण रिकॉर्ड करके इसे बेहद खतरनाक बताया जा रहा है।
कई स्कूलों ने पेरेन्ट्स को नोटिस भी जारी कर दिया है और अपने-अपने बच्चों को प्रदूषण से बचाने के लिए मास्क भी पहनाने की सलाह दी। दिल्ली सरकार प्रदूषण को मद्दे नजर रखते हुए एक बार फिर से 'ऑड ईवेन' रूल शुरू करने का विचार कर रही है।
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