उन्होंने लिखा, ‘ये सज्जन गालियों भरी भाषा में दसियों ट्वीट कर चुके हैं, लेकिन ‘ओवरटाइम’ नहीं कर रहे!’ इससे पहले भी पत्रकार ने ट्विटर पर कहा था कि उन्हें मजा चखाने के लिए कोई आबिद, कोई नकवी, कोई हैदर- लखनऊ, गुजरात, अफ्रीका में ओवरटाइम कर रहा है। इसके अलावा उन्होंने कहा है कि अगर उनके परिवार को धमकियां देकर अमन पसंद लोग अभिव्यक्ति की आजादी का जश्न मना रहे हैं तो मनाएं।
दरअसल रोहित सरदाना ने मलयाली फिल्म ‘सेक्सी दुर्गा’ के नाम पर अपने विचार रखते हुए कुछ दिनों पहले एक ट्वीट किया था और पूछा था, ‘अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब फिल्मों के नाम सेक्सी दुर्गा, सेक्सी राधा रखने में ही है क्या? क्या आपने कभी सेक्सी फातिमा, सेक्सी आएशा या सेक्सी मेरी जैसे नाम सुने हैं फिल्मों के?’ उनके इस ट्वीट को अपमानजनक बताते हुए शिया संप्रदाय के कुछ लोगों ने उनके खिलाफ हैदराबाद के दबीरपुरा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत के आधार पर सरदाना के खिलाफ आईपीसी की धारा 295-ए के तहत केस भी दर्ज किया गया था।
अब पद्मावती फिल्म का विरोध कर रहे लोगों पर जो लोग अभिव्यक्ति की आज़ादी की बात कहकर उनका विरोध कर रहे थे, क्यों नहीं आते रोहित के पक्ष में? यानि हिन्दू इतिहास/देवी-देवताओं को कलंकित करने में इन्हे कितना आनन्द आता है, और रोहित ने पलट वॉर किया तो पुलिस रिपोर्ट के अलावा धमकियाँ भी, आखिर ऐसा कब तक चलेगा? क्या सरकार ऐसे तत्वों पर नकेल डाल सख्त कार्यवाही करेगी?
एक हम हिन्दू हैं जो हँसते हुए अपनी गौरवविंत संस्कृति, इतिहास और देवी-देवताओं का अनादर बर्दाश्त करते रहते हैं। कहाँ है अब अवार्ड वापसी गैंग, mob lynching gang और इनके समर्थक?
एक हम हिन्दू हैं जो हँसते हुए अपनी गौरवविंत संस्कृति, इतिहास और देवी-देवताओं का अनादर बर्दाश्त करते रहते हैं। कहाँ है अब अवार्ड वापसी गैंग, mob lynching gang और इनके समर्थक?



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