असहिष्णुता केवल भारत में ही पाई जाती है यह तो मालूम चल गया है। भारत एक ऐसा राष्ट्र है जिसमे हर संभव धर्म, संस्कृति और परंपरा के लोग रहते हैं, फिर भी असहिष्णु का काला धब्बा क्यों? संभवतः क्योंकि भारत एक हिंदू राष्ट्र है और हिन्दू समुदाय एक आसान लक्ष्य, वे मौखिक रूप से भी कुछ नहीं करते।
भारत के दो पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश – लगातार धार्मिक असहिष्णुता के निर्बाध स्तरों को प्रदर्शित करते हुए अभी तक सुर्खियों में कभी नहीं रहे। पाकिस्तान ने विशेष रूप से हिंदुओं का व्यवस्थित नरसंहार किया और हिन्दू बलूचियों का भी नरसंहार जारी रखा है। लेकिन यह सब बहुत आसानी से नजरअंदाज कर दिया गया। अब बांग्लादेश से ऐसी असहिष्णुता का एक ऐसा उदाहरण आ रहा है कि सब हिन्दुओं के होश उड़ जाएंगे।
एक ट्वीट के मुताबिक, बांग्लादेश के कई मंदिरों में एक समय सारणी प्रदर्शित की गई है, जिस समय पर हिंदू प्रार्थना कर सकते हैं ताकि उनकी प्रार्थना नमाज के समय न हो सके। ऐसा नहीं है जो वास्तव में धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में होता है प्रत्येक धर्म, बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक में, समान माना जाता है और लोगों को अपने पसंद के धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता दी जाती है। जाहिर है, यह अधिनियम सत्य धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है।
इस परिभाषा के अनुसार, मुझे लगता है कि भारत को ‘अति-धर्मनिरपेक्ष’ राष्ट्र कहा जाना चाहिए क्योंकि यहां पर हिंदू (बहुमत) के बुनियादी अधिकारों को कई स्थानों पर नज़रंदाज़ कर दिया जाता है और अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों के अधिकारों को प्राथमिकता दी जाती है। यह धर्मनिरपेक्षता के अंतिम उदाहरण की तरह नहीं होना चाहिए?
बंगाल मुख्यमंत्री ममता भी लगभग इसी राह पर चल रही हैं, ज्यादा फर्क नहीं। दुनियाँ में मुसलमानो के विरुद्ध कुछ भी होगा, हंगामा तोड़-फोड़ भारत में होगी। गनीमत है, चीन में मुसलमानों पर हो रही पाबंदियों पर भारत में ख़ामोशी है। समझ में नहीं आ रहा कि आखिर इतनी पाबंदियां होने के बावजूद भारतीय कट्टरपंथियों का खून कैसे बर्फ की तरह जम गया। क्या चीन का मुसलमान मुसलमान नहीं? किसी ने चीनी उत्पाद के बहिष्कार करने का फतवा तक नहीं दिया? हर रमज़ानों में चीन कोई न कोई पाबन्दी लगा देता है, और उस पर चुप्पी का क्या अर्थ निकाला जाए कि चीन जो पाबंदियां लगा रहा है, इस्लाम के अनुकूल है या अरब सरकार से विचार-विमर्श कर पाबंदियों को अंजाम दिया जाता है?
ahead of Durga puja to keep Puja off during Namaz.


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