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किसी को कहीं कूड़ा दिख रहा है? अब इसे ड्रामा नहीं कहा जाए, तो क्या नाम दिया जाए? |
जब से केन्द्र में भाजपा आयी है, सफाई अभियान पर जोर दिया जा रहा है। अच्छी बात है सफाई रखनी एवं होनी चाहिए। लेकिन सडकों पर फैले कूड़े के ढेर और गटर साफ न होने के कारण बहती नालियाँ इसके लिए कौन है ज़िम्मेदार? जबकि देश की अधिकांश नगर निगमों पर भाजपा का ही कब्ज़ा है। और सफाई विभाग नगर निगम के अंतगर्त आता है। क्या कर रहे हैं निगम पार्षद? क्या कर रहा है सफाई विभाग? क्या सफाई कर्मचारियों से बिना वेतन के काम करवाया जाता है? कहाँ जाता है उनका वेतन? क्यों नहीं पार्षद सप्ताह या महीने में अपने क्षेत्र का दौरा करते, अधिकतर के तो केवल चुनावों में ही दर्शन होते हैं? यदि पार्षद महीने में भी अपने-अपने क्षेत्र का दौरा करें, सफाई तो क्या न जाने कितनी समस्याएँ जैसे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगना प्रारम्भ हो जाएगा।

सफाई आंदोलन आदि से जनता का कोई भला नहीं होने वाला, जिसे जनता भी जानती है और पार्टी भी।
दिल्ली भाजपा का ड्रामा
निम्न लेख जो मेरी फेसबुक पर पेस्ट किया गया है, इसकी गंभीरता को देखिये :--
दिल्ली भाजपा का ड्रामा
निम्न लेख जो मेरी फेसबुक पर पेस्ट किया गया है, इसकी गंभीरता को देखिये :--
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अरे भाई, साफ जगह पर झाड़ू लगाने का ड्रामा किस लिए? |
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देखो भाई, ये है कूड़ा। |
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ये सफाई हो रही या कोई नाटक या कोई फोटो सेशन? |
जितने भी चित्र है, सभी उपरोक्त लेख के साथ संलग्न हैं। कोई भी सफाई के प्रति गंभीर दिख रहा है, सभी इस तरह के अभियान चलाकर फेसबुक और व्हाट्सअप पर फोटोज भेज दो उच्च पदाधिकारियों की निगाह में आ जाओ कि देखो "हम कितने कमर्ठ कार्यकर्ता हैं।"
क्या किसी भी पार्षद ने सफाई विभाग से पूछा कि "आखिर किस कारण से क्षेत्र में सफाई नहीं हो पाती और पार्टी कार्यकर्ताओं को झाड़ू हाथ में लेकर सड़क पर उतरना पड़ता है। कई अवसर पर मैंने भी इस अभियान में भाग लेते सफाई कर्मचारियों और उपस्थित अधिकारीयों से बात होने पर मालूम हुआ कि "असली सफाई तो रात ही करवा दी गयी थी", जो स्पष्ट करता है कि अपने पार्षदों की लापरवाही छुपाने सब नाटकबाज़ी है। और दिल्ली में बवाना उपचुनाव इसका प्रमाण है।
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भीकम सिंह कॉलोनी के घरों में आता ऐसा पीने का पानी |


भाजपा केजरीवाल और दिल्ली सरकार को कोसने का कोई मौका नहीं चूकती। लेकिन विश्वास नगर से भाजपा विधायक ओम प्रकाश शर्मा को नहीं मालूम की उनके विधानसभा क्षेत्र में आने वाली भीकम सिंह कॉलोनी में कितना गन्दा पीने का पानी आता है। वास्तव में दिल्ली भाजपा मोदी के करिश्मे पर ही निर्भर रहती है। कोई नेता काम नहीं करना चाहता, बस मोदी के कंधे बैठ चुनाव जीतकर वाहवाही लूटना चाहते हैं। जब क्षेत्र में इतना गन्दा पानी आ रहा है, फिर किस आधार पर जनता से वोट मांगते हो। क्यों मोदीजी का नाम बदनाम कर रहे हो? मोदी-योगी-अमित "त्रिमूर्ति" ने आज जनता को जागृत कर दिया है, अब केवल केजरीवाल और कांग्रेस पर प्रहार करने से बात नहीं बनने वाली, इस त्रिमूर्ति की तरह काम करना होगा।
दिल्ली नगर निगमों में कितने वर्षों से भाजपा काबिज़ है, भ्रष्टाचार कम हुआ क्या? कुछ दशक पूर्व पार्षद क्षेत्रों का दौरा करते समय खस्ता मकानों को बनवाने या जरुरी मरम्मत आदि करवाने के लिए नोटिस जारी करवाते थे, जिस कारण भ्रष्टाचार पर अंकुश लगता था, लेकिन आज नगर निगम में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। और भाजपा सड़क पर सफाई ड्रामा कर जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है। या ....? भाजपा केन्द्रीय पदाधिकारियों को इस पर संज्ञान लेना चाहिए। पार्षदों को वातानुकूलित कमरों से बाहर आकर सड़क पर अपने क्षेत्र की समस्याओं को निपटाना होगा।
दिल्ली नगर निगमों में कितने वर्षों से भाजपा काबिज़ है, भ्रष्टाचार कम हुआ क्या? कुछ दशक पूर्व पार्षद क्षेत्रों का दौरा करते समय खस्ता मकानों को बनवाने या जरुरी मरम्मत आदि करवाने के लिए नोटिस जारी करवाते थे, जिस कारण भ्रष्टाचार पर अंकुश लगता था, लेकिन आज नगर निगम में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। और भाजपा सड़क पर सफाई ड्रामा कर जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है। या ....? भाजपा केन्द्रीय पदाधिकारियों को इस पर संज्ञान लेना चाहिए। पार्षदों को वातानुकूलित कमरों से बाहर आकर सड़क पर अपने क्षेत्र की समस्याओं को निपटाना होगा।
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