दुजाना के साथ एक स्थानीय आतंकी आरिफ ललहारी भी मारा गया है। सुरक्षाबलों ने उस घर को आग लगा दी जिसमें आतंकियों के छिपे होने की खबर थी। अबु दुजाना लश्कर का टॉप कमांडर था।
हर बार की तरह इस बार भी पत्थरबाजों की भीड़ दुजाना को बचाने आई थी लेकिन जवानों ने उन पर फायरिंग कर दी। जिसके बाद सारे पत्थरबाज भाग उठे।
पिछले कई महीनों से सुरक्षाबलों ने दुजाना का मारने के लिए कई ऑपरेशन चलाए थे। उस पर सुरक्षाबलों ने 10 लाख का इनाम घोषित कर रखा था।
पुलवामा के हाकरीपोरा गांव में सेना ने तड़के साढ़े चार बजे से ही घेरा डाल रखा था। आतंकियों के एक घर में छिपे होने की खबर थी। जवानों ने इसे घेर लिया। अंदर से आतंकियों ने गोलीबारी की।
सीआरपीएफ की 182 बटालियन, 183 बटालियन, 55 राष्ट्रीय राइफल और एसओजी की टीम ने इलाके को घेर कर सर्च अभियान शुरू किया। सुरक्षाबलों को इलाके में आतंकियों के मौजूद होने की खबर मिली थी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने हाकरीपोरा में घेरा डाला।
19 जुलाई को भी सेना ने अबु दुजाना को घेरा था। पुलवामा के बंदेरपुरा गांव में सेना और एसओजी के जवानों ने अबु दुजाना को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था। मगर दुजाना चकमा देकर फरार हो गया था। इससे पहले मई महीने में भी सुरक्षाबलों ने हकरीपोरा गांव में ही सुरक्षाबलों ने दुजाना की घेराबंदी की थी। खबर मिली थी कि अबु दुजाना अपने साथियों के साथ गांव में छिपा है। जिसे पकड़ने के लिए सेना ने ऑपरेशन चलाया। उस दौरान गांववालों की पत्थरबाजी के बीच अबु दुजाना फरार होने में सफल रहा था।
सेना कश्मीर से आतंकियों का सफाया करने के लिए 'ऑपरेशन ऑलआउट' अभियान चलाया है। इसके तहत आतंकियों की एक लिस्ट तैयार की गई है। जिसके आधार पर अलग-अलग इलाकों में आतंकियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन उन्हें ढेर किया जा रहा है। अब तक इस ऑपरेशन के तहत करीब 100 आतंकियों को घाटी में ढेर किया जा चुका है। दो दिन पहले पुलवामा के तहाब इलाके में सुरक्षाबलों के ऑपरेशन में हिज्बुल के दो आतंकी ढेर हो गए थे।
इससे पहले जुलाई 24 को कश्मीर के बोनिता सेक्टर में सुरक्षा बलों को नियंत्रण रेखा के पास एक आतंकवादी का शव मिला। जुलाई 29 की रात तोरना पोस्ट पर नियंत्रण रेखा के पास संदिग्ध गतिविधि नजर आने पर सेना के जवानों ने गोलियां चलाईं। इलाके में तलाशी अभियान के दौरान आतंकी का शव बरामद हुआ। अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल से एक राइफल भी बरामद हुई।
दूसरी ओर एनआईए ने कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के करीबी सहयोगी माने जाने वाले एक वकील के पैतृक घर पर जुलाई 24 को छापा मारा। यह छापेमारी पाकिस्तान स्थित आकाओं की ओर से अलगाववादियों को पैसे भेजे जाने के संदेह में की गई है। देविंद्र सिंह बहल की भारत विरोधी गतिविधियों और अलगाववादियों के साथ संपर्कों के विरोध में उनके गृह स्थान नौशेरा में खूब प्रदर्शन हुए।
लश्कर कमांडर अबु दुजाना इस साल का 119वां आतंकवादी था जिसे सेना ने मार गिराया है। दरअसल, सेना के जवानों को आतंक के खिलाफ लड़ने के लिए फ्री हैंड देने का असर जम्मू-कश्मीर में साफ तौर से देखा जा सकता है। आतंक के खिलाफ जवानों की सख्त कार्रवाई आतंक का सफाया करती नजर आ रही है। इस साल जवानों ने करीब 119 आतंकियों का सफाया कर दिया है।
आतंकियों के खिलाफ अभियान छेड़ने से पहले यह तय किया जाता है कि कम से कम नुकसान में आतंकियों का खात्मा कैसे किया जाए। फ्री हैंड से तात्पर्य ये है कि आतंक के खिलाफ फैसला लेने का अधिकार सेना के जवानों का होगा। वे जब चाहें जहां चाहें वहां घुसकर आतंकवादी को मार सकते हैं। इससे पहले जवानों ने 92 आतंकियों का सफाया किया था।
आतंक के खिलाफ की गई कड़ी कार्रवाई में इस साल मारे गए आतंकियों का आंकड़ा 2012 और 2013 के आंकड़े को भी पार कर लिया है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 2012 में 72 जबकि 2013 में 67 आतंकी मारे गए थे। वहीं, एनडीए के कार्यकाल 2014 में यह आंकड़ा 110 पहुंच गया। 2015 में कुल 108 जबकि 2016 में 150 आतंकी मारे गए। गृह मंत्रालय के एक सीनियर अफसर ने बताया, 'इस साल 2 जुलाई तक मारे गए आतंकियों की संख्या 2014 और 2015 में मारे गए आतंकियों के आंकड़े से जरा सा ही कम है।
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