दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी एवं प्रदेश प्रभारी श्री श्याम जाजू ने कहा है कि अरविन्द केजरीवाल सरकार दिल्ली की जनता से निगम चुनावों में आम आदमी पार्टी को हराने का राजनीतिक बदला ले रही है। निगम चुनावों के प्रचार के दौरान भाजपा के जीतने पर दिल्ली में बिजली-पानी संकट होने के सत्ताधारी दल के नेताओं के शब्दों का स्मरण करते हुये श्री मनोज तिवारी एवं श्री जाजू ने पत्रकारवार्ता में कहा कि निःसंदेह केजरीवाल दल अपना बदला पूरा कर रहा है।दिल्ली की जनता के साथ बड़ा छल किया है
दोनों नेताओं ने कहा कि दिल्ली भाजपा केजरीवाल सरकार की बिजली-पानी देने की विफलता के विरोध में कल वृहस्पतिवार 8 जून को मुख्यमंत्री आवास पर विरोध प्रदर्शन करेगी। उन्होंने उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल से अनुरोध किया है कि वह दिल्ली सरकार द्वारा बिजली एवं पानी सप्लाई के लिए आवश्यक समर एक्शन प्लान-2017 न घोषित किये जाने को लेकर सर्वदलीये बैठक बुलायें।
श्री तिवारी ने पत्रकारवार्ता में कहा कि दिल्ली सरकार ने जो पत्रकारवार्ता की वह सिर्फ जनता को भ्रमित करने का एक प्रयास था और दिल्ली भाजपा के कार्यकर्ता जनता के बीच जाकर सरकार की विफलता की पोल खोलेंगे। उन्होंने कहा कि कल पुनः मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने अघोषित बिजली कटौती के लिए पावर डिस्काॅम पर जुर्माना लगाने का अपना पुराना पैतरा खेला जोकि जनता से एक बड़ा धोखा है।
एक बार पानी मीटर रीडर से पूछा कि "मौहल्ले में कितने मीटर हैं?" जवाब मिला "29"; जबकि इस मौहल्ले की एक गली में बोरिंग लाइन में ही 72 कनेक्शन है। यानि पानी की भी चोरी।
एक बार पानी मीटर रीडर से पूछा कि "मौहल्ले में कितने मीटर हैं?" जवाब मिला "29"; जबकि इस मौहल्ले की एक गली में बोरिंग लाइन में ही 72 कनेक्शन है। यानि पानी की भी चोरी।
बिजली कम्पनियों की लापरवाही एवं सांठगांठ
श्री तिवारी ने कहा कि केजरीवाल को सत्ता में आये यह तीसरी गर्मी का मौसम है और जुर्माने का वायदा एक सपना ही बना हुआ है क्योंकि केजरीवाल सरकार खुद पावर डिस्काॅम में सांझीदार है तथा उसकी सप्लाई व्यवस्था सुधारने की कोई इच्छा शक्ति नहीं है। सरकार द्वारा पत्रकारवार्ता में घोषित एवं अघोषित बिजली कटौती की बात करना स्वतः दिल्ली की बिजली सप्लाई व्यवस्था की बुरी स्थिति की प्रशासनिक स्वीकृति है।
श्री तिवारी ने कहा है कि दिल्ली में जो बिजली कटौती एवं खराबियों की स्थिति हम देख रहें हैं वह केजरीवाल सरकार एवं निजी बिजली कम्पनियों की आपराधिक लापरवाही एवं सांठगांठ का नजीता है। बिजली एवं पानी की दिल्ली के लिए कोई कमी नहीं है पर केजरीवाल सरकार जनता से निगम चुनाव की हार का बदला लेने के लिए व्यवस्था ठीक नहीं कर रही है और चार मुख्य बिन्दुओं पर दिल्ली की जनता के साथ बड़ा छल किया है।
अभी कुछ दिन पूर्व बिजली विभाग के सेवानिर्वित कर्मचारियों से इस विषय पर चर्चा होने पर अनेको भ्रष्ट नीतियाँ प्रकाश में आने पर बड़ी हैरानी हुई। जहाँ तक बिजली कम्पनियों की धांधलियों की बात है, भ्रष्टाचार पहले से कहीं अधिक है। मीटर या तार बदलने पर 500 रूपए या किसी कारणवश बिजली की समस्या ठीक करने वालों को भी 500 रूपए देने पड़ते हैं। जबकि बिजली के निजीकरण होने से पूर्व इस तरह का कोई भुगतान नहीं करना पड़ता था। कभी आधी रात को नई तार डालते नहीं सुना होगा, लेकिन अब होता है। मीटर में तार जा रहा है, किसी पोल से, रात्रि को तार पड़ता है कहीं और से, क्यों? और जब मध्य रात्रि इस तरह तार डाली जा रही है, स्पष्ट प्रमाण है किसी घोटाले का। लेकिन अपनी नौकरी और बिजली चोरी करने वाले को बचाने के लिए लपेटेंगे किसी बेकसूर को।
यदि बिजली विभाग के उच्च अधिकारी वातानुकूलित कमरों से बाहर निकल कर स्वयं बिजली चोरी को पकड़ें बिजली कंपनियों की आय में जो वृद्धि होगी, सबके आंखें चौंध जाएंगी। उत्तर प्रदेश की भांति दिल्ली में भी किसी जाति अथवा धर्म सब क्षेत्रों की गंभीरता से जाँच होनी चाहिए।
क्या भाजपा दिल्ली विधान सभा में सत्तारूढ़ होने पर उत्तर प्रदेश की भाँति दिल्ली से बिजली चोरी को समाप्त करने में सक्षम होगी? बिजली विभाग का कोई अधिकारी दिल्ली में हो रही बिजली चोरी को नकार नहीं सकता।
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