भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन जिस प्रकार भारत को घेरने की रणनीति बना रहे हैं। उसको देखते हुए भारत को जल्द से जल्द अपने रक्षा बेड़े में आधुनिक हथियारों को शामिल करना अत्यंत आवश्यक है। जून 1 को व्लादिमीर पुतिन से उनकी मुलाकात हुई। इस दौरान कई समझौते हुए, सबसे अहम रहा- एस-400 डिफेंस सिस्टम को लेकर रहा।
इस पर डील पक्की हो गई है और जल्द ही ये भारत को मिल सकता है। यह डिफेंस सिस्टम एक साथ 36 मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है। खासकर पाकिस्तान और चीन से हमले की स्थिति में भारत इस सिस्टम का उत्तम प्रयोग कर सकेगा।
जब से नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमन्त्री बने हैं, तब से आज तक भारत को सुदृढ़ बनाने का कोई अवसर नहीं गँवा रहे। जो शायद अबसे पूर्व देखने को नहीं मिला। इतना ही नहीं, सेना का मनोबल बनाने के साथ सेना को आत्मशक्ति देने में लेशमात्र भी गुरेज नहीं कर रहे। चुनाव पूर्व अपने भाषणों में पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देने की जो कहते थे, आज उसी बात को अपनाए हुए हैं। उनको मालूम है, कि भारत में पाकिस्तानी पक्षधरों की कमतायी नहीं, इसलिए उनका मुँह बंद करने के लिए अचानक पाकिस्तान भी गए, शायद उसे कुछ अक्ल आ जाए, लेकिन लातों के भूत बातों से कहाँ मानने वाले। लेकिन अब पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देना शुरू कर दिया।
मोदी की कार्यशाली से विश्व अचम्भित है, जिस कारण अभी कुछ ही समय पूर्व CIA ने अपनी एक रपट में स्पष्ट कहा है "पाकिस्तान की हरकतों को देखते हुए भारत कभी भी पाकिस्तान पर हमला कर सकता है। इतना ही नहीं, पाकिस्तान द्वारा nuclear प्रयोग करने से पूर्व ही भारत Nuclear प्रयोग कर पाकिस्तान को किसी दीन का नहीं झोड़ेंगे।" जिसका उल्लेख मैंने इसी ब्लॉग पर अपने एक लेख में किया भी था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे को लेकर हमारे पड़ोसी देश भी हम पर नजर बनाए हुए हैं। इस दौरे के दौरान भारत और रूस के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर समझौता हुआ है। रूस ने विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) और परमाणु हथियार अप्रसार की अन्य व्यवस्था में इसकी सदस्यता के अपने पुरजोर समर्थन की बात भी दोहराई है।
चीन साउथ चाइना सी से लेकर पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट तक पहुंच बनाकर भारत को चुनौती दे रहा है। भारत ने भी चीन और पाकिस्तान की ओर से मिलने वाली इस संयुक्त चुनौती को देखते हुए अपने रक्षा बेढे़ में आधुनिक हथियारों का जखीरा बढ़ाना शुरू कर दिया है।
भारत रूस से अभी तक का सबसे बड़ा रुसी हथियार का रक्षा सौदा करने जा रहा है। इनमें ऐसे घातक रुसी हथियार भी हैं जिनके मिलने के बाद चीन और पाकिस्तान भारत पर हमला करने से पहले कई बार सोचेंगे। पुतिन और मोदी के बीच इनको लेकर बात हुई है।
रुसी हथियार का सौदा –
1 – कलीबर मिसाइल सटीक दिशा-सूचक प्रणाली से लैस हैं जो जमीनी ठिकानों को पूरी तरह से नष्ट कर देती हैं। रूसी सेना ने हाल ही में सीरिया में बशर अल असद की सरकार विरोधी सेना के ठिकानों को तबाह करने में इन्हीं मिसाइलों का प्रयोग किया था। ये एकदम सटीक मार करते हैं। जिनको पाने के बाद भारतीय सेना की युद्ध-क्षमता बहुत बढ़ जाएगी।
2 – रूस के इस मिसाइल प्रणाली की दुनिया में तारीफ हो रही है। रूसी एस-400 सिस्टम में अलग-अलग क्षमताओं वाली तीन तरह की मिसाइल हैं, जो सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक स्पीड से उड़ कर दुनिया में जमीन से हवा में मार करने वाला सबसे आधुनिक मिसाइल सिस्टम माना जाता है।
3 – चीन बहुत जल्द अपने हवाई बेड़े में 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान शामिल करने वाला है। इसको देखते हुए भारत भी 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान खरीदने के लिए रूस से एक महत्वपूर्ण समझौता करने जा रहा है। इन विमानों के आ जाने के बाद भारत की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। भारत इस प्रौद्योगिकी के आधार पर 100 से अधिक लड़ाकू विमानों का उत्पादन करेगा।
हमारे पड़ोसी देशों को अब तो एक और झटका लगा है। रूस के उप प्रधानमंत्री दिमित्री रोगोजिन ने ऐलान किया कि भारत को विमान भेदी मिसाइल प्रणाली एस-400 की आपूर्ति को लेकर प्रीकान्ट्रैक्ट तैयारियां जारी हैं।
उन्होंने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि इसमें और कितना समय लगेगा। फिलहाल सरकारों के बीच एक समझौता है और अब हम शर्तों पर सामान्य रूप से चर्चा कर रहे हैं।
एस-400 Triumf, एक विमान भेदी मिसाइल है। एस-400 Triumf रूस की नई वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का हिस्सा है, जो सन् 2007 में रूसी सेना में तैनात की गई थी. इन मिसाइलों से विमानों, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों तथा ज़मीनी ठिकानों को भी निशाना बनाया जा सकता है। ये मिसाइलें 400 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं।
रूस के अलावा यह वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली चीन ने भी ख़रीदकर अपनी सेना में शामिल की है। भारत को पाकिस्तान के साथ-साथ चीन की ओर से भी मिसाइल हमलों और हवाई हमलों का ख़तरा रहता है। इसलिए एस-400 वायु सुरक्षा प्रणाली की बहुत सख़्त ज़रूरत है।
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