
आम आदमी पार्टी के नाराज नेता कुमार विश्वास ने केजरीवाल पर एक बार फिर से निशाना साधा है, इससे पहले वे एक VIDEO में केजरीवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा चुके हैं, उन्होंने कहा था कि अगर आप भ्रष्टाचार के नाम पर चुनाव जीतोगे और अपनी सरकार में भ्रष्टाचार होते देखते रहोगे, कोई एक्शन नहीं करोगे तो लोग सवाल तो पूछेंगे ही।
उन्होंने के ट्वीट के माध्यम से केजरीवाल पर फिर से निशाना साधा है, उन्होंने कहा कि अगर आप जो चाहते हो उसके लिए नहीं लड़ते तो अगर आपका कुछ नुकसान होता है तो उसके लिए आप चिल्लाओ मत। यह श्रीमद भागवत गीता का श्लोक है. उन्होंने दिल्ली वालों को कहा है कि 'वोट फॉर क्लीन दिल्ली।
इस ट्वीट के माध्यम से कुमार विश्वास ने MCD में आम आदमी पार्टी की हार तय कर दी है और केजरीवाल को हार पर शोर ना मचाने की नसीहत दी है।

पार्टी के सवाल पर भड़के कुमार विश्वास ने कहा, “भाड़ में जाए पार्टी, पार्टी जाए तेल लेने, मैं उनसे कह दूंगा वो करें न करें उनकी मर्जी, तेल लेने जाए पार्टी। पता नहीं 20 साल 50 साल बाद रहे न रहे।”
पार्टी से कुमार विश्वास की नाराजगी अप्रैल 23 को एक बार फिर उस वक़्त बाहर आ गई जब वो जंतर-मंतर पर तमिलनाडु के किसानों से मिलने पहुंचे थे, जहां एक निजी चैनल के रिपोर्टर ने कुमार विश्वास से उनकी पार्टी को लेकर एक सवाल पूछ लिया| सवाल सुनते ही कुमार विश्वास भड़क गए।
संवित पात्रा ने केजरीवाल पर करारा हमला बोला, उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल का डेंगू और चिकनगुनिया वाला बयान बहुत ही शर्मनाक है, उनकी धमकी से दिल्ली के माता पिता उनसे खफा है और चुनाव में उन्हें सबक सिखाने का मन बना लिया है इसलिए MCD चुनावों के बाद AAP का नाम बदलकर JJP हो जाएगा जिसका मतलब है Jamanat Jabt Party (जमानत जब्त पार्टी), क्योकि यदि 272 में से 50 या अधिक आआप उम्मीदवारों की जमानत ज़ब्त होने का स्पष्ट संकेत होगा जनता का इस पार्टी से मोहभंग।
दिल्ली विधान सभा चुनाव होने की सम्भावना
इतना ही नहीं, राजनीतिक गलियारों में चर्चा है, कि यदि Exit Poll नतीजे सही हुए तो केजरीवाल का राजनैतिक कैरियर ख़त्म हो जाएगा क्योंकि अब दिल्ली वालों का भरोसा केजरीवाल पर से ख़त्म हो चुका है और एक बार भरोसा ख़त्म होने के बाद दिल्ली वाले शायद ही केजरीवाल पर दोबारा भरोसा करें क्योंकि इससे पहले भी वे केजरीवाल को एक बार माफ़ कर चुके है। इतना ही नहीं, दिल्ली विधान सभा भी बहुत जल्द होने की सम्भावनायें व्यक्त की जा रही हैं। राजौरी गार्डन में हुआ उप-चुनाव पूत के पाऊं पालने में दिखा भी चूका है। दूसरे, वर्तमान विधायक भी आत्मसम्मान में पार्टी छोड़ सकते हैं। जिस कारण सदन में पार्टी का बहुमत समाप्त भी हो सकता है, यदि भाजपा उन विधायकों को अपने में सम्मिलित नहीं करते है, उस स्थिति में दिल्ली विधान सभा भंग हो सकती है। किसी भाजपाई को आम आदमी पार्टी को तोड़ने का लेशमात्र भी प्रयत्न नहीं करना पडेगा।
आआप से निष्कासित योगेंद्र यादव द्वारा केजरीवाल को मात देने स्वराज पार्टी का गठन करना आग में घी डालने से कम नहीं। क्योंकि ज़हर को ज़हर ही काटता है।
आआप से निष्कासित योगेंद्र यादव द्वारा केजरीवाल को मात देने स्वराज पार्टी का गठन करना आग में घी डालने से कम नहीं। क्योंकि ज़हर को ज़हर ही काटता है।
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