निगम का विभाजन कर तत्कालीन मुख्यमन्त्री शीला दीक्षित ने रख दी थी दिल्ली की बर्बादी की नींव -- सतीश गुप्ता, भाजपा प्रत्याशी
दिल्ली का दिल पुरानी दिल्ली। और इसी पुरानी दिल्ली के अजमेरी गेट से नगर निगम चुनावों में वार्ड 86 से भारतीय जनता पार्टी के बैनर पर अपनी किस्मत आजमाने उतरे है, एक समाज सेवी श्री सतीश गुप्ता । व्यापारिक पृष्ठभूमि से सम्बन्धित सतीश गुप्ता एक मधुरभाषी समाजसेवी होने के कारण जन समस्याओं के लिए सम्बन्धित विभागों एवं अधिकारिओं से समस्या निवारण के लिए संघर्ष करते रहते हैं। आज उन्ही कार्यों को आधार बना कर अपने चुनाव में संघर्षरत हैं। हालाँकि सीता राम बाजार क्षेत्र की भाँति यह क्षेत्र भी मुस्लिम बहुल होने की भाजपा उम्मीदवार को लेशमात्र भी चिन्ता नहीं, क्योंकि वह प्रधानमन्त्री मोदी के मूलमन्त्र “सबका साथ, सबका विकास” को चरितार्थ कर हिन्दू क्षेत्रों से अधिक मुस्लिम क्षेत्रों पर अपने प्रचार को केन्द्रित कर अपने विरोधियों को शिकस्त देने कमर कसे हुए हुए हैं। हालाँकि सतीश कई हिन्दू धार्मिक संगठनों से जुड़े हुए है।
प्रस्तुत है, प्रचार के दौरान आर. बी. एल. निगम द्वारा अपने ब्लॉग के लिए लिया गया भाजपा प्रत्याशी सतीश गुप्ता का एक संक्षिप्त साक्षात्कार:--
अजमेरी गेट क्षेत्र का पुरानी दिल्ली में बहुत महत्व है और इस क्षेत्र को यहाँ के विधायक और निगम पार्षदों ने बद से बदतर कर रखा है। सड़कें टूटी रहती है, नालियाँ भरी रहती हैं, जगह-जगह कूड़े के ढेर। इन निर्वाचित सदस्यों को नहीं मालूम की इनका जन मानस के स्वास्थ्य पर कितना बुरा प्रभाव पड़ता है।
वास्तव में कुछ सीमा तक आपका प्रश्न सही भी है, लेकिन शीला सरकार ने नगर निगम को तीन हिस्सों में विभाजित कर दिल्ली को मझधार में छोड़ दिया है। निगम के अधिकार क्षेत्र से बिजली, पानी जैसे विभाग दिल्ली सरकार के अधीन लाकर नगर निगम को मात्र एक शो पीस बना दिया है।
मतलब?
मतलब यह कि पहले सफाई, पानी, बिजली और भी कई विभाग नगर निगम के दायरे में थे, लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने अपनी पार्टी के स्वार्थ की खातिर सब कुछ गुड़ गोबर कर जनता को गुमराह कर दिया। ऊपर से दिल्ली सरकार में बैठी आम आदमी पार्टी ने तो दिल्ली को नर्क ही बना दिया है।
आप बताइए पूर्णरूप से सफाई विभाग नगर निगम के पास नहीं, बिजली और पानी तो बिल्कुल भी नहीं, फिर इस स्थिति में जनता को किस तरह राहत दिलवाएंगे?
मेरी मंशा जनता को राहत दिलाने की है, उसके लिए मुझे किस सीमा तक जाना पड़ेगा, उसकी चिन्ता नहीं। जनता को केवल राहत दिलाना मेरा एकमात्र उद्देश्य है। जनता अपने आप को ठगा सा महसूस न करे।
दिल्ली शहर में किसी समय कटरों का बोलबाला था लेकिन बिल्डरमाफिआ ने उसे समाप्त सा कर दिया है ,उस पर कैसे अंकुश लगाएगी?
यह क्षेत्र की बहुत जटिल समस्या है, अपने कार्यकाल में बिल्डरमाफिआ राज से जनता को जरुरत से ज्यादा राहत दिलाने का प्रयास होगा।
सुना है आपके मुस्लिम क्षेत्र में बिल्डर माफिआ ने वक़्फ़ संपत्तियों का दुरूपयोग किया है।
अगर ऐसा हुआ है, दिल्ली सरकार को ऐसा करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने के लिए मजबूर कर आरोपियों को दण्डित करवाया जाएगा।
नगर निगम में भाजपा शासित होते हुए भी भ्रष्टाचार का बोलबाला है, क्यों?
आप भाजपा को एक बार पुनः नगर निगम में आने दीजिये, फिर देखिये कैसे भ्रष्टाचारियों पर नकेल पड़ती है। अब भ्रष्टाचारी बच नहीं पाएंगे। कर्मचारियों को जनता को परेशान करने का कोई मौका नहीं दिया जाएगा।
कई क्षेत्रों में बड़ा बदबूदार पानी आता है, क्यों? क्या पानी की लाइन में किसी सीवर का मिलना या पीछे से ही ऐसे गन्दे पानी की सप्लाई?
पानी विभाग माना नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता, फिर भी एक जनप्रतिनिधि होने के नाते क्षेत्र की जनता को गन्दा पानी नहीं पीने दूंगा।
आज नगर निगम स्कूलों की जरुरत से कहीं अधिक शोचनीय स्थिति पर आपकी कोई योजना?
वास्तव में जब से दिल्ली में भ्रमित करने वाली सरकार सत्ताधीन हुई, शिक्षा तो क्या हर विभाग का सर्वनाश कर दिया है। करना-कराना कुछ नहीं, बस भ्रमित विज्ञापन देकर दिल्ली की भोली-भाली जनता को गुमराह किया जा रहा है।
मेरा प्रश्न नगर निगम स्कूलों की शोचनीय स्थिति के बारे में है?
मै आपका प्रश्न समझ रहा हूँ। शिक्षकों को समय से वेतन न मिलना, योग्यतानुसार उनकी पदोन्नति न होना, टेम्परेरी शिक्षकों को नियमित न करना आदि अनेको कारण है, जिन पर विस्तार से सदन में चर्चा कर हल निकालने का प्रयास किया जाएगा। जनता हमें अपनी सुख-सुविधाओं के लिए वोट देती हैं न कि उनकी समस्याओं को उलझाने के लिए।
केजरीवाल का कहना है कि हाउस टैक्स माफ़ कर देंगे।
हाँ जी, उसी तरह माफ़ होगा जैसे बिजली और पानी। उनसे पूछिए जिनका 400 या इससे ज्यादा बिजली यूनिट की खपत होती है और उनसे भी पूछिए जिनका पानी 20,000 लीटर से ऊपर होता है। अब जनता मुर्ख नहीं बनने वाली।
कांग्रेस के पूर्व दिल्ली अध्यक्ष अरविन्दर सिंह लवली और दिल्ली यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित मलिक द्वारा भाजपा में सम्मिलित होने से चुनावों पर असर पड़ेगा?
कोई शक ! दिल्ली कांग्रेस का आधार समाप्ति की ओर है। अभी तो श्रीगणेश हुआ है। आगे आगे देखिए होता है क्या?



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