| 21 मार्च 2017 को संसद में अपना अंतिम भाषण देते सांसद से मुख्यमन्त्री बने योगी आदित्य नाथ |
योगी आदित्यनाथ ने कमान संभालते ही अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. हालांकि उन्होंने अब तक अपने मंत्रियों को विभाग नहीं बांटे लेकिन काम करने की शुरुवात हो चुकी है. बीजेपी के संकल्प पत्र में किये गए वादों पर योगी ने अमल करना शुरू कर दिया है.
संसद में अपने आखिरी भाषण में भी योगी ने अपने इरादे जाहिर कर दिए. योगी ने सदन में कहा था कि यूपी में अब बहुत सारी चीजें बंद होंगी. अब ये कयास लगाए जाने लगे हैं कि यूपी में क्या बंद होने वाला है. यूपी में बंद हो रहे अवैध बूचड़खानों के बारे में तो आप जान ही चुके होंगे लेकिन इसके आलावा भी बहुत सी चीजें हैं जो बंद हो जाएंगी.
https://www.facebook.com/dk.shrivastava.58/videos/2149121241980867/
ये हो सकते हैं बदलाव
योगी आदित्यनाथ ने महिला सुरक्षा को अपना चुनावी मुद्दा बनाया. हर मंच से उन्होंने महिला सुरक्षा की बात कही. उन्होंने महिलाओं को छेड़खानी से बचाने के लिए एंटी रोमियो दल बनाने का वादा किया था. इसी के चलते कुछ मनचलों की धरपकड़ भी की जा रही है।
अवैध बूचड़ खाने
सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश में 300 से अधिक अवैध बूचड़खाने है। उनमे से कुछ पर नई सरकार के शपथ लेने का साथ ही कार्यवाही शुरू हो गयी है।
फर्जी मुकदमों पर रोक
यूपी में चुनाव प्रचार के वक्त पीएम मोदी ने थानों को सपा कार्यालय करार दिया था. पीएम मोदी के अलावा बीजेपी के कई और नेता भी पुलिस पर सपा नेताओं के दबाव में काम करने का आरोप लगा चुके हैं. साथ ही बेकसूरों के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज करने के आरोप भी लगे. इन सब पर भी योगी सरकार में रोक लग सकती है.
इतना ही नहीं, फर्जी मुकदमा सिद्ध होने पर फर्जी मुकदमा दर्ज करवाने वाले पर कम से कम 2 लाख रूपए का जुर्मा और 6 महीने की सख्त सजा का भी प्रावधान लाया जाये। और जिस दिन इस प्रावधान की घोषणा हो गयी, अदालतों में मुकदमें गुब्बारों में से हवा निकलने की भाँति कम होने की शुरुवात हो जायेगी।
पलायन
योगी ने सदन में कहा कि वह यूपी को विकास की राह पर ले जाएंगे. उन्होंने दावा किया कि यूपी में इतना विकास होगा कि वहां के नौजवानों को अपना घर नहीं छोड़ना पड़ेगा.
योगी ने सदन में कहा कि वह यूपी को विकास की राह पर ले जाएंगे. उन्होंने दावा किया कि यूपी में इतना विकास होगा कि वहां के नौजवानों को अपना घर नहीं छोड़ना पड़ेगा.

दंगों से मुक्तियूपी में दंगे भी बीजेपी का चुनावी मुद्दा रहे हैं. मुजफ्फरनगर को लेकर खुद योगी आदित्यनाथ ने उस समय की सपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया था. मार्च 21 को सदन में अपने आखिरी भाषण में भी योगी ने दंगों पर बात रखी. योगी ने सदन को आश्वस्त किया कि बीजेपी के शासनकाल में यूपी दंगा मुक्त प्रदेश बनेगा. योगी ने आगे कहा कि दूसरी सरकारों के रहते पूरे यूपी में बड़ी संख्या में दंगे हुए लेकिन उन्होंने पूर्वी यूपी में एक भी दंगा नहीं होने दिया.

अवैध खनन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह यूपी में चुनावी रैलियों के दौरान अवैध खनन का मुद्दा उठा चुके हैं. ऐसे में पीएम मोदी के आदर्शों पर चलने का दावा करने वाले योगी आदित्य नाथ अवैध खनन पर चोट कर सकते हैं और अवैध खनन को लेकर सख्ती कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह यूपी में चुनावी रैलियों के दौरान अवैध खनन का मुद्दा उठा चुके हैं. ऐसे में पीएम मोदी के आदर्शों पर चलने का दावा करने वाले योगी आदित्य नाथ अवैध खनन पर चोट कर सकते हैं और अवैध खनन को लेकर सख्ती कर सकते हैं.

गुंडागर्दी पर लगामयूपी में कानून-व्यवस्था को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं। खासकर सपा सरकार पर कानून-व्यवस्था न संभाल पाने का आरोप लगता रहा है, बीजेपी ने अखिलेश सरकार पर गुंडागर्दी और अपराध पर लगाम कसने में नाकाम होने का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था. योगी चुनाव प्रचार के दौरान भी गुंडागर्दी को यूपी से खत्म करने का दावा करते रहे हैं. सीएम पद की शपथ लेने से पहले ही योगी ने डीजीपी के साथ मीटिंग की थी. इस मीटिंग में योगी ने शपथ ग्रहण समारोह में किसी भी प्रकार की हुड़दंग को रोकने के सख्त आदेश दिए थे।

शराब पर भी लग सकती है रोकयूपी के नए सीएम यूपी को पीएम मोदी के सपनों का प्रदेश बनाने का आश्वासन दिया है. ऐसे में गुज़रात की तरह यूपी में भी शराब को बंद कराया जा सकता है.
प्राप्त समाचारों के अनुसार यू पी में योगी की सरकार बनते ही मंत्रीमंडल निम्न बड़े फैसले.....
1. लाल बत्ती कल्चर खतम
2. मुख्यमंत्री समेत मंत्री और अफसर नहीं लगा सकेंगे लाल बत्ती
3. लाल बत्ती अब गैरकानूनी
4. मंत्री और एम.एल.ए नहीं रखेंगे नींव पत्थर
5. नहीं कर सकेंगे किसी प्रोजैक्ट का उद्घाटन
6. नई एक्साईज नीति मंजूर
7. ठेकों और कोटे में कटौती
8. नया लोकपाल बनेगा
9. किसानों की कर्ज माफी के लिए कमेटी बनी
10. ड्रग्स रोकने के लिए टास्क फाॅर्स
11. विधान सभा सैशन 24 मार्च से आएगा
12. नैशनल और स्टेट हाईवे के 500 मीटर घेरे में शराब के ठेकों पर पाबन्दी
13. सभी मंत्रियों और एम.एल.ए को देना पड़ेगा प्रॉपर्टी का हिसाब
14. एस.वाई.एस.मामले को लेकर पी.एम.नरेंद्र मोदी को मिलेंगे।
15 . बेमतलब चापलूसी मे पैर छूने की प्रथा खत्म
16 . कोई मंत्री साला -भतीजो और दमादो के काम नही करायेगा
17. अगर पाँच सालो मे किसी भी मंत्री की सम्पत्ति 10 % से अधिक बड़ी जो उस पर कार्यवाही होगी
18 . जो मंत्री कार्यकर्ताओ को बन्धु आ मजदूर समझेगा उसे तुरन्त हटा दिया जायेगा
19 . उपहार लेने पर पाबन्दी
20. मंत्री जी धनवान लोगो और गरीब लोगो से एक साथ मिलेगा--मिलने के अलग अलग कमरे की व्यवस्था नही रहेगी
उत्तर प्रदेश में अब चौबीस घंटे बिजली देने की तैयारी
उत्तर प्रदेश में अब योगी आदित्यनाथ सरकार चौबीस घंटे बिजली देने की तैयारी में है। इसके लिए कल ही मुख्यमंत्री के साथ अधिकारियों की बैठक में रोड मैप तैयार कर लिया गया था।
सरकार का पहला लक्ष्य है कि वहां पर 24 घंटे बिजली पहुंचाई जाए, जहां पर भी बिजली का कनेक्शन है। वहां चौबीस घंटे इसके साथ ही प्रदेश के करीब डेढ़ करोड़ बिजली से वंचित घरों तक भी बिजली पहुंचाने का अभियान युद्धस्तर पर छेडऩे की तैयारी है। इसके अलावा बिजली मीटरों की संख्या में गुणात्मक बढ़ोत्तरी के लिए भी मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। हर घर में बिजली का मीटर लगाने का प्रयास है।
सरकार का पहला लक्ष्य है कि वहां पर 24 घंटे बिजली पहुंचाई जाए, जहां पर भी बिजली का कनेक्शन है। वहां चौबीस घंटे इसके साथ ही प्रदेश के करीब डेढ़ करोड़ बिजली से वंचित घरों तक भी बिजली पहुंचाने का अभियान युद्धस्तर पर छेडऩे की तैयारी है। इसके अलावा बिजली मीटरों की संख्या में गुणात्मक बढ़ोत्तरी के लिए भी मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। हर घर में बिजली का मीटर लगाने का प्रयास है।
*बिजली के मामले में खुद मुख्यमंत्री योगी बेहद गंभीर*
आदित्यनाथ बेहद गंभीर नजर आ रहे हैं। पद संभालते ही उन्होंने प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिए हैं कि सभी घरों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिए वितरण नेटवर्क की उपलब्धता का मूल्यांकन करके दो दिन में बताएं। इसकी रिपोर्ट 23 मार्च को सीएम के समक्ष पेश की जानी है।
सीएम के निर्देशों में कहा गया है कि साथ ही समीक्षा कर बताएं कि जनवरी से अब तक प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय, ग्रामीण क्षेत्रों, तहसील में कितनी बिजली सप्लाई की गई और जुलाई तक कितनी बिजली की जरूरत है।
सीएम ने पूछा कि वह कारण बताएं कि पीक आवर्स में रोस्टर के मुताबिक क्यों बिजली नहीं दी जा पा रही है।
भाजपा की सरकार बनते ही केंद्र से ऊर्जा मंत्रालय के अफसर लगातार उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के संपर्क में हैं। आला अफसरों ने सरकार को जो अभी शुरुआती रिपोर्ट दी है, उसमें दावा किया गया है कि चौबीस घंटे बिजली देने के लिए कार्पोरेशन 90 प्रतिशत से ज्यादा तैयार है। कुछ जगह फीडर ओर सब स्टेशन स्तर पर दिक्कत है, जिनके विकल्प तलाशे जा रहे हैं।
सीएम के निर्देशों में कहा गया है कि साथ ही समीक्षा कर बताएं कि जनवरी से अब तक प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय, ग्रामीण क्षेत्रों, तहसील में कितनी बिजली सप्लाई की गई और जुलाई तक कितनी बिजली की जरूरत है।
सीएम ने पूछा कि वह कारण बताएं कि पीक आवर्स में रोस्टर के मुताबिक क्यों बिजली नहीं दी जा पा रही है।
भाजपा की सरकार बनते ही केंद्र से ऊर्जा मंत्रालय के अफसर लगातार उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के संपर्क में हैं। आला अफसरों ने सरकार को जो अभी शुरुआती रिपोर्ट दी है, उसमें दावा किया गया है कि चौबीस घंटे बिजली देने के लिए कार्पोरेशन 90 प्रतिशत से ज्यादा तैयार है। कुछ जगह फीडर ओर सब स्टेशन स्तर पर दिक्कत है, जिनके विकल्प तलाशे जा रहे हैं।
*बिजली सप्लाई का रोस्टर*
वर्तमान रोस्टर की बात की जाए तो अखिलेश सरकार ने जो आखिरी पलों में उत्तर प्रदेश में बिजली सप्लाई का रोस्टर तय किया था। उसके तहत जिला मुख्यालय, शहरी इलाके में चौबीस घंटे बिजली दी जानी है। तहसील मुख्यालय में 20 घंटे और ग्रामीण इलाकों में 16 से 18 घंटे बिजली दी जानी है। करीब 12000 मेगावाट बिजली की उपलब्धता उत्तर प्रदेश में है।
गर्मी बढऩे के साथ ही मांग करीब 18000 मेगावाट तक पहुंच जाती है। इस करीब छह हजार मेगावाट की कमी केंद्रीय पूल से बिजली लेकर पूरी की जानी है। निर्देश हैं कि वितरण इकाई के अधीक्षण अभियंता एवं अधिशासी अभियंता कैबिनेट मंत्री के पहले जिला भ्रमण के दौरान बिजली की पोजीशन बताएंगे। इसमें बिजली सप्लाई, ट्रांसफार्मर बदलने, उपभोक्ताओं की शिकायतें और बिजली सुधार की जानकारी देनी होगी. ग्रामीण विद्युतीकरण के लिए केंद्र सरकार ने 900 करोड़ रुपए जारी किए हैं, जिसका उचित ढंग से उपयोग किया जाए।
गर्मी बढऩे के साथ ही मांग करीब 18000 मेगावाट तक पहुंच जाती है। इस करीब छह हजार मेगावाट की कमी केंद्रीय पूल से बिजली लेकर पूरी की जानी है। निर्देश हैं कि वितरण इकाई के अधीक्षण अभियंता एवं अधिशासी अभियंता कैबिनेट मंत्री के पहले जिला भ्रमण के दौरान बिजली की पोजीशन बताएंगे। इसमें बिजली सप्लाई, ट्रांसफार्मर बदलने, उपभोक्ताओं की शिकायतें और बिजली सुधार की जानकारी देनी होगी. ग्रामीण विद्युतीकरण के लिए केंद्र सरकार ने 900 करोड़ रुपए जारी किए हैं, जिसका उचित ढंग से उपयोग किया जाए।
*जनता की हर शिकायत को गंभीरता से लें*
मुख्यमंत्री ने बिजली की शिकायतों को गंभीरता से लेने की हिदायत दी है। साफ निर्देश हैं कि भारत सरकार के एप ऊर्जा में दर्ज शिकायतों के निपटारे में यूपी को नंबर एक होना चाहिए. इसकी निगरानी पावर कार्पोरेशन के प्रबंधन निदेशक और निदेशक तकनीक व्यक्तिगत रूप से निगरानी करेंगे।
मुख्यमंत्री ने बिजली की शिकायतों को गंभीरता से लेने की हिदायत दी है। साफ निर्देश हैं कि भारत सरकार के एप ऊर्जा में दर्ज शिकायतों के निपटारे में यूपी को नंबर एक होना चाहिए. इसकी निगरानी पावर कार्पोरेशन के प्रबंधन निदेशक और निदेशक तकनीक व्यक्तिगत रूप से निगरानी करेंगे।
*उपभोक्ताओं की दी जाएगी एसएमएस से जानकारी*
सीएम की तरफ से निर्देश दिए गए हैं जहां भी ब्रेकडाउन होना है, उसकी जानकारी वहां के उपभोक्ता को एसएमएस से दी जाए।
Comments