गनीमत है कि दिल्ली में कोई बिग बॉस है वरना केजरीवाल सरकार लूट का वो खेल खेलती कि दिल्ली बर्बाद हो जाती, लेकिन केंद्र सरकार ने केजरीवाल सरकार के ऊपर उप-राज्यपाल को नियुक्त करके दिल्ली सरकार के हर कारनामें की निगरानी करती रहती है। उसी का नतीजा है कि करोड़ों रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया गया है, और केजरीवाल सरकार से 97 करोड़ रुपये वसूलने के आदेश दिए गए हैं।
अब CAG ने केजरीवाल की इस चोरी और भ्रष्टाचार को पकड़ लिया है, हाई कोर्ट ने भी केजरीवाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई है और अपने प्रचार के लिए खर्च किये गए अकूत धन को लौटाने के लिए कहा है। हाई कोर्ट के निर्देश पर उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को आदेश दिए हैं कि केजरीवाल सरकार और आप से 97 करोड़ रुपये वसूल करो, इस काम के लिए 1 महीने का समय दिया गया है।
केजरीवाल दिल्ली वालों का पैसा पंजाब, गोवा और गुजरात में अपने प्रचार पर उड़ाकर और विदेशों अखबारों में मोहल्ला क्लिनिक पर पेड आर्टिकल लिखवाकर बुरी तरह फंस गए है।अब उनका भ्रष्टाचार पकड़ लिया गया है, अब उन्हें 97 करोड़ रुपये लौटाने ही होंगे क्योंकि दिल्ली वालों ने खून पसीने से पैसा कमाकर सरकार को टैक्स दिया हुआ था, इन पैसों से दिल्ली का विकास कराया जाना था, लेकिन केजरीवाल ने इन पैसों को अपने प्रचार पर उड़ा दिया।
सफाई कर्मचारियों का वेतन रोक, नगर निगमों में शासित भाजपा को बदनाम किया। मुफ्त-मफ्त का लॉलीपॉप देकर जनता को भ्रमित किया गया। जब केन्द्र में वाजपेयी सरकार थी और दिल्ली में शीला दीक्षित सरकार थी, शीला ने केंद्र से झगड़ा करने की बजाए, अपनी मर्यादा में कार्य करती रही, लेकिन केजरीवाल कुछ काम करने की बजाए झगडों से असली मुद्दों से जनता का ध्यान हटाते रहे। इन्होंने समझा था, कि जिस तरह चुनाव को मूर्ख बना सत्ता हतियाली, इसी तरह 5 वर्ष जनता को मुर्ख बनाते रहो और ऐश करते रहे।
Comments