चुनाव आयोग ने जनवरी 4 को उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण साबित होने जा रहे विधानसभा चुनाव दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के लिए ही नहीं बल्कि विपक्ष के लिए भी अग्निपरीक्षा साबित होंगे।
चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही तमाम समाचार चैनल और संस्थाएं ने ओपिनियन पोल जारी करने शुरु कर दिए हैं। पूरे देश की निगाहें इन विधानसभा चुनावों पर टिकी हैं। इस बीच राजनितिक रुप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड में हुए ओपिनियन पोल बीजेपी के लिए राहत की खबर लेकर आई है।
एबीपी न्यूज-लोकनीति और ,सीएसडीएस की तरफ से तीनों राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड में कराए गए सर्वे में अन्य सभी पार्टियों के मुकाबले काफी आगे है। उत्तराखंड में बीजेपी को जहां स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है, तो वहीं पंजाब में अकाली दल-बीजेपी गठबंधन बहुमत के करीब नजर आता है। हालांकि उत्तर प्रदेश में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है, लेकिन यहां भी बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती नजर आ रही है।
पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर कराए गए एक सर्वे में में सामने आया है कि वहां अकाली-भाजपा सरकार वापस लौट सकती है। सर्वे में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस से भी पीछे नजर आ रही है। न्यूज चैनल एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस ने यह सर्वे करवाया है। सर्वे में सामने आया है कि पंजाब में अकाली-भाजपा गठबंधन को 50 से 58 सीटें, कांग्रेस को 41 से 49 और आम आदमी पार्टी को 12 से 18 सीटें मिल सकती हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री के तौर पर पहली पसंद अमरिंदर सिंह हैं।
सर्वे के अनुसार अमरिंदर सिंह को बतौर सीएम 29 फीसदी, प्रकाश सिंह बादल को 20 फीसदी और भगवंत मान को 08 फीसदी लोग देखना चाहते हैं। इसके साथ ही सर्वे में बताया गया है कि अकाली-भाजपा को 34 फीसदी, कांग्रेस को 31 फीसदी और आम आदमी पार्टी को 21 फीसदी वोट मिल सकते हैं।
इससे पहले उत्तराखंड का सर्वे आया था। उत्तराखंड के चुनाव पर एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस सर्वे में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनती हुई नजर आ रही है। सर्वे के मुताबिक उत्तराखंड में भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनने का आसार हैं। सर्वे के मुताबिक उत्तराखंड में भाजपा को 35 से 43 सीटें और कांग्रेस को 22 से 30 सीटें मिल सकती हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री के रूप में हरीश रावत पहली पसंद बने हुए हैं। सर्वे में बताया गया है कि 19 फीसदी लोग चाहते हैं कि हरीश रावत राज्य के मुख्यमंत्री बनें, वहीं 13 फीसदी लोग चाहते हैं कि बीसी खंडूड़ी मुख्यमंत्री बनें। सर्वे में साथ ही बताया गया कि भाजपा को 40 फीसदी और कांग्रेस को 33 फीसदी चुनाव मिल सकते हैं। सर्वे में बताया गया कि उत्तराखंड के गढ़वाल और मैदानी क्षेत्र में भाजपा और कुमाऊं में कांग्रेस लोगों की पसंद है।
एबीपी न्यूज-लोकमत-सीएसडीएस ने उत्तरप्रदेश विधानसभा के लिए भी ओपिनियन पोल करवाया था। इस सर्वे में किसी पार्टी को बहुमत मिलता नहीं दिख रहा। 141-151 सीटों के साथ समाजवादी पार्टी सबसे आगे है। जबकि भाजपा और सहयोगी दल 129-139 सीट जीतते नजर आ रहे हैं। बसपा को 93-103 सीटें मिलती दिख रही हैं, जबकि सर्वे के अनुसार, कांग्रेस को सिर्फ 13-19 सीटें मिलेंगी।
वहीं इंडिया टुडे ग्रुप के लिए एक्सिस-माई इंडिया की ओर से किए ताजा ओपिनियन पोल में पार्टियों की स्थिति के हिसाब से भाजपा का यूपी में सत्ता से 14 वर्ष का वनवास खत्म होता दिखाई दे रहा है। आगे की स्लाइड्स में देखिए किस राज्य में किस पार्टी को कितनी सीटें मिल रहीं हैं-
उत्तर प्रदेश में भाजपा को बढत
उत्तर प्रदेश में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलता नजर नहीं आ रहा है। सत्ताधारी पार्टी सपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती नजर आ रही है। सपा को 141 से 151 सीटें मिलने की उम्मीद हैं। हालांकि पार्टी में चल रही आतंरिक कलह अगर जल्द न सुलझी तो पार्टी को इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा।
जैसाकि विमुद्रीकरण से भाजपा को आने वाले चुनावों में मात देने की योजना के मातहत संसद में उम्मीद से कहीं अधिक शोर-शराबा किया, लेकिन विपक्ष पर वही दांव भारी पड़ता दिख रहा है। पहले उपचुनावों में और अब 5 राज्यों में होने वाले चुनावों में।
बीजेपी को अभी राज्य में 129 से 139 सीटें मिलती नजर आ रही हैं, लेकिन अगर सपा पार्टी टूटती है तो अखिलेश खेमा महज 82 से 92 सीटों पर सिमट सकता है। इस टूट का सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा और बीजेपी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी।
सपा की पारिवारिक कलह ने थाली में सजाकर भाजपा को सत्ता दे दी है। इस स्थिति में भाजपा का लेशमात्र भी लचीलापन पांसे पलट सकता है। सपा और बसपा दोनों की वस्तुस्थिति केवल प्रदेश ही नहीं अपितु देश के सम्मुख है।
सपा की उठा-पटक के बारे में पर केन्द्रीय मंत्री महेश शर्मा का कहना है यह उनका आपसी मामला है। लेकिन सपा और बसपा ने जैसे उत्तर प्रदेश को बर्बाद किया है उससे परेशान राज्य की जनता का रूझान भाजपा की तरफ हुआ है। इसी के चलते उन्होंने दावा किया कि विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा प्रदेश में बहुमत की सरकार बनाएगी।
बसपा को 93 से 103 सीटें मिलने की संभावना दिख रहीं हैं। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की लाख कोशिशों के बाबजूद कांग्रेस को महज 13 से 19 सीटें मिलती नजर आ रही है। इस ओपिनियन पोल में उत्तर प्रदेश की 65 विधानसभा क्षेत्रों के 5,932 लोग शामिल थे।
हालांकि अखिलेश यादव अभी भी मुख्यमंत्री पद के लिए राज्य के लोगों की पहली पसंद हैं। राज्य के 28 फीसदी लोग अखिलेश को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, वहीं 21 फीसदी लोगों ने मायावती को मुख्यमंत्री के रुप में पसंद किया। बीजेपी के आदित्यनाथ को महज 4 फीसदी तो मुलायम को 3 फीसदी लोगों ने पसंद किया।
वहीं इंडिया टुडे ग्रुप के लिए एक्सिस-माई इंडिया की ओर से किए गए ओपिनियन पोल में भाजपा को यूपी में 206 से 216 सीटें मिलने के साथ बहुमत मिलने का अनुमान है। जबकि सपा 92 से 97 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर दिख रही है।
बसपा तीसरे नंबर पर खिसकती दिखाई दे रही है। बसपा को 79 से 85 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं कांग्रेस को महज 5 से 9 सीटें मिलने का अनुमान है।
पंजाब में भाजपा-अकाली दल आगे
एबीपी न्यूज-लोकनीति और ,सीएसडीएस के ओपिनियन पोल में पंजाब में अकाली दल-बीजेपी गठबंधन को लगातार तीसरी बार बहुमत मिल सकता है। ओपिनियन पोल के मुताबिक पंजाब में विधानसभा की कुल 117 सीटों में से अकाली दल-बीजेपी गठबंधन को 50 से 58 सीटें मिल सकती हैं।
कांग्रेस भी कड़ी टक्कर देती नजर आ रही है। पोल के मुताबिक कांग्रेस को 41-49 सीटें मिल सकती हैं। वहीं तमाम कोशिशों के बावजूद आम आदमी पार्टी को महज 12-18 सीटें मिलती नजर आ रहीं हैं। हालांकि मुख्यमंत्री के रुप में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह लोगों की पहली पसंद बनकर उभरे हैं।
राज्य के 29 प्रतिशत लोग कैप्टन अमरिंदर सिंह को तो 20 प्रतिशत लोग प्रकाश सिंह बादल को मुख्यमंत्री के रुप में देखना चाहते हैं। वहीं भगवंत मान को सिर्फ 8 प्रतिशत लोग ही मुख्यमंत्री के रुप में देखना चाहते हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने यहां जनवरी 4 को कहा कि पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव में हमारा (शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी गठबंधन) किसी के साथ कोई मुकाबला नहीं है। हमलोग तीन-चौथाई सीटें जीतेंगे।
उत्तराखंड में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिलता नजर आ रहा है। ओपिनियन पोल के मुताबिक उत्तराखंड में विधानसभा की कुल 70 सीटों में से बीजेपी को 35-43 सीटें मिल सकती हैं। वहीं राज्य की सत्तारुढ़ पार्टी कांग्रेस महज 22-30 सीटों तक सिमट सकती है।
पोल के मुताबिक हरीश रावत मुख्यमंत्री के रुप में राज्य के लोगों की पहली पसंद हैं। राज्य के 19 प्रतिशत लोग हरीश रावत को तो 20 प्रतिशत लोग बीसी खंडूरी को मुख्यमंत्री के रुप में देखना चाहते हैं। पिछली बार भी भाजपा सत्ता में आने से बाल-बाल बच गयी थी। लेकिन अपनी उस सफलता को भाजपा भुनाने में पूर्णरूप से असफल रही। यदि भाजपा ने प्राप्त सीटों का लाभ उठाया होता, मोदी के प्रधानमन्त्री रहते दो-तिहाई बहुमत प्राप्त कर सकती थी। यह समस्या केवल उत्तराखंड ही नहीं, अन्य प्रदेशों में भी है। नेता केवल मोदी के करिश्मे पर ही निर्भर है।
जो काम तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं वर्तमान केन्द्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने गोवा में किया, वर्तमान सरकार उसे भुनाने में उतनी सफल नहीं। अन्यथा केजरीवाल गोवा में कदम नहीं रख पाता। वैसे भी जितना नुकसान कांग्रेस को आम आदमी पार्टी ने पहुँचाया है, भाजपा ने नहीं। फिर भी अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस का आआप को समर्थन जारी है।
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