खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने बताया कि उन्हें राशन कार्ड को आधार से जोड़ने के दौरान ही फर्जी राशन कार्ड के बारे में पता चला था। इतना ही नहीं रद्द हुए फर्जी राशनकार्ड के बाद अब कम से कम नए और योग्य लोगों को राशन कार्ड की सुविधा दी जा सकेगी।
पासवान में बताया सबसे ज्यादा फर्जी राशन कार्ड पश्चिम बंगाल में पकड़े गए हैं जिनकी संख्या 66 लाख 13 हजार 961 है, जबकि कर्नाटक में 65 लाख, मध्य प्रदेश में 1,09,436, उत्तर प्रदेश में 7,03,159, महाराष्ट्र में 21,62,391, राजस्थान में 13,23,406, ओडिशा में 7,61,460, छत्तीसगढ़ में 10,10,860, तेलंगाना में 19,39,481, पंजाब 1,01,249 और त्रिपुरा में 1,64,225 फर्जी राशन कार्ड के बारे में जानकारी मिली है। राम विलास पासवान ने बताया कि बिहार में करीब 8.5 करोड़ राशन कार्ड हैं। यदि इन सभी को आधार नंबर से जोड़ दिया जाए तो कम से कम एक करोड़ फर्जी राशन कार्ड के बारे में पता चलेगा। बिहार में 73 प्रतिशत लोगों को राशन कार्ड मिल गया है, लेकिन महज 0.13 प्रतिशत राशन कार्ड को आधार नंबर से जोड़ा गया है।
उन्होंने कहा कि बिहार के अधिकारियों ने बताया कि लोगों के आधार कार्ड बने हैं, लेकिन कई लोगों की शिकायत है कि उन्हें डाक के माध्यम से आधर कार्ड नहीं मिला है। बिहार में कई लोगों ने अपने गैस कनेक्शन को आधार कार्ड से जोड़ा है और साथ ही सरकार की कई योजनाओं को आधार संख्या से जोड़ा गया है। ऐसे में राशन कार्ड के लिए आधार कार्ड का नहीं होना, समझ से परे है।
पासवान ने कहा कि आन्ध्र प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और दिल्ली में शत-प्रतिशत राशन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ दिया गया है। पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, अंडमान-निकोबार, केरल और त्रिपुरा में 90 प्रतिशत से अधिक राशन कार्ड को आधार संख्या से जोड़ दिए गए हैं।
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