हिलेरी की संभावनाओं को नज़रअंदाज़ भी नहीं किया जा सकता, क्योंकि पाकिस्तान द्धारा परमाणु बनाने के उपरान्त से ही यह शंका चर्चा में रही है कि "पाकिस्तान परमाणु सुरक्षित हाथों में नहीं है।" और पाकिस्तान हमेशा इन ख़बरों का खंडन करता रहा। परन्तु जिस तरह आज की वर्तमान स्थिति को देख कि पाकिस्तान में लोकतान्त्रिक सरकार की बजाय सेना की चलती है और सेना आतंकवादियों के इशारे पर। वरना किसी भी आतंकवादी संगठन में खुले आम घूमने अथवा भाषण देने का साहस नहीं हो सकता? जो इस बात को प्रमाणित करता है कि पाकिस्तान में इन आतंकियों को सरकारी संरक्षण प्राप्त है। और जब ऐसे संगठनो के कार्य में किसी भी प्रकार का व्यवधान पड़ता है तो सेना पाकिस्तान का तख्ता पलट स्वयं सत्ता संभाल लेती है। जो पाकिस्तान का इतिहास भी है और स्वयं नवाज़ शरीफ इस तख्ता पलट के भोगी। जब कारगिल युद्ध उपरांत परवेज़ मुसर्रफ ने सत्ता संभल ली थी।
समाचार पत्र ने ‘द वॉशिंगटन फ्री बीकॉन’ बेवसाइट पर जारी 50 मिनट के ऑडियो का हवाला दिया। समाचार पत्र ने कहा कि अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी ने गत फरवरी में वर्जीनिया में बंद दरवाजे में हुए एक फंड रेजर कार्यक्रम में कहा, ‘भारत के साथ अपनी शत्रुता जारी रखते हुए पाकिस्तान सामरिक परमाणु हथियार विकसित करने के वास्ते पूरी गति से काम कर रहा है।’ समाचार पत्र ने कहा है कि फंड रेजर कार्यक्रम में परमाणु हथियारों के आधुनिकीकरण पर एक सवाल पर हिलेरी ने परमाणु हथियारों की दौड़ के बारे में बात करते हुए रूस और चीन के साथ-साथ पाकिस्तान और भारत का भी नाम लेकर परमाणु हथियारों की उभरती होड़ की चेतावनी दी।
हिलेरी ने कहा, ‘यह सर्वाधिक खतरनाक कल्पनीय घटनाक्रमों में से एक है।’ अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री की इस टिप्पणी का पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ के एक स्थानीय टीवी चैनल के साथ उस साक्षात्कार के मद्देनजर महत्व है। उक्त साक्षात्कार में आसिफ ने भारत के खिलाफ परमाणु हमला करने की धमकी दी थी। आसिफ ने कहा था, ‘हमारी सुरक्षा को यदि खतरा हुआ तो हम उनका (भारत का) अस्तित्व मिटा देंगे।’ प्रतीत होता है कि अमेरिका ने परमाणु हथियार इस्तेमाल करने के आसिफ के हालिया बयानों को गंभीरता से लिया है।
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