आदरणीय राम निवास गोयल जी,
मैं इस पत्र के माध्यम से आपका ध्यान आम आदमी पार्टी के तीन पूर्व मंत्रियों के संगीन अपराधों में लिप्तता और आज दिनांक 8 सितम्बर 2016 को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा AAP पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाये जाने के आदेश निरस्त किये जाने की ओर दिलाना चाहता हूँ । दिल्ली सरकार के कानून मंत्री रहे श्री जितेन्द्र सिंह तोमर के खिलाफ फर्जी कानूनी डिग्री का मामला दर्ज हुआ था तथा उनको जेल भी जाना पड़ा था। मैं आपको याद दिलाना चाहता हूँ कि जितेन्द्र तोमर के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल ने पहले तो यह कहा था कि उन्होंने तोमर के दस्तावेज चेक कर लिए है और वे ठीक है, परंतु बाद में जितेन्द्र सिंह तोमर के जेल जाने के बाद श्री अरविन्द केजरीवाल का यह बयान आया था कि उनको इस मामले में अंधेरे में रखा गया था। अर्थात बाद में श्री अरविन्द केजरीवाल ने जितेन्द्र सिंह तोमर के उपरोक्त अपराध में संलिप्तता को एक तरह से स्वीकार कर लिया था।
दिल्ली के खाद्य मंत्री असीम अहमद खान की एक ऑडियो क्लीप उजागर हुई थी जिसमें उन्होंने बिल्डिंग बनाने के एवज में 6 लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी। जिसके चलते श्री असीम अहमद खान को मंत्री पद से हटाया गया। श्री अरविन्द केजरीवाल ने इस प्रकरण पर यह बयान दिया था कि ‘‘यदि हमारे अधिकारी, मंत्री, विधायक और यदि मेरा लड़का या मनीष सिसोदिया भ्रष्टाचार में पाये जाते है तो हम किसी को भी नही छोड़ेंगे। और मनीष सिसोदिया मुझे नही बक्शेगा यदि मैं भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता हूँ। यह संदेश हम पूरे प्रशासन को देना चाहते है’’। दिल्ली सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री रहे श्री संदीप कुमार की एक सी.डी. जारी हुई जिसमें उनको एक महिला के साथ शारीरिक संबध बनाते हुए दिखाया गया है और इस सी.डी. के सार्वजनिक होने के बाद उक्त महिला ने श्री संदीप कुमार के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज भी करवाया। श्री संदीप कुमार के इस प्रकरण पर ट्वीट करते हुए श्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा था कि ‘‘मंत्री संदीप कुमार की आपत्तिजनक सी.डी. प्राप्त हुई। AAP सार्वजनिक जीवन में शिष्टाचार पर विश्वास करती है’’।
यदि हम उपरोक्त तीनों मंत्रियों के हटाये जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के बयानों की समीक्षा करे तो यह साफ जाहिर हो जाता है कि श्री अरविन्द केजरीवाल ने इन तीनों मंत्रियों की संगीन अपराधों में लिप्तता को एक तरफ से स्वीकार किया है और इसी लिए उनको मंत्री पदों से हटाया गया। संदीप कुमार की तो AAP पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी रद्द कर दी गई है। मैं आपको याद दिलाना चाहता हूँ कि उक्त तीनों विधायक उस आम आदमी पार्टी के सदस्य है जिनके मुख्यमंत्री ने रामलीला मैदान से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते हुए कहा था कि उनकी पार्टी स्वच्छ राजनीति की पक्षधर है तथा राजनीति में अपराधिकरण के खिलाफ है। यह वही पार्टी है जो अन्ना हजारे के ‘‘इंडिया अंगेस्ट करप्शन’’ के आंदोलन से उपजी थी।
मैं आपके संज्ञान में लाना चाहता हूँ कि यू.पी.ए. की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार के प्रधानमंत्री डा0 मनमोहन सिंह के कार्यकाल में संसद में प्रश्न पूछने के एवज में 11 सांसदों (10 लोकसभा व 1 राज्यभा सांसद) की स्टिंग आपरेशन की सी.डी. सार्वजनिक हुई थी जिस पर 23 दिसम्बर 2005 को कार्यवाही करते हुए संसद ने सार्वजनिक जीवन में जनप्रतिनिधियों के चरित्र को सर्वोपरि मानते हुए उक्त सांसदों की संसद की सदस्यता रद्द कर दी थी। अर्थात देश में आजादी के बाद के इतिहास में यह पहला उदाहरण था कि संसद की गरिमा को बनाये रखने के लिए दागी सांसदों की सदस्यता को रदद् कर दिया गया था।
जैसा कि आप जानते है कि आज दिनांक 8 सितम्बर 2016 को दिल्ली उच्च न्यायालय ने ।।च् पार्टी की दिल्ली सरकार द्वारा 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाने जाने के निर्णय को गैर कानूनी करार देते हुए निरस्त कर दिया है। 21 विधायकों की सदस्यता को खत्म किए जाने का मामला केन्द्रीय चुनाव आयोग के सामने चल रहा है तथा अब उक्त 21 विधायकों की सदस्यता रद्द होने की काफी संभावना है। मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि इन 21 विधायकों को दिल्ली विधानसभा के सत्रों में भाग लेने पर तब तक रोक लगाई जाये जब तक इस मामले में कोई अंतिम फैसला न आ जाये।
मैं स्वयं दिल्ली विधानसभा का पूर्व अध्यक्ष रहा हूँ तथा मैंने अपने कार्यकाल में हमेशा विधानसभा की गरिमा और विधानसभा सदस्यों की साफ छवि को महत्व दिया था तथा मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि आप विधानसभा अध्यक्ष होने के नाते दिल्ली विधानसभा की गरिमा को बनाये रखने के लिए आम आदमी पार्टी के पूर्व मंत्रियों व विधायकों श्री जितेन्द्र सिंह तोमर, श्री असीम अहमद खान और श्री संदीप कुमार की संगीन अपराधों में लिप्तता को ध्यान में रखते हुए उनकी विधानसभा की सदस्यता को तुरंत प्रभाव से रद्द करने के लिए एक प्रस्ताव दिल्ली विधानसभा में लाए ताकि दिल्ली के चुने हुए जनप्रतिनिधियों के सार्वजनिक जीवन की छवि साफ सुथरी बनी रहे और उसको कायम करने के लिए पूरे देश के सामने एक उदाहरण पेश किया जा सके।
आदर सहित,
आपका
अजय माकन
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