अब की बार तो प्रदर्शनकारियों ने नया नारा दिया। लोगों ने भाजपा के नारे अबकी बार मोदी सरकार में थोड़ा बदलाव करके बलूचिस्तान में अबकी बार मोदी सरकार नारा लगाया। बलूचिस्तान में तेजी से बुलन्द होती मोदी-मोदी के नारों से पाकिस्तान और इसके समर्थकों की नींद कहीं गायब होती जा रही है। क्योंकि उन्हें ईस्ट पाकिस्तान(वर्तमान बांग्लादेश) की तर्ज़ पर बलूचिस्तान हाथ से फिसलता दिख रहा है। क्योंकि आज के हालात को देखते हुए, जिस दिन बलूचिस्तान पाकिस्तान से अलग हुआ, फिर वह दिन भी ज्यादा दूर नहीं होगा जब सिन्ध, पाक-अधिकृत कश्मीर के आलावा लाहौर न निकल जाए।
जिस तरह पाकिस्तान भारत में आतंकवाद के जरिये दहशत फ़ैलाने का कोई मौका नहीं चूक रहा, उसी तरह बलूचियों पर पाकिस्तान फ़ौज़ें अत्याचार कर रही हैं। जबकि बलूच से ही पाकिस्तान को सर्वाधिक आय होती है, उसके बावजूद बलूचियों पर अत्याचार करने का कोई मौका नहीं चूकता।
बलूचिस्तान पाकिस्तान से अपनी आजादी की मांग कर रहा है। दरअसल बलूचिस्तान में लोगों पर हो रहे अत्याचार का मामला उठाने के बाद से ही पीएम मोदी बलूचिस्तान के चहेते बन गए हैं। पीएम मोदी की ओर से मुद्दा उठाने के बाद दूसरे देशों में शरण लिए बलूच नेताओं में जहां नया जोश आया है, वहीं इसका असर जमीन पर भी दिखने लगा है।
इस बीच, पाकिस्तान ने उन बलूच नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है, जिन्होंने बलूचिस्तान पर मोदी के बयान का स्वागत किया और उनसे दखल की मांग की. इस बीच लोगों का गुस्सा बलूचिस्तान में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाए गए सानाउल्लाह जेहरी के खिलाफ बढ़ रहा है, जिन्होंने बलूच नेता ब्रह्मदाग बुगती को 'जमीन से कटा' नेता करार दिया था।
वहीं, अमेरिकी विदेश विभाग ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पाकिस्तानी सेना की तरफ से हो रहे मानवाधिकार उल्लघंनों पर चिंता जताई है. भारत ने भी बलूचिस्तान के साथ-साथ पीओके और गिलगित, बल्तिस्तान में पाकिस्तान के अत्याचारों को दुनिया के मंच पर उठाने का फैसला किया है
बलूचिस्तान का वो सच, जिसे हर हिंदुस्तानी को जानना चाहिए
आजाद भारत में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दशकों से पाकिस्तान द्वारा कब्जाए बलूचिस्तान पर चर्चा छेड़कर इसे अन्तर्राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया है। इसके बाद से बलूचिस्तान में हिन्दुस्तान जिंदाबाद के नारे लगने लगे हैं। आज हम आपको बलूचिस्तान का वो सच बताएंगे, जिसे पढ़ने के बाद आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।
14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान के आजाद होने के बाद पाकिस्तान में हजारों हिन्दुओं को जबरन मुसलमान बनावाया और हजारों हिन्दू बहनों एवं माताओं का बलात्कार किया गया। पाकिस्तानी हुकूमत इतने में शांत नहीं बैठी, जिन्ना की अगुवाई में पाक ने अपनी सीमा से सटे स्वतंत्र बलूचिस्तान राष्ट्र पर कब्जा करने के मासूम लोगों और राजा को मौत के घाट उतार दिया।
गौरतलब है कि पाकिस्तान बनने के कुछ दिन बाद ही बलूच नागरिकों और पाक सरकार के बीच विवाद शुरू हो गया था और आजादी की घोषणा करने वाले बलूचिस्तान को पाक सरकार के बढ़ते दबाब के चलते उनसे 1948 में हाथ मिलाना पड़ा।
अप्रैल 1948 में पाक सेना ने मीर अहमद यार खान से उनका राज्य ही छीन लिया। बलूचिस्तान एक स्वतंत्र देश था किन्तु पाकिस्तान की नजर यहाँ थी। यहाँ पर बड़ी संख्या में हिन्दू लोग भी रह रहे थे।
मीर के भाई प्रिंस अब्दुल करीम खान को बलूचिस्तान का 23 प्रतिशत क्षेत्र पाकिस्तान को देना सही नहीं लगा और मई 1948 में अब्दुल करीब खान ने जिन्ना सरकार के खिलाफ एक युद्ध छेड़ दिया। जिन्ना सरकार ने नवरोज खान को उनके सहयोगियों के साथ गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया और नवरोज खान के बेटों और भतीजों को फांसी दे दी। वहीं दूसरी ओर नवरोज खान की भी जेल में रहने के दौरान मौत हो गई थी।
1948 में मुहम्मद जिन्ना ने बलूचिस्तान को पाकिस्तान का चौथा राज्य घोषित करते हुए उसे मान्यता प्रदान कर दी। इसके बाद भी बलूचिस्तानी आंदोलनकारियों ने आजादी की जंग जारी रखी।
जिसके बाद बलूचिस्तानी आंदोलनकारियों के ऊपर दमनात्मक कार्रवाई की गई और सात से आठ हजार बलूचिस्तानियों को अपनी जान गंवानी पड़ी। आज भी यहाँ के लोग आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं और उसमें वह भारत से मदद चाहते हैं।
बलूचिस्तान में स्थित बालाकोट नालाकोट से लगभग 90 किमी की दूरी पर हड़प्पा पूर्व एवं हड़प्पा कालीन अवशेष प्राप्त हुए हैं, बलूचिस्तान आर्यों की प्राचीन धरती आर्यावर्त का भी एक हिस्सा है, जिन्हें पाक अपना हिस्सा बताता है। यहाँ के लोगों के रीति-रिवाज भारत के हिन्दुओं से मिलते हैं। यहाँ की सभ्यता भी भारतीय पुरातन सभ्यता बताई जाती है।
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