केजरीवाल के लिए मुश्किल खड़ी करने वाले ये नेता हैं दिल्ली के बिजवासन क्षेत्र से जीते विधायक कर्नल देवेंद्र सहरावत। सहरावत ने मुख्यमंत्री केजवाल को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि हालात छवि खराब करने वाले बन रहे हैं और खराब तत्वों को हटाने के लिए कार्रवाई किए जाने की ज़रूरत है। उनके निशाने पर आम आदमी पार्टी के संयोजक दिलीप पांडेय, पंजाब प्रभारी संजय सिंह और आशुतोष खासतौर पर हैं। सहरावत ने दिलीप पांडेय पर निशाना साधते हुए उनके आचरण पर सवाल उठाए और कहा कि पंजाब से परेशान करने वाली खबरें आ रहीं हैं।
सहरावत ने इस चिट्ठी में ये भी लिखा है कि एक चौकड़ी है जो पार्टी को नुकसान पहुंचा रही है। उनसे पूछा गया कि ये लोग कौन हैं तो उन्होंने आशुतोष, पार्टी की पंजाब इकाई के प्रभारी संजय सिंह और दिलीप पांडेय का नाम लिया। अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि केजरीवाल को लोगों को बताना चाहिए कि हमारा अब भी विश्वास है कि हम राजनीति को बदलेंगे।
देवेंद्र सहरावत ने आम आदमी पार्टी से प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को निकाले जाने के तरीके के खिलाफ भी आवाज उठाई थी। इस बार भी उन्होंने केजरीवाल के साथ ही अन्ना हजारे को भी चिट्ठी लिखी है और कहा है कि आम आदमी पार्टी जिन आदर्शों के साथ शुरू की गई थी, उससे दूर हो रही है। देवेंद्र सहरावत ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है वो सिर्फ शिकायत तक ही सीमित नहीं है, वो बगावत के स्तर तक भी जाती है। देखना होगा कि वेटकन से लौटने के बाद केजरीवाल इस पर क्या एक्शन लेते हैं। फिलहाल आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रभारी संजय सिंह ने सहरावत के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि आरोप इतने बेतुके हैं कि वो इनका जवाब देना भी ठीक नहीं समझते, सहरावत को बोलने से पहले सबूत पेश करने चाहिए।
खामोश महिला संगठन
केजरीवाल को अपनी पार्टी बनाए रखने के लिए इधर-उधर भागने की बजाए, सबसे पहले पार्टी से गंध बाहर निकाले। अन्यथा पार्टी तो धूमिल होगी ही कोई अरविन्द का नाम सुनना भी पसन्द नहीं करेगा। क्योंकि पार्टी के दामन पर अभी तक दागों की ही भरमार हो रही है। गनीमत है, अभी तक कोई महिला संगठन आपके विरुद्ध खड़ा नहीं हुआ है, और जिस दिन खड़ा हो गया, समाज में अपमानित हो जाओगे। इतना ही नहीं पार्टी कार्य में लिप्त महिलाओं को कोई सम्मान से नहीं देखेगा। एक बात जो विशेष रूप से इस पार्टी के विरुद्ध निकल कर आई है, वो है, "जो पार्टी स्वयं महिलाओं का शोषण कर रही है, आम महिलाओं की सुरक्षा के बारे में इस पार्टी से उम्मीद रखना ही व्यर्थ है।" यानि महिला वोट-बैंक गया। और जो पार्टी महिला वोट खो देगी, उसका अस्तित्व ही क्या होगा, हर व्यक्ति समझ सकता है।
वैसे जो भी महिला शोषण की घटना उजागर हो रही है, सभी पार्टी में लिप्त महिलाओं की हो रही है। भारत में इतनी सारी पार्टियाँ हैं, शायद विश्व में इतने देश भी नहीं होंगे। केवल आम आदमी पार्टी से ही इतने अल्प समय में जितनी महिला उत्पीडन की खबरें उजागर हुई हैं, किसी भी अन्य पार्टी से नहीं। कभी इस गम्भीर मुद्दे पर चिन्तन करने का प्रयास किया। शायद नहीं, क्योंकि आपको मोदी पर कीजड़ फैंकने से फुर्सत नहीं। पार्टी हित में सोंचने का समय ही नहीं।
AAP कार्यकर्ता सुसाइड केसः परिवार का आरोप पार्टी ने उसे जिस्म के साथ समझौते को कहा
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के अनुसार, परिवार ने शिकायत की है कि 28 साल की सोनी का शोषण भी किया गया। उसे ये धमकी दी गई कि उसने अगर ऐसा ना किया तो वे उसकी बेटियों को अगवा कर लेंगे।
एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम ने बताया, 'उसे कहा गया था कि तुम अपने शरीर को इतना प्यार करना छोड़ दो और समझौता कर लो। जब तक तुम ऐसा नहीं करोगी, तुम पार्टी में आगे नहीं बढ़ पाओगी। एक व्यक्ति ने उसकी दो बेटियों को अगवा करने की धमकी भी दी।'
उन्होंने आरोप लगाया कि सोनी की दोनों बेटियां स्कूल नहीं जा सकीं क्योंकि उनके एडमिशन को AAP सरकार ने रोक रखा था। कुमारमंगलम का दावा है कि AAP के दिल्ली प्रमुख दिलीप पांडेय तक ने उस कार्यकर्ता का शोषण किया था।
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