शाहबुद्दीन का जेल से बाहर आने न्याय प्रक्रिया पर पुनः प्रश्नचिन्ह लगा रहा है, और देश पूछना चाहता है कि देश में दो कानून लागू हैं? आम नागरिकों के लिए कोई और कानून और राजनीति या राजनीति में लिप्त लोगों के लिए कोई और? जब इतने संगीन अपराध करने पर राजनीतिज्ञ या इसमें लिप्त जेलों से बाहर आ सकते हैं, फिर सामान्य नागरिक क्यों नहीं? यह प्रश्न कर रहे हैं सोशल मीडिया पर सुहेल देव पाठक, जो वास्तव में बहुत ही गम्भीर प्रश्न है।

सुहेल देव पाठक with Jareena Bahaab and 6 others.
जा रहा है कि उसे चारा चोर लालू या नितीश के शासन की वजह से छोड़ गया है जबकि यह अधूरा सत्य है
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◆तो पूरा सत्य क्या है??
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◆पूरा सत्य यह है कि भ्रष्ट जज नेताओ से सांठ-गांठ करके और अपराधियो को छोड़ देते है जिससे अपराध को खुलेआम बढ़ावा मिलता है और आम नागरिक इन अपराधियो का शिकार।
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◆अबतक आपने देखा होगा की भ्रष्ट जजो ने किन-किन लोगो को छोड़ा है ,जैसे-लालू,जयललिता,सलमान खान, भ्रष्ट नेताओ जैसे पैसे वाले बहुत से अपराधी छूट जाते है और फिर जनता अदालत का मुँह देखते हुए कहती है की न्याय सिर्फ पैसे वालो को ही मिलती है। मतलब ये कि जनता कुछ नही कर पाती जबकि देश का मालिक जनता ही है।
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◆मैं सीधे तौर पर भ्रष्ट प्रशासन को दोष देता हु और उन नेता अंधभक्तो को दोष देता हु जो सिर्फ सत्ता बदलने में विश्वास रखते है, व्यवस्था परिवर्तन में नही,क्योंकि अगर व्यवस्था परिवर्तन होगा तो अपराध,भ्रष्टाचार,बलात्कार,आतंक,बेरोजगारी,महगाई कम होगा और सत्ता परिवर्तन होगा तो ये सभी मुद्दे जैसे के तैसे ही रहेंगे ।
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◆जज और नेताओ के भ्रष्ट होने की दशा में आम नागरिक 5 साल पत्थर की तरह तमाशा देखने के सिवाय कुछ नही कर सकता क्योंकि जनता के हाथ में सिर्फ 5 साल में 2-3 बार वोटिंग करने के सिवाय कुछ अधिकार नही है, इसका मतलब यह हुआ कि जनता बैंक में पैसे तो जमकर सकती है लेकिन उसे निकाल नही सकती और यही झूठा लोकतन्त्र भारत के सभी समस्याओ का कारण है
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●मेरे विचार में सहाबुद्दीन जैसे अपराधियो को क़ाबू में करने में या खत्म करने का समाधान
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◆टीसीपी: टीसीपी द्वारा सभी आम नागरिक अपनी राय प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री के वेबसाइट पर रख सकते है की सहाबुद्दीन को छोड़ा जाना चाहिये या नही और अन्य नागरिक अपने मत देकर मुद्दे को रखने वाले आम नागरिक का समर्थन दे सकते है इससे पता चल जायेगा कि कितने आम नागरिक सहाबुद्दीन जैसे कट्टर अपराधी को छोड़ने या सज़ा के पक्ष में है, अगर 51% से ज्यादा मत है तो इन अपराधियों की सज़ा को बढ़ाया जा सकता है
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◆जूरी सिस्टम: जूरी सिस्टम से सुनवाई होने पर भ्रष्ट जज अपराधी की सज़ा कम,या छोड़ नही सकता और जूरी मण्डल द्वारा दिए गए सज़ा के अनुसार इन अपराधियों को कठोर सज़ा मिल सकती है
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◆राईट टू रिकॉल जज: राईट टू रिकॉल जज कानून के आ जाने से भ्रष्ट जज रिश्वत नही लेगा और जनता के पक्ष में फैसला सुनायेगा क्योंकि जज को डर रहेगा कि अगर रिश्वत लेकर फैसला सुनाया तो जनता उसे नौकरी से निकाल कर कारावास में डाल देगी इसलिए जजो का भ्रष्टाचार कम होगा
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◆राईट टू रिकॉल पुलिस अधीक्षक: पुलिस अधीक्षक भी अपराधियों से सांठ-गांठ करके सबूतो के साथ छेड़छाड़ करके मामलो को कमजोर बना सकता है जिससे अपराधी को छूटने में समय नही लगेगा,राईट टू रिकॉल कानूनों के आने से पुलिस अधीक्षक को भी डर रहेगा की अगर उसने भ्रष्टाचार किया तो जनता के द्वारा उसे नौकरी से निकाल कर कभी भी कारावास में डाला जा सकता है इसलिए पुलिस अधीक्षक भी भ्रष्टाचार नही करेगा और फिर भी भ्रष्टाचार करता है तो जनता उसे हटाकर किसी ईमानदार को कुर्सी पर बैठा सकती है।
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●आप भारतीय नागरिक क्या कर सकते है?
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◆हमे नेताओ की अंधभक्ति छोड़कर या सत्ता परिवर्तन की उम्मीद छोड़कर अच्छे कानूनों का आदेश SMS/पोस्टकार्ड/ट्विटर/ईमेल द्वारा भेजकर अपने सांसद/विधायक पर दबाव बनाना चाहिए और उनसे कहना चाहिये की अमुक कानूनों को लागू करने के लिये मुख्यमंत्री/प्रधानमंत्री पर दबाव बनाये
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◆हर भारतीय नागरिक को यह अधिकार स्वतः प्राप्त है कि देश को सुचारू रूप से चलाने के लिये आम नागरिक अपने नेताओ को आदेश भेजे
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◆राईट टू रिकॉल ग्रुप द्वारा प्रस्तावित टीसीपी,जूरी सिस्टम,राईट टू रिकॉल जज,राईट टू रिकॉल पुलिस अधीक्षक इत्यादि कानूनी ड्राफ्ट लिंक में देखे (https://web.facebook.com/notes/459989734191922/ ) और उनका अध्ययन करे और अगर आपको लगे की वास्तव में इससे व्यवस्था परिवर्तन हो सकता है तो अपने नेताओ को SMS/पोस्टकार्ड/ट्विटर/ईमेल द्वारा आदेश भेजे
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◆तो पूरा सत्य क्या है??
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◆पूरा सत्य यह है कि भ्रष्ट जज नेताओ से सांठ-गांठ करके और अपराधियो को छोड़ देते है जिससे अपराध को खुलेआम बढ़ावा मिलता है और आम नागरिक इन अपराधियो का शिकार।
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◆अबतक आपने देखा होगा की भ्रष्ट जजो ने किन-किन लोगो को छोड़ा है ,जैसे-लालू,जयललिता,सलमान खान, भ्रष्ट नेताओ जैसे पैसे वाले बहुत से अपराधी छूट जाते है और फिर जनता अदालत का मुँह देखते हुए कहती है की न्याय सिर्फ पैसे वालो को ही मिलती है। मतलब ये कि जनता कुछ नही कर पाती जबकि देश का मालिक जनता ही है।
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◆मैं सीधे तौर पर भ्रष्ट प्रशासन को दोष देता हु और उन नेता अंधभक्तो को दोष देता हु जो सिर्फ सत्ता बदलने में विश्वास रखते है, व्यवस्था परिवर्तन में नही,क्योंकि अगर व्यवस्था परिवर्तन होगा तो अपराध,भ्रष्टाचार,बलात्कार,आतंक,बेरोजगारी,महगाई कम होगा और सत्ता परिवर्तन होगा तो ये सभी मुद्दे जैसे के तैसे ही रहेंगे ।
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◆जज और नेताओ के भ्रष्ट होने की दशा में आम नागरिक 5 साल पत्थर की तरह तमाशा देखने के सिवाय कुछ नही कर सकता क्योंकि जनता के हाथ में सिर्फ 5 साल में 2-3 बार वोटिंग करने के सिवाय कुछ अधिकार नही है, इसका मतलब यह हुआ कि जनता बैंक में पैसे तो जमकर सकती है लेकिन उसे निकाल नही सकती और यही झूठा लोकतन्त्र भारत के सभी समस्याओ का कारण है
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●मेरे विचार में सहाबुद्दीन जैसे अपराधियो को क़ाबू में करने में या खत्म करने का समाधान===========================
◆टीसीपी: टीसीपी द्वारा सभी आम नागरिक अपनी राय प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री के वेबसाइट पर रख सकते है की सहाबुद्दीन को छोड़ा जाना चाहिये या नही और अन्य नागरिक अपने मत देकर मुद्दे को रखने वाले आम नागरिक का समर्थन दे सकते है इससे पता चल जायेगा कि कितने आम नागरिक सहाबुद्दीन जैसे कट्टर अपराधी को छोड़ने या सज़ा के पक्ष में है, अगर 51% से ज्यादा मत है तो इन अपराधियों की सज़ा को बढ़ाया जा सकता है
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◆जूरी सिस्टम: जूरी सिस्टम से सुनवाई होने पर भ्रष्ट जज अपराधी की सज़ा कम,या छोड़ नही सकता और जूरी मण्डल द्वारा दिए गए सज़ा के अनुसार इन अपराधियों को कठोर सज़ा मिल सकती है
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◆राईट टू रिकॉल जज: राईट टू रिकॉल जज कानून के आ जाने से भ्रष्ट जज रिश्वत नही लेगा और जनता के पक्ष में फैसला सुनायेगा क्योंकि जज को डर रहेगा कि अगर रिश्वत लेकर फैसला सुनाया तो जनता उसे नौकरी से निकाल कर कारावास में डाल देगी इसलिए जजो का भ्रष्टाचार कम होगा
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◆राईट टू रिकॉल पुलिस अधीक्षक: पुलिस अधीक्षक भी अपराधियों से सांठ-गांठ करके सबूतो के साथ छेड़छाड़ करके मामलो को कमजोर बना सकता है जिससे अपराधी को छूटने में समय नही लगेगा,राईट टू रिकॉल कानूनों के आने से पुलिस अधीक्षक को भी डर रहेगा की अगर उसने भ्रष्टाचार किया तो जनता के द्वारा उसे नौकरी से निकाल कर कभी भी कारावास में डाला जा सकता है इसलिए पुलिस अधीक्षक भी भ्रष्टाचार नही करेगा और फिर भी भ्रष्टाचार करता है तो जनता उसे हटाकर किसी ईमानदार को कुर्सी पर बैठा सकती है।
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●आप भारतीय नागरिक क्या कर सकते है?
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◆हमे नेताओ की अंधभक्ति छोड़कर या सत्ता परिवर्तन की उम्मीद छोड़कर अच्छे कानूनों का आदेश SMS/पोस्टकार्ड/ट्विटर/ईमेल द्वारा भेजकर अपने सांसद/विधायक पर दबाव बनाना चाहिए और उनसे कहना चाहिये की अमुक कानूनों को लागू करने के लिये मुख्यमंत्री/प्रधानमंत्री पर दबाव बनाये
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◆हर भारतीय नागरिक को यह अधिकार स्वतः प्राप्त है कि देश को सुचारू रूप से चलाने के लिये आम नागरिक अपने नेताओ को आदेश भेजे
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◆राईट टू रिकॉल ग्रुप द्वारा प्रस्तावित टीसीपी,जूरी सिस्टम,राईट टू रिकॉल जज,राईट टू रिकॉल पुलिस अधीक्षक इत्यादि कानूनी ड्राफ्ट लिंक में देखे (https://web.facebook.com/notes/459989734191922/ ) और उनका अध्ययन करे और अगर आपको लगे की वास्तव में इससे व्यवस्था परिवर्तन हो सकता है तो अपने नेताओ को SMS/पोस्टकार्ड/ट्विटर/ईमेल द्वारा आदेश भेजे
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