बलूच जनता पर हो रहे अत्याचारों पर सत्ता के गलियारों में अक्सर यही चर्चा होती थी, "अगर इंदिरा गाँधी होती इस मुद्दे को ईस्ट पाकिस्तान(बांग्लादेश) की तरह हाथों-हाथ ले लेती।" लेकिन इसे मोदी ने लपकने में जरा भी चूक न कर अपनी विदेशनीति एवं दूरदर्शिता का प्रमाण दे दिया।
मोदी की इसी दूरदर्शिता के कारण पाकिस्तान के बलूचिस्तान में पिछले कई दिनों से चल रहे बवाल के बीच नवाज शरीफ को एक और बड़ा झटका लगा है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान फिर से निर्वाचित होने में विफल रहा। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 सदस्यों ने मानवाधिकार परिषद के 18 नए सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान किया। बता दें कि बीते दिनों मोदी के बलूचिस्तान वालेे बयान पर पाकिस्तान ने विरोध किया था।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के लिए चुने गए हैं ये देश
सूत्रों ने बताया कि यहां मिली हार पाकिस्तानी शिष्टमंडल के लिए बड़ा झटका लेकर आई, क्योंकि वे मानवाधिकार परिषद में सीट हासिल करने को लेकर निश्चिंत दिख रहे थे। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के लिए चुने गए देश बेल्जियम, बुरुंडी, कोते दी आइवोरी (आइवरी कोस्ट), इक्वाडोर, इथोपिया, जॉर्जिया, जर्मनी, कीनिया, किर्गिस्तान, मंगोलिया, पनामा, फिलीपीन्स, कोरिया गणराज्य, स्लोवानिया, स्विट्जरलैंड, टोगो, संयुक्त अरब अमीरात और वेनेजुएला हैं। नए सदस्यों का तीन साल का कार्यकाल अगले साल एक जनवरी से शुरू होगा। पाकिस्तान एशिया प्रशांत के श्रेणी से सीट हार गया। इस श्रेणी में पांच सीटें खाली थीं। वह 47 सदस्यीय परिषद का सदस्य रहा है।
बलूचिस्तान में आए दिन आजादी की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं
बलूचिस्तान में आए दिन आजादी की मांग को लेकर प्रदर्शन होते रहते हैं। इस प्रदर्शन की वजह है पाकिस्तान के द्वारा बलूचिस्तान के लोगों के साथ अत्याचार की सीमाएं बहुत बढ़ गई हैं। इसका अंदाजा आप इस वीडियो को देख कर ही लगा सकते हैं कि पाकिस्तान आर्मी बलूचिस्तान की महिलाओं के साथ रेप जैसे घिनौनी हरकत खुलेआम करने लगे हैं। सस पहले इन महिलाओं ने भारत के पीएम मोदी से मदद की अपील भी की थी। उन्होंने कहा था कि मोदी जी हमें बचा लो, सेना के जवान रोज हमारा रेप करते हैं। पाक अधिकृत कश्मीर यानि पीओके और बलूचिस्तान की बुरी स्थिति अब किसी से भी छुपी नहीं है।
10,000 लोगों ने छोड़ा पाकिस्तान
आंकड़ों की माने तो इन तीन देशों में 10,000 से ज्यादा पाकिस्तानियों ने शरण मांगी हैं। आवेदनों के मामले में जर्मनी सबसे ऊपर है। जर्मनी के आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने बताया कि 9,185 पाकिस्तानियों ने शरण के लिए आवेदन किया है। जनवरी-जुलाई 2016 के दौरान ये आवेदन किए गए हैं। इनमें से 156 लोगों ने बार-बार आवेदन किया है। इसके अलावा ब्रिटेन होम ऑफिस के आंकड़ों के मुताबिक, जून 2015- जून 2016 के बीच 2,992 लोगों ने ऐसे ही आवेदन किए। जिनमें से 16 फीसदी को मंजूरी दी गई। इसके अलावा अमेरिका में 2016 में 376 पाकिस्तानियों ने आवेदन किया।
बलूचिस्तान में आए दिन आजादी की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं
बलूचिस्तान में आए दिन आजादी की मांग को लेकर प्रदर्शन होते रहते हैं। इस प्रदर्शन की वजह है पाकिस्तान के द्वारा बलूचिस्तान के लोगों के साथ अत्याचार की सीमाएं बहुत बढ़ गई हैं। इसका अंदाजा आप इस वीडियो को देख कर ही लगा सकते हैं कि पाकिस्तान आर्मी बलूचिस्तान की महिलाओं के साथ रेप जैसे घिनौनी हरकत खुलेआम करने लगे हैं। सस पहले इन महिलाओं ने भारत के पीएम मोदी से मदद की अपील भी की थी। उन्होंने कहा था कि मोदी जी हमें बचा लो, सेना के जवान रोज हमारा रेप करते हैं। पाक अधिकृत कश्मीर यानि पीओके और बलूचिस्तान की बुरी स्थिति अब किसी से भी छुपी नहीं है।
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