जिस हरियाणा के बारे में कांग्रेसी, चौटाला पार्टी व विपक्ष के लोग भाजपा व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पानी पी-पी कर कोसते हुए कहते थे कि हरियाणा में कल चुनाव करवा दो भाजपा का सफ़ाया हो जाएगा।उन लोगों के मुँह पर तमाचा मारकर सिरसा नगर पालिका में सारे विपक्ष का ही सूपड़ा साफ़ कर दिया।
इनेलो के अपने गढ़ माने जाने वाले सिरसा के नगरपालिका चुनाव मे इनेलो का सफाया कर सबको दिन में तारे दिखा दिए।
भाजपा ने इनेलो को पछाड़ते हुए 31 वार्डो मे से 17 वार्डो मे जीत दर्ज की है सबसे बड़ी बात ये रही है की इनेलो और कॉंग्रेस कहती थी की सिम्बल पर चुनाव लड़कर देखे भाजपा तो भाजपा ने तो सिम्बल ( कमल के फूल ) पर चुनाव लड़ा पर दूसरी सभी पार्टियाँ सिम्बल पर चुनाव लड़ने से भाग गई और नतीजा बीजेपी के आगे सभी पार्टी धरातल पर औंधे मुँह गिर गयी।सिरसा ने बता दिया की अब चुनाव विकास के मुद्दे पर ही होंगे ना की जाति या धर्म पर ? वास्तव में लोकसभा चुनाव से पूर्व भाजपा का हरियाणा में इतना वजूद नहीं था। बस इतना जानते कि यह केवल वोट काटने और साम्प्रदायिकता फ़ैलाने वाली पार्टी है।
भाजपा ने इनेलो को पछाड़ते हुए 31 वार्डो मे से 17 वार्डो मे जीत दर्ज की है सबसे बड़ी बात ये रही है की इनेलो और कॉंग्रेस कहती थी की सिम्बल पर चुनाव लड़कर देखे भाजपा तो भाजपा ने तो सिम्बल ( कमल के फूल ) पर चुनाव लड़ा पर दूसरी सभी पार्टियाँ सिम्बल पर चुनाव लड़ने से भाग गई और नतीजा बीजेपी के आगे सभी पार्टी धरातल पर औंधे मुँह गिर गयी।सिरसा ने बता दिया की अब चुनाव विकास के मुद्दे पर ही होंगे ना की जाति या धर्म पर ? वास्तव में लोकसभा चुनाव से पूर्व भाजपा का हरियाणा में इतना वजूद नहीं था। बस इतना जानते कि यह केवल वोट काटने और साम्प्रदायिकता फ़ैलाने वाली पार्टी है।
यही पार्टी की स्थिति विंध्याचल में भी था। कहा जाये तो सबसे बुरा था। वहाँ कोई नहीं जानता था कि भाजपा किसे कहते हैं। विंध्याचल में लोगों की बातें सुन हैरान हो गया कि जिस पार्टी में इतने धुरन्दर नेता हों, विंध्याचल में कोई नहीं जानता और मोदी के नाम का इतना प्रभाव की हर घर पर भाजपा का झंडा। विंध्याचल में मोदी के नाम का इतना जबरदस्त प्रभाव देख केन्द्र में पार्टी के बहुमत में आने के संकेत मिल गए थे। लोकसभा चुनावों में अपने दो दिन के प्रवास में किसी के मुख से कांग्रेस का नाम नहीं सुना। वास्तव में मोदी का ही करिश्मा है कि जिस काम को वाजपेयी और आडवाणी नहीं कर पाए, उस काम को मोदी के जादू ने कर दिखाया।
ठीक वही स्थिति हरियाणा की थी। जिस तरह इतने विरोधों के बावजूद मुख्यमन्त्री मनोहर लाल काम कर रहे हैं, हरियाणा से भाजपा विरोधियों को धूल चटाने का कोई अवसर नहीं चूकेंगे। स्थानीय चुनाव मात्र एक झांकी है। खेल तो अभी शेष है।
बीजेपी ( कमल का फूल ) 17
कॉंग्रेस समर्थित 4
कांडा हलोपा समर्थित 4
इनेलो समर्थित 3
आजाद समर्थित 3
कॉंग्रेस समर्थित 4
कांडा हलोपा समर्थित 4
इनेलो समर्थित 3
आजाद समर्थित 3
ये जीत है भाजपा,मोदी जी व मनोहर लाल की कड़ी मेहनत व मोदी जी की जनता के हितों में लाई है। जिस दिन खट्टर सरकार कांग्रेस और रोबर्ट घोटाले को रंग में ले आयेंगे, कांग्रेस और कांग्रेस समर्थक कहीं दूर तक नजर नहीं आएंगे। व्यक्तिगत अनुभव है, शेष तो भविष्य के गर्भ में क्या छिपा है कहा नहीं जा सकता।

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