मोदी सरकार जल्द ही POK से भारत आये शरणार्थियों के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा करने वाला है। इन शरणार्थियों में गिलगित और बलूचिस्तान के प्रवासी भी शामिल हैं।
केंद्र सरकार इसका प्रस्ताव गृह मंत्रालय के समक्ष रखने वाली है
एक आला अधिकारी ने बताया कि जल्द ही केंद्र सरकार इसका प्रस्ताव गृह मंत्रालय के समक्ष रखने वाली है और हमें आशा है कि महीने भर में इसे मंजूरी भी मिल जायेगी।
एक आला अधिकारी ने बताया कि जल्द ही केंद्र सरकार इसका प्रस्ताव गृह मंत्रालय के समक्ष रखने वाली है और हमें आशा है कि महीने भर में इसे मंजूरी भी मिल जायेगी।
वही पीओके के विस्थापित लोगों का प्रतिनिधित्व कर रही जम्मू कश्मीर शरणार्थी कार्य समिति (जेकेएसएसी) का कहना है कि उक्त पैकेज को अंतिम बंदोबस्त नहीं समझा जाना चाहिए क्योंकि उसके लिए 9,200 करोड़ रुपये की आवश्यकता पड़ेगी। जम्मू कश्मीर में बसे पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों की समस्याओं पर विचार करने के बाद मोदी सरकार ने जनवरी 2015 में शरणार्थियों के लिए कुछ रियायतें मंजूर की थीं। जिनमें इन्हे अर्धसैनिक बलों में भर्ती करने के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाने, राज्य में समान रोजगार अवसर उपलब्ध कराने, शरणार्थियों के बच्चों को केंद्रीय विद्यालयों में दाखिला देने जैसे कई कदम शामिल हैं।
गिलगित, बाल्टिस्तान और बलूचिस्तान का जिक्र मोदी जी ने अपने 12 अगस्त की कार्यकारिणी बैठक और 15 अगस्त के संबोधन में भी किया। उसके बाद इन क्षेत्रों के कई नेता मोदी के समर्थन में आ खड़े हुए। मोदी सरकार का मानना है कि ये तीनो क्षेत्र कश्मीर का अटूट अंग हैं। सरकार अपनी बातों पर अमल कर रही है और इससे वहां के लोग राहत का अनुभव कर रहें हैं।
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