पाकिस्तान के इस्लामाबाद में एक दिवसीय सार्क का गृह मंत्री सम्मेलन अगस्त 4 को शुरू हुआ। इस दौरान राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया।
इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सम्मेलन का आगाज करते हुए कहा कि कई चुनौतियों के बावजूद, सार्क ने दक्षिण एशिया में ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रीय एकीकरण को बढ़ावा देने में सराहनीय योगदान दिया है। उन्होंने काबुल, ढाका और पठानकोट में हुए आतंकी हमलों का भी जिक्र किया।
पाकिस्तान का कश्मीर मामले पर हस्तक्षेप करने का राजनाथ सिंह ने मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों का शहीदों के रूप में महिमामंडन या प्रशंसा नहीं की जानी चाहिए।
राजनाथ ने पठानकोट, काबुल और ढाका जैसे हमलों का जिक्र करते हुए कहा, ''आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जरूरत है। सिर्फ आतंकवाद को क्रिटिसाइज करना ही काफी नहीं है।"
उन्होंने कहा कि "केवल आतंकियों पर ही नहीं आतंकी संगठनों और उन्हें सपोर्ट करने वाले देशों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।"
सार्क सम्मलेन में जब राजनाथ सिंह बोल रहे थे तो पाकिस्तान ने मीडिया कवरेज पर प्रतिबन्ध लगवा दिया. इसके बावजूद भी भारत के शेर राजनाथ ने सार्क देशों के प्रमुखों के सामने पाकिस्तान को खूब लताड़ा. राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान अपनी हरकत सुधार ले नवाज साहब वर्ना कश्मीर भी होगा और हिन्दुस्तान भी होगा लेकिन पाकिस्तान नही होगा .
पाकिस्तान ने राजनाथ सिंह के भाषण के प्रसारण पर रोक लगा दी है। वहीं राजनाथ सिंह लंच में भी शामिल नहीं हुए।
साथ ही उन्होंने कहा कि आतंकवादियों का ‘शहीदों’ की तरह महिमामंडन नहीं
किया जाना चाहिए। दक्षेस के गृह मंत्रियों की बैठक में राजनाथ ने कहा,
“केवल आतंकवादियों के खिलाफ ही नहीं, बल्कि इसका समर्थन करने वाले संगठनों,
व्यक्तियों तथा देशों के खिलाफ भी कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”
उन्होंने कहा, “आतंकवादी अच्छे और खराब नहीं होते। आतंकवाद बस आतंकवाद
है। आतंकवादियों का शहीदों की तरह महिमामंडन नहीं किया जाना चाहिए।”
कश्मीर में जारी अशांति के बीच भारत के गृह मंत्री ने इस्लामाबाद का
दौरा किया है। इस अशांति के लिए भारत ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है।
आठ जुलाई को पाकिस्तान समर्थक हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी
की मौत के बाद कश्मीर में हिंसात्मक विरोध-प्रदर्शनों का दौर जारी है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने वानी को ‘शहीद’ करार दिया था। उन्होंने कहा था कि वह जम्मू एवं कश्मीर की ‘आजादी’ के लिए शहीद हो गया।
प्राप्त जानकारियों के अनुसार सार्क सम्मेलन ‘बहस’ का मैदान बन गया। यहां भारतीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का गुस्सा देखने लायक रहा।
आतंकवाद पर पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाकर
राजनाथ सिंह वापस लौट आये, उन्होंने पाकिस्तानी खाने का भी त्याग कर दिया
और पांच घंटे पहले ही भारत रवाना हो गए, समय के मुताबिक उन्हें शाम पांच
बजे भारत के लिए उड़ान भारती थी लेकिन वे 1 बजे ही भारत वापसी के लिए रवाना
हो गए।
कश्मीर में जारी अशांति के बीच भारत के गृह मंत्री ने इस्लामाबाद का
दौरा किया है। इस अशांति के लिए भारत ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है।
आठ जुलाई को पाकिस्तान समर्थक हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी
की मौत के बाद कश्मीर में हिंसात्मक विरोध-प्रदर्शनों का दौर जारी है।पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने वानी को ‘शहीद’ करार दिया था। उन्होंने कहा था कि वह जम्मू एवं कश्मीर की ‘आजादी’ के लिए शहीद हो गया।
प्राप्त जानकारियों के अनुसार सार्क सम्मेलन ‘बहस’ का मैदान बन गया। यहां भारतीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का गुस्सा देखने लायक रहा।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सार्क देशों के सामने आतंकवाद की पोल खाेली, तो पाकिस्तान परेशान हो गया।
हालात को संभालने के लिए देशी और विदेशी मीडिया पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई।
राजनाथ ने इस सम्मेलन में रखे गए लंच में भी हिस्सा नहीं लिया और पाकिस्तान को उसी की धरती पर खूब सुनाया।
राजनाथ सिंह का गुस्सा
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान खुलेआम आतंकियों को लम्बे समय से पनाह दे रहा है।
सिंह ने कहा, आतंकवाद अच्छा या बुरा नहीं होता। इसे कोई रंग नहीं दिया जा सकता है।
आतंकी बुरहान वानी को शहीद बताने पर उन्होंने पाकिस्तान से पूछा कि आतंकवाद का महिमामंडन कैसे किया जा सकता है।
राजानाथ सिंह ने अफगानिस्तान और बांग्लादेश में भी आतंकी हमलों का जिक्र किया।
यहां अफगानिस्तान के विदेशमंत्री ने भी आतंकवाद पर पाकिस्तान को घेरा।
राजनाथ सिंह का गुस्सा जब उफान पर था, तभी भारतीय अधिकारी भी पाकिस्तानी अधिकारियों पर भड़क गए।
दरअसल, भारतीय मीडिया को कवरेज से रोका जा रहा था। इस बात पर एक भारतीय अधिकारी की पाकिस्तानी अधिकारी से बहस हो गई।
वैसे राजनाथ सिंह का गुस्सा सिर्फ सम्मेलन में नहीं दिखा। राजनाथ ने सम्मेलन के दौरान पाक पीएम नवाज शरीफ से भी मुलाकात की।
यह मुलाकात भी देखने लायक थी। दोनों ही मंत्रियों ने हाथ तो मिलाए लेकिन दोनों के हाथ बस एक-दूसरे से छुए भर थे।
सार्क में जब गृहमंत्री राजनाथ सिंह का अपने पाकिस्तानी समकक्ष चौधरी निसार अली खान से मिले तो वहां भी ऐसी ही दूरियां दिखीं।
जब सिंह सेरेना होटल में आयोजित सम्मेलन में पहुंचे तो खान वहां पदाधिकारियों का स्वागत करने के लिए दरवाजे पर ही खड़े थे।
एक अधिकारी ने कहा, ‘यह सामान्य शिष्टाचार भेंट थी।’ प्रतिनिधिमंडल तकरीबन 20 मिनट तक शरीफ के साथ रहा।
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