बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती को अब तक का सबसे करारा जवाब दिया है। मायावती और उनकी पार्टी लगातार दलित उत्पीड़न के मसले पर संसद में हंगामा कर रही है। सरकार इस मसले पर चर्चा के लिए भी राजी है फिर भी हंगामा जारी है। इसी हंगामे के चलते वेंकैया नायडू ने मायावती को नसीहत दी है। नायडू ने कहा कि “तिलक, तराजू और तलवार इनको मारो जूते चार” का नारा देने वाली पार्टी हमें
नसीहत ना दें।
दरअसल, देश में लगातार बढ़ रहे दलित उत्पीडन के मामले को लेकर संसद में हंगामा मचा हुआ है। विपक्ष और
सरकार दोनों इस मसले पर चर्चा के लिए है। ऊना में दलितों के पिटाई के मामले में प्रधानमंत्री पहले ही बयान जारी कर कह चुके हैं कि कुछ फर्जी गोभक्त देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। गुजराज के ऊना दलित कांड में वैसे भी कांग्रेस की कठघरे में खड़ी नजर आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद न्यूज लूज वेबसाइट ये दावा कर चुकी है कि ऊना कांड के पीछे सोनिया गांधी के सबसे करीबी अहमद पटेल का हाथ है।
ऊना कांड में अहमद पटेल का नाम सोशल मीडिया में भी काफी वायरल हो चुका है। जबकि मायावती आरोप लगाती रही हैं कि देशभर में हो रहे दलित उत्पीडन के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है। जिसे लेकर वो राज्यसभा में लगातार हंगामा भी करती रही हैं। मायावती का आरोप है कि मोदी सरकार में दलितों पर उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ी हैं। जबकि कांग्रेस भी दलितों पर अत्याचार के मुद्दे हमेशा भुनाने की कोशिश में रहती है। केंद्र सरकार लगातार इन आरोपों को बेबुनियाद बताती रही है।
दलित उत्पीडन पर इसी हंगामे को देखते हुए अब वेंकैया नायडू ने मायावती पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने साफ तौर पर कह दिया है कि जो पार्टी “तिलक, तराजू और तलवार इनको मारो जूते चार” जैसे नारे देती है हमें उनकी नसीहत की कोई जरुरत नहीं है। इससे पहले कभी मायावती के करीबी रहे स्वामी प्रसाद मौर्य भी ये खुलासा कर चुके हैं कि खुद मायावती हमेशा चाहते हैं कि दलितों पर उत्पीड़न होते रहें वो मार खाते रहें। ताकि उनकी राजनीति चलती रहे।
स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि मायावती का दलित प्रेम खोखला है। वो महज दलितों के नाम पर खेल रही हैं। अगर वो चाहती तो सूबे में दलितों की स्थिति सुधार सकती थी। स्वामी ने माया पर बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि वो चाहती थी कि दलित वर्ग समाज में गाली खाए। दलितों की पिटाई की खबरों से उन्हे बड़ा आनंद आता था। माया कहती थी कि जितना पिटेंगे गाली खाएंगे उतना ही हमारे पक्के वोट बैंक के तौर पर मजबूत होंगे।
मायावती पर स्वामी प्रसाद मौर्या के हमले यहीं नहीं रुके। उन्होने फिर कहा कि राज्य में अखिलेश सरकार के साढ़ें 4 साल के कार्यकाल के दौरान माया खामोश थी। वो किसी मुद्दे पर कुछ नहीं बोलती थी. क्या पिछले साढ़े 4 साल में राज्य में दलितों पर अत्याचार नहीं हुआ. या फिर देश के किसी हिस्से में दलितों पर हमला नहीं हुआ क्या। लेकिन मायावती केवल चुनाव के वक्त ही अपनी चुप्पी तोड़ती हैं। उन्हे चुनाव के समय दलित प्रेम याद आता है।
स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि मायावती का झूठा दलित प्रेम अब दलित समाज समझ गया है। वो इस बार माया को मजा चखाएगा। वहीं स्वामी ने समाजवादी पार्टी पर भी निशाना साधा। उन्होने कहा कि आज समाजवादी पार्टी की जो हालत है उसे देखकर अगर लोहिया जी जिंदा होते तो खुदकुशी कर लेते। साफ है कि स्वामी बीजेपी में शामिल होने के बाद अपने तेवर दिखा रहे हैं। वो अपनी ताकत का प्रदर्शन करने के लिए लगातार विरोधियों पर हमला कर रहे हैं।
नसीहत ना दें।
दरअसल, देश में लगातार बढ़ रहे दलित उत्पीडन के मामले को लेकर संसद में हंगामा मचा हुआ है। विपक्ष और
मायावतीजी आगरा में एक दलित को मूत्र पिलाने वाला कौन ? उत्तर प्रदेश की ही घटना है। क्यों नहीं हंगामा किया ? है कोई उत्तर !!! |
ऊना कांड में अहमद पटेल का नाम सोशल मीडिया में भी काफी वायरल हो चुका है। जबकि मायावती आरोप लगाती रही हैं कि देशभर में हो रहे दलित उत्पीडन के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है। जिसे लेकर वो राज्यसभा में लगातार हंगामा भी करती रही हैं। मायावती का आरोप है कि मोदी सरकार में दलितों पर उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ी हैं। जबकि कांग्रेस भी दलितों पर अत्याचार के मुद्दे हमेशा भुनाने की कोशिश में रहती है। केंद्र सरकार लगातार इन आरोपों को बेबुनियाद बताती रही है।
दलित उत्पीडन पर इसी हंगामे को देखते हुए अब वेंकैया नायडू ने मायावती पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने साफ तौर पर कह दिया है कि जो पार्टी “तिलक, तराजू और तलवार इनको मारो जूते चार” जैसे नारे देती है हमें उनकी नसीहत की कोई जरुरत नहीं है। इससे पहले कभी मायावती के करीबी रहे स्वामी प्रसाद मौर्य भी ये खुलासा कर चुके हैं कि खुद मायावती हमेशा चाहते हैं कि दलितों पर उत्पीड़न होते रहें वो मार खाते रहें। ताकि उनकी राजनीति चलती रहे।
मायावती चाहती थी दलित गालियां खाएं और पीटे जाएं !
बीएसपी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्या अब खुलकर मायावती की सियासी पोल खोल रहे हैं। लखनऊ में बीजेपी दफ्तर में स्वामी का स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस मंच से स्वामी ने जी भर के मायावती पर हमला किया।स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि मायावती का दलित प्रेम खोखला है। वो महज दलितों के नाम पर खेल रही हैं। अगर वो चाहती तो सूबे में दलितों की स्थिति सुधार सकती थी। स्वामी ने माया पर बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि वो चाहती थी कि दलित वर्ग समाज में गाली खाए। दलितों की पिटाई की खबरों से उन्हे बड़ा आनंद आता था। माया कहती थी कि जितना पिटेंगे गाली खाएंगे उतना ही हमारे पक्के वोट बैंक के तौर पर मजबूत होंगे।
मायावती पर स्वामी प्रसाद मौर्या के हमले यहीं नहीं रुके। उन्होने फिर कहा कि राज्य में अखिलेश सरकार के साढ़ें 4 साल के कार्यकाल के दौरान माया खामोश थी। वो किसी मुद्दे पर कुछ नहीं बोलती थी. क्या पिछले साढ़े 4 साल में राज्य में दलितों पर अत्याचार नहीं हुआ. या फिर देश के किसी हिस्से में दलितों पर हमला नहीं हुआ क्या। लेकिन मायावती केवल चुनाव के वक्त ही अपनी चुप्पी तोड़ती हैं। उन्हे चुनाव के समय दलित प्रेम याद आता है।
स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि मायावती का झूठा दलित प्रेम अब दलित समाज समझ गया है। वो इस बार माया को मजा चखाएगा। वहीं स्वामी ने समाजवादी पार्टी पर भी निशाना साधा। उन्होने कहा कि आज समाजवादी पार्टी की जो हालत है उसे देखकर अगर लोहिया जी जिंदा होते तो खुदकुशी कर लेते। साफ है कि स्वामी बीजेपी में शामिल होने के बाद अपने तेवर दिखा रहे हैं। वो अपनी ताकत का प्रदर्शन करने के लिए लगातार विरोधियों पर हमला कर रहे हैं।
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