पिछले 68 सालों से इस देश में गांधी को सबसे बड़ा महात्मा और गोडसे को सबसे बड़ा आतंकवादी बताया जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि आखिर क्या थी गोडसे की विवशता ..? क्या गोडसे नही जानते थे की एक आम आदमी को मारने में और एक राष्ट्रपिता बने को मारने में क्या अंतर है और क्या गोडसे को अंदाजा नहीं था कि गांधी को मारने के बाद क्या होगा उनके परिवार का ..? कैसे कैसे कष्ट सहने पड़ेंगे गोडसे के परिवार और सम्बन्धियों को और मित्रों को ? आखिर क्या था गांधी वध का वास्तविक कारण .? क्या थी विभाजन की पीड़ा ..? विभाजन के समय क्या क्या हुआ था ..? आज मीडिया और सेकुलर गिरोह कहता है कि”गोडसे आतंकवादी हैं”… “हत्यारा हैं’ ….
न्यायालय में दिए अपने 150 बयानों में गोडसे ने स्पष्ट कहा था कि “मैं महात्मा गांधी का बहुत सम्मान करता हूँ , लेकिन गांधी की तुष्टिकरण नीति के कारण मुझे ऐसा करना पड़ा। … ” परन्तु छद्दम नेताओं ने गोडसे के उन बयानों को सार्वजनिक नहीं होने दिया। जनता के समक्ष महात्मा गांधी का ऐसा स्वांग रचा गया, सबके सामने है। आजतक इन छद्दम नेताओं से जनता ने यह पूछने का साहस नहीं किया कि “माना गोडसे एक हत्यारा था ,परन्तु गांधी हत्या उपरांत उनके परिवार को राजनीति में स्थान क्यों नही मिला ?” कोई नहीं देगा उत्तर।
Comments