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डियर निब्बा-निब्बी! रोना-धोना छोड़ खुद को मेच्योर बनाओ, क्योंकि जीवन ‘सैयारा’ है…

                                                                                         फिल्म सैयारा का एक सीन (फोटो साभार: Indianexpress)                                      सैयारा मैं सैयारा, सैयारा तू सैयारा                                       सितारों के जहाँ में मिलेंगे अब यारा वैसे तो ऊपर की पंक्तियाँ सलमान खान और कटरीना कैफ की फिल्म ‘एक था टाइगर’ के एक गाने की हैं। यह फिल्म 2012 में रिलीज हुई थी। 13 साल बाद एक बार फिर अरबी भाषा का शब्द ‘सैयारा’ चर्चा में है। मोटे तौर पर सैयारा का अर्थ गतिमान या सफर होता है। पर जब यह शायरी का लिबास ओढ़ती है तो इसका उपयोग प्रेम/आकर्षण के ...
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सूने दिलों में धड़कन जगाने आया भोलेनाथ का सावन का महीना और वीणा के तारों को चार चाँद लगाते फिल्मों के गीत 'सावन का महीना पवन करे सोर(शोर) से लेकर ‘मोहब्बत बरसा देना’

सावन का महीना जिसे भोलेनाथ शिव के नाम से अधिक जाना जाता है लेकिन भोलेनाथ सिर्फ स्वयं आनन्दित होते समस्त सृष्टि को भी आनन्दित कर देते हैं।  सावन महीना इतना ऊर्जावान होता है कि बच्चों से लेकर वृद्ध तक में नवचेतना दौड़ने लगती है। प्रकृति भी इससे अछूती नहीं रहती। वर्षा ऋतु से चारों ओर हरियाली होने से उपवनों में खिलते पुष्प भी प्रकृति को नवजीवन प्रदान करती है। आकाश पर इंद्रधनुष मन को लुभाते हैं। ऐसे में गीतकार क्यों चूंके। फिल्मों में एक से बढ़कर एक गीतों की हुई रचना से समस्त सृष्टि ख़ुशी में झूम जाती है। कई गाने तो इतने चर्चित होते हैं कि पूरी की पूरी फिल्म की बॉक्स ऑफिस पर धूम मचवा देते हैं।    विक्रम संवत 2082, मास – श्रावण। श्रावण, जिसे लोकभाषा में सावन कहते हैं, अपने साथ कितना कुछ लेकर आता है ।   सावन सिर्फ़ झमाझम बारिश, चारों तरफ पसरी हरियाली और खा-खाकर अघाए शाकाहारी पशुओं का ही महीना नहीं है – बल्कि ये रचनात्मकता का शिखर छूने वालों के लिए भी एक आदर्श महीना है। इतिहास तो यही कहता है। बॉलीवुड के गीतकारों ने इसी महीने के ऊपर एक से बढ़कर एक गीत लिखे हैं, जिन पर फिल्...

मीलॉर्ड और हिन्दू विरोधी कपिल सिबल जवाब दो कन्हैया लाल की हत्या से क्या मोहब्बत के फूल बरसे थे? उदयपुर फाइल्स पर रोक लगवाने में सफल हुआ जमीयत, ‘ईशनिंदा’ का बनाया बहाना: दावा – मुस्लिमों को बनाया जा सकता है निशाना, आतंकियों का भी बचाव करता है ये इस्लामी संगठन

       मीलॉर्ड दर्जी कन्हैया का क्या कसूर था? क्या उसकी हत्या से मोहब्बत के फूल बरसे थे? सच्चाई को बाहर आने से क्यों रोका?    राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की हत्या पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स: कन्हैयालाल टेलर मर्डर’ फिल्म की रिलीज पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। ये फिल्म शुक्रवार (11 जुलाई 2025) को रिलीज होनी थी। इस फिल्म पर रोक लगाने के लिए जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मुखिया अरशद मदनी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। गुरुवार (10 जुलाई 2025) को दिल्ली हाई कोर्ट की बेंच में चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस अनीश दयाल ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद को केंद्र सरकार के पास जाकर फिल्म के सीन और उसके सर्टिफिकेशन में बदलाव करने की बात कही है। केंद्र के पास सिनेमेटोग्राफी एक्ट के सेक्शन-6 के तहत फिल्म में बदलाव करने का अधिकार होता है। कोर्ट ने उलेमा-ए-हिंद को जरूरी बदलाव करने के लिए 10 जुलाई 2025 तक का समय दिया था। कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद के बदलाव किए जाने वाली याचिका पर जब तक निर्णय नहीं ले लिया ज...

कन्हैया लाल का गला कैमरे पर रेतने वाले अब कह रहे उस पर बनी ‘उदयपुर फाइल्स’ मत दिखलाओ: सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कबूल नहीं की याचिका? कपिल सिबल जवाब दो कन्हैया का गला रेता गया था या नहीं? तब कन्हैया के पक्ष में क्यों नहीं कोर्ट गए? हिन्दुओं पर मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा किए रहे अत्याचारों का बचाव करना छोड़ो

                                                                                                            साभार: Bookmyshow सुप्रीम कोर्ट ने कन्हैयालाल की हत्या पर बनी फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज के खिलाफ याचिका सुनने से इनकार कर दिया है। यह फिल्म 11 जुलाई, 2025 को रिलीज होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसे रिलीज हो जाने दिया जाए। वहीं इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने भी सुनवाई की है। बुधवार (9 जून, 2025) को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दायर एक याचिका की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका कन्हैयालाल की हत्या में शामिल जावेद ने दायर की थी। जावेद का दावा था कि अगर या फिल्म रिलीज हुई तो उसे ‘निष्पक्ष सुनवाई‘ का मौक़ा नहीं मिलेगा। इस याचिका को लेकर सुनवाई कर रही जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमलय बागची की बेंच...

42 की उम्र में भी ‘जवान’ दिखना चाहती थीं शेफाली जरीवाला, एंटी एजिंग ड्रग लेने से BP गिरा

अगर कोई काम सीमा से बाहर रहकर किया जाता है हमेशा नुकसानदेह रहा है। सबसे ज्यादा नुकसानदेह है junk food, घर में बने खाने और पकवान में स्वाद है बाहर के खाने में नहीं। स्वाद आएगा और वह स्वाद टाटरी का होता है जो वैसे ही शरीर के लिए नुकसानदेह है। अगर व्यक्ति संतुलित भोजन आदि करे उसका भी सेहत पर असर पड़ता है। किसी भी तरह का सॉफ्ट ड्रिंक सेहत के लिए हानिकारक है। दूसरे आज कल मैगी और मोमोस बड़े चाव से खाये जा रहे हैं इनका भी हमारे शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यही वजह है कि आज डॉक्टर के पास जाना और दवाई खाना फैशन बन गया है। हमारी रसोई सिर्फ रसोई नहीं उसमे रखा हर मसाला स्वास्थ्य के लिए दवाई भी है। अगर घर के पीसे मसाले हैं तो सोने पर सुहागा।      कांटा लगा गर्ल से चर्चित एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला का 42 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। शनिवार (28 जून 2025) को एक्ट्रेस की हार्ट अटैक के चलते मुंबई के अंधेरी स्थित बेलेव्यू मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में मौत हो गई। वहीं, अब सामने आया है कि शेफाली कम उम्र की दिखने के लिए दवाई और इंजेक्शन लिया करती थी। बॉलीवुड एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की मौत ने सबको चौक...

फर्जी गवैया अब कहाँ गायब है… देश की बात आई तो दिलजीत दोसांझ पर भड़के मीका सिंह: पाकिस्तानी हानिया आमिर संग फिल्म करने पर सुनाई खोटी, B-Praak बोले- फिट्टे मुँह; "#boycott Sardarji 3"

                                दिलजीत दोसांझ पर मीका सिंह ने कसा तंज!  (साभार -नवभारतटाइम्स.कॉम) बॉलीवुड तिजोरी भरने में इतना अंधा है कोई नयी बात नहीं। कई नायिकाएं, नायक, गायक और ग़ज़ल सिंगरों का कितना शोर हुआ। भारतवासी पलकों को बैठाते थे। भारत से कमाई कर जब वापस पाकिस्तान गए मुफलिसी में आ गए। पाकिस्तान में उन्हें टके के भाव कोई नहीं पूछता।    बॉलीवुड के फेमस सिंगर मीका सिंह ने दिलजीत दोसांझ की फिल्म 'सरदार जी 3' को लेकर चल रहे विवाद के बीच उनपर तीखा हमला किया है। इस फिल्म में पाकिस्तानी एक्ट्रेस हनिया आमिर हीरोइन हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच मीका ने दिलजीत की आलोचना करते हुए उन्हें 'नकली सिंगर' कहा और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से पर्सनल फायदे से ज्यादा देश को प्राथमिकता देने की गुजारिश की। फिल्म में पाकिस्तान की एक्ट्रेस हानिया आमिर की मौजूदगी से बवाल मचा हुआ है। अब सिंगर मीका सिंह और बी प्राक ने भी पाकिस्तानी एक्ट्रेस के साथ काम करने को लेकर दिलजीत दोसांझ की आलोचना की है। मीका...

सच होते फिल्मों के डायलॉग क्या ड्रोन से ही होगी अब जंग, बेकार हो जाएँगे बड़े-बड़े लड़ाकू विमान? रूस-यूक्रेन से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक बदली युद्ध की तस्वीर; आज ऐसी दूरदर्शी फिल्मों का आभाव है

ड्रोन युग ( फोटो साभार- एआई ग्रोक ) फिल्में एक मनोरंजन ही नहीं बल्कि फिल्म कहानीकार(पटकथा लेखक) और गीतकार भविष्य में क्या होने वाला है व्यक्त कर देते है। फिल्म "शहीद" के प्रीमियर पर तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने फिल्म अभिनेता मनोज कुमार से अपने नारे "जय जवान जय किसान" पर भी फिल्म बनाने का विचार रखने पर मनोज ने शास्त्री जी से ऐसा करने का वायदा किया और फिल्म "उपकार" का निर्माण किया। लेकिन दुर्भाग्यवश फिल्म पूरी होने से पहले ही ताशकंत में रहस्यमयी मृत्यु हो गयी।  1965 में इंडो-पाक युद्ध के दौरान बहुचर्चित गायक मोहम्मद रफ़ी ने एक गैर-फ़िल्मी "कहनी है एक बात हमें इस पहरेदारों से, सम्भल कर रहना अपने घर में छिपे हुए गद्दारों से ..."  बहुचर्चित गीत गया था जो आज भी जीवंत है। दूसरे, आज विपक्ष महंगाई, भ्रष्टाचार, खाद्य पदार्थों में मिलावट और बेरोजगारी का शोर मचाकर जनता को गुमराह करता रहता हैं, जबकि 70 के दशक तक कई फिल्मों में इन राष्ट्रीय मुद्दों पर कई फिल्मों का निर्माण हुआ और जनता ने सराहा भी खूब, लेकिन आज ऐसी दूरदर्शी फिल्मों का आभाव है। ...

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To write on general topics and specially on films;THE BLOGS ARE DEDICATED TO MY PARENTS:SHRI M.B.L.NIGAM(January 7,1917-March 17,2005) and SMT.SHANNO DEVI NIGAM(November 23,1922-January24,1983)