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राहुलजी इस सम्पर्क पर कब चुप्पी तोड़ोगे? |

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
राहुल गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता महात्मा गांधी की बात करते हैं लेकिन नाथूराम गोडसे को आदर्श मानते है। कांग्रेस के एक नेता ने पार्टी की सोशल मीडिया टीम के साथ बैठक में राहुल द्वारा संघ पर हमला करते हुए कही बात के हवाले से कहा, ‘‘ आरएसएस का देश की आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं रहा है। आरएसएस इतिहास को तोड़ मरोड़कर पेश कर रहा है।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आरएसएस के लोग झूठे प्रचार के आदी बन चुके है। आजादी से लेकर देश के हर क्षेत्र में इतिहास है कि गांधी, नेहरू, इंदिरा और राजीव का देश के प्रति योगदान छिपा नहीं है।


जहाँ तक पाकिस्तान की बात है, कांग्रेस ने इतने वर्ष देश में राज किया, लेकिन इस समस्या का समाधान क्यों नहीं किया गया? क्यों आज तक विवादित बना हुआ है? वो कौन पार्टी नेता थे, जिन्होंने इस समस्या को सुलझाने की बजाए उलछा दिया, उनके नाम सार्वजनिक क्यों नहीं करते? एक कारगिल अपवाद को छोड़, अब तक पाकिस्तान से जितने भी युद्ध हुए, सभी कांग्रेस के राज में ही हुए। न पाकिस्तान द्वारा कश्मीर का एक भाग हड़पने को वापस लिया गया, क्यों? कौन है इसके जिम्मेदार? नरेन्द्र मोदी को तो प्रधानमंत्री बने लगभग चार वर्ष ही हुए हैं, और मोदी को विरासत में मिले काँटों का दोषी कौन है? विश्व में केवल भारत ऐसा देश है,जहाँ हर जनमानस को देश मुख्यधारा से दूर रखा जाता है, इसके लिए क्या वर्तमान सरकार दोषी है? अपने अवगुणों को दूसरों के दूसरों सिर मंढने से कोई लाभ नहीं, बल्कि इस तरह आप भी कांग्रेस और कांग्रेस समर्थक की भाँति जनता को वास्तविकता दूर कर विरासत मिली भ्रमित नीतियों अनुसरण रहे हो। क्या आपने कभी आरएसएस को जेएनयू की तरह देश विरोधी नारे "भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशा अल्लाह, इंशा अल्लाह"लगाते देखा या सुना? बल्कि आप स्वयं जेएनयू जाकर उनके साथ खड़े हो जाते हो।
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संघ विषयों पर विशेषज्ञ या शोधकर्ता तो नहीं, लेकिन यदाकदा संघ सम्बन्धी समाचार से अवगत होने पर अपने नोट पैड पर सुरक्षित करता रहता हूँ। लगभग ह...
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उन्होंने कहा कि संगठन को गांव स्तर पर मजबूत करने की जरूरत है। हम बहुत कुछ करते हैं पर अपनी बात मजबूती से रखने मे कंजूसी करते हैं जिसका लाभ दूसरे लोग उठा लेते है। राहुल ने कहा कि इस बात की आश्यकता है कि हम समाज के हर व्यक्ति के सहयोगी बनें और कांग्रेस की नीतियों को मजबूती से उनके समक्ष रखें. पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बैठक के जरिये राहुल ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से कांग्रेस संगठन की जमीनी हकीकत जानने की पूरी कोशिश की।
राहुल गाँधी को छद्दम धर्म-निरपेक्षता और तुष्टिकरण को त्याग नाथूराम गोडसे के कोर्ट में दिए 150 बयानों को गम्भीरता से अध्ययन करना चाहिए, तभी गोडसे विरोधी और महात्मा गाँधी भक्तों को पता चलेगा कि गाँधी को मारना कितना जरुरी था, यानि गाँधी वध देशहित में था अथवा देश विरुद्ध? केवल रोटी खाने से पेट नहीं भरता, उस रोटी को हजम करने के लिए पानी भी जरुरी होता है। देश का दुर्भाग्य है कि आपके नाना जवाहरलाल नेहरू और उनके समर्थकों ने वास्तविकता से देश को अज्ञान और अशिक्षित रखने के ही कारण देश साम्प्रदायिकता की आग में जलता रहता है।
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