राजस्थान में कांग्रेस के मुख्यमंत्री उम्मीदवार को लेकर जारी विवाद के बीच पार्टी महासचिव और राज्य के पार्टी प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि चुनाव पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। राज्य में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। पांडेय ने पार्टी नेताओं से कहा कि वे ऐसा कोई भी बयान जारी न करें, जिससे पार्टी का अनुशासन भंग होता हो। पांडेय की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब इसके ठीक पहले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर में पार्टी की एक बैठक में खुद को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश किया।
गहलोत ने कहा, “राजस्थान के लोग एक चेहरे से परिचित हैं, जो 10 वर्षो तक मुख्यमंत्री रह चुका है। मुख्यमंत्री के इस चेहरे पर इससे अधिक और क्या स्पष्टीकरण क्या हो सकता है। ”
पूर्व केंद्रीय मंत्री और वयोवृद्ध कांग्रेस नेता लालचंद कटारिया ने हाल ही में कहा था कि गहलोत का नाम पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया जाना चाहिए। पांडेय ने कहा, “कटारिया एक वरिष्ठ नेता हैं और हम सभी पार्टी को दिए उनके योगदान का सम्मान करते हैं। हम हाल में उनकी तरफ से जारी बयान पर उनके स्पष्टीकरण का भी इंतजार कर रहे हैं।”
गैर जरूरी बयान न दें नेता
पांडे ने कांग्रेस नेताओं को आगाह किया कि वे आगामी विधानसभा चुनाव से पहले गैरजरूरी बयान न दें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व इस तरह की किसी भी टिप्पणी को गंभीरता से लेगा। वह पार्टी नेता लालचंद कटारिया द्वारा हाल में दिए गए एक बयान को लेकर प्रतिक्रिया दे रहे थे। कटारिया ने मांग की थी कि राजस्थान में कांग्रेस को बचाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया जाए। पांडे ने एक बयान में कहा कि पार्टी आलाकमान इस तरह के गैरजिम्मेदाराना बयानों को लेकर काफी गंभीर है और उनका संज्ञान कर रहा है।
उन्हेांने कहा, ‘‘पार्टी में आस्था रखने वाले सभी नेता इस तरह के बयान देने से बचें क्योंकि इससे विरोधी दलों को एक मुद्दा मिल जाता है और पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरता है।’’
महासचिव ने कहा कि आगामी चुनाव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में और वरिष्ठ नेताओं के सामूहिक योगदान के साथ लड़ा जाएगा और गैरजरूरी टिप्पणियां करने वाले नेताओं को टिकट नहीं दिया जाएगा।
लगता है, गहलोत और पायलट के बीच चलते मुख्यमंत्री बनने के शीतयुद्ध में कांग्रेस को पुनः विपक्ष में ही न बैठना पड़ जाए। क्योंकि जिस तरह पायलट इतने वर्षों से मेहनत कर रहे हैं, उस पर पानी फिरता देख, पार्टी में फूट पड़ती दिखाई दे रही है, जिसका निश्चित रूप से लाभ भाजपा को ही होगा।
गहलोत ने कहा, “राजस्थान के लोग एक चेहरे से परिचित हैं, जो 10 वर्षो तक मुख्यमंत्री रह चुका है। मुख्यमंत्री के इस चेहरे पर इससे अधिक और क्या स्पष्टीकरण क्या हो सकता है। ”
पूर्व केंद्रीय मंत्री और वयोवृद्ध कांग्रेस नेता लालचंद कटारिया ने हाल ही में कहा था कि गहलोत का नाम पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया जाना चाहिए। पांडेय ने कहा, “कटारिया एक वरिष्ठ नेता हैं और हम सभी पार्टी को दिए उनके योगदान का सम्मान करते हैं। हम हाल में उनकी तरफ से जारी बयान पर उनके स्पष्टीकरण का भी इंतजार कर रहे हैं।”
गैर जरूरी बयान न दें नेता
पांडे ने कांग्रेस नेताओं को आगाह किया कि वे आगामी विधानसभा चुनाव से पहले गैरजरूरी बयान न दें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व इस तरह की किसी भी टिप्पणी को गंभीरता से लेगा। वह पार्टी नेता लालचंद कटारिया द्वारा हाल में दिए गए एक बयान को लेकर प्रतिक्रिया दे रहे थे। कटारिया ने मांग की थी कि राजस्थान में कांग्रेस को बचाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया जाए। पांडे ने एक बयान में कहा कि पार्टी आलाकमान इस तरह के गैरजिम्मेदाराना बयानों को लेकर काफी गंभीर है और उनका संज्ञान कर रहा है।
उन्हेांने कहा, ‘‘पार्टी में आस्था रखने वाले सभी नेता इस तरह के बयान देने से बचें क्योंकि इससे विरोधी दलों को एक मुद्दा मिल जाता है और पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरता है।’’
महासचिव ने कहा कि आगामी चुनाव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में और वरिष्ठ नेताओं के सामूहिक योगदान के साथ लड़ा जाएगा और गैरजरूरी टिप्पणियां करने वाले नेताओं को टिकट नहीं दिया जाएगा।
लगता है, गहलोत और पायलट के बीच चलते मुख्यमंत्री बनने के शीतयुद्ध में कांग्रेस को पुनः विपक्ष में ही न बैठना पड़ जाए। क्योंकि जिस तरह पायलट इतने वर्षों से मेहनत कर रहे हैं, उस पर पानी फिरता देख, पार्टी में फूट पड़ती दिखाई दे रही है, जिसका निश्चित रूप से लाभ भाजपा को ही होगा।
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