आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
जिस तरह से भूतपूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने बंगले का हाल किया है, अगर पुनः वही बंगला उन्हें रहने के लिए दिया जाए, क्या ऐसे बंगले में रहेंगे? अगर किसी कर्मचारी ने अपना क्वार्टर खाली करने पर ऐसा हाल किया होता, मुख्यमंत्री रहते अखिलेश ने उस कर्मचारी के क्या कार्यवाही की होती? क्या किसी मुख्यमंत्री रहे नेता को सरकारी बंगले में तोड़फोड़ करना उचित है?
सरकारी आवास खाली करने के दौरान की गई तोड़फोड़ अखिलेश यादव को भारी पड़ सकती है. अखिलेश यादव ने सरकारी बगंले को जिस हालत में छोड़ा, वो लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. अब राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मामले को गंभीर बताया है. पत्र में राज्यपाल ने लिखा है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को जो बंगला आवंटित किया जाता है. वो राज्य संपत्ति के कोटे में आता है और उसका रख-रखाव जनता के दिए जाने वाले टैक्स के पैसों से होता है. राज्यपाल ने योगी सरकार से इस मामले में नियम के मुताबिक कार्रवाई करने की बात कही है.
अधिकारियों को बुलाकर ली जानकारी
राज्यपाल ने राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारियों को बुलाकर मामले की जानकारी भी ली. अधिकारियों ने राज्यपाल को बताया कि सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित आवासों की वीडियोग्राफी कराई गई है.
पत्र में क्या लिखा है
पत्र में कहा गया, 'ये एक नितान्त अनुचित और गम्भीर मामला है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित किये गये शासकीय आवास राज्य सम्पत्ति के कोटे में आते हैं, जिनका निर्माण व रख-रखाव सामान्य नागरिकों द्वारा दिए जाने वाले विभिन्न प्रकार के करों से होता है.' उन्होंने कहा कि राज्य सम्पत्ति को क्षति पहुंचाये जाने के लिए राज्य सरकार द्वारा विधि अनुसार समुचित कार्रवाई की जाए.
क्या है विवाद
आपको बता दें कि शनिवार (9 जून) को 4, विक्रमादित्य मार्ग स्थित पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का सरकारी बंगला खोला गया, तो अंदर का हाल देखकर सभी दंग रह गए. कभी आलीशान महल की तरह दिखने वाला बंगला अंदर से उजड़ा हुआ मिला. जिम एरिया, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, लॉन, फ्लोरिंग, वायरिंग लगभग सभी कुछ गायब था. अखिलेश ने दो जून को ही बंगला खाली कर दिया था लेकिन कुछ सामान रखा होने की बात कहकर तब चाबी राज्य सम्पत्ति विभाग को नहीं सौंपी थी. शुक्रवार (8 जून) की रात को अखिलेश और मुलायम सिंह यादव के बंगलों की चाबी राज्य संपत्ति विभाग को दे दी गई थी.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी में पूर्व मुख्यमंत्रियों का अपने सरकारी बंगले छोडने का सिलसिला शुरु हुआ. जहां एक तरफ कुछ पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने सरकारी बंगले छोड़े. मायावती ने बंगला छोड़ने से पहले मीडिया को न्यौता देकर अपने बंगले की भव्यता दिखाने के बाद बंगले के अलविदा कहा. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी अपना बंगला छोड़ दिया है. शनिवार (09 जून) को राज्य संपत्ति विभाग ने बंगले का दौरा किया. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नारायण दत्त तिवारी को छोड़ सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों ने सरकारी बंगला खाली कर दिया है.
बदहाल मिला बंगला
बंगला राज्य संपत्ति विभाग के कब्जे में आने के बाद ज़ी मीडिया सबसे पहले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बंगले पर पहुंचा. जो कभी अलीशान बंगला हुआ करता था, वहां टाइल्स टूटी मिलीं, कहीं फ्लोरिंग उखड़ी हुई थी तो, कहीं दीवार. कुल मिलाकर आलीशान बंगला बेहाल मिला.
जिम एरिया में सबसे ज्यादा टूटफूट
बंगले में सबसे ज्यादा टूटफूट वहां हुई जहां अखिलेश यादव का जिम हुआ करता था. इसके साथ ही इनडोर गेम्स के एरिया में भी तोड़फोड़ देख गई. कहीं लोहे के एंगल निकले हुए थे, तो कहीं दीवार टूटी हुई थी.
बच्चों के कमरों में बनी थी पेटिंग्स
बच्चों के कमरों में पेटिंग्स बनीं हुई थी. जिसे बच्चों के द्वारा ही बनाया गया था. इसके साथ ही कई कमरों की फ्लोरिंग उखड़ी हुई मिली.
हरा-भरा था बगीचा
इस दौरान अखिलेश यादव का बगीचा भी देखने को मिला, जहां कई तरह के पेड़ पौधे लगे हुए हैं. जानकारी के मुताबिक, सुबह-शाम अखिलेश यादव इसी गार्डन में घूमा करते थे.
जिस तरह से भूतपूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने बंगले का हाल किया है, अगर पुनः वही बंगला उन्हें रहने के लिए दिया जाए, क्या ऐसे बंगले में रहेंगे? अगर किसी कर्मचारी ने अपना क्वार्टर खाली करने पर ऐसा हाल किया होता, मुख्यमंत्री रहते अखिलेश ने उस कर्मचारी के क्या कार्यवाही की होती? क्या किसी मुख्यमंत्री रहे नेता को सरकारी बंगले में तोड़फोड़ करना उचित है?
सरकारी आवास खाली करने के दौरान की गई तोड़फोड़ अखिलेश यादव को भारी पड़ सकती है. अखिलेश यादव ने सरकारी बगंले को जिस हालत में छोड़ा, वो लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. अब राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मामले को गंभीर बताया है. पत्र में राज्यपाल ने लिखा है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को जो बंगला आवंटित किया जाता है. वो राज्य संपत्ति के कोटे में आता है और उसका रख-रखाव जनता के दिए जाने वाले टैक्स के पैसों से होता है. राज्यपाल ने योगी सरकार से इस मामले में नियम के मुताबिक कार्रवाई करने की बात कही है.
अधिकारियों को बुलाकर ली जानकारी
राज्यपाल ने राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारियों को बुलाकर मामले की जानकारी भी ली. अधिकारियों ने राज्यपाल को बताया कि सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित आवासों की वीडियोग्राफी कराई गई है.
पत्र में कहा गया, 'ये एक नितान्त अनुचित और गम्भीर मामला है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित किये गये शासकीय आवास राज्य सम्पत्ति के कोटे में आते हैं, जिनका निर्माण व रख-रखाव सामान्य नागरिकों द्वारा दिए जाने वाले विभिन्न प्रकार के करों से होता है.' उन्होंने कहा कि राज्य सम्पत्ति को क्षति पहुंचाये जाने के लिए राज्य सरकार द्वारा विधि अनुसार समुचित कार्रवाई की जाए.
क्या है विवाद
आपको बता दें कि शनिवार (9 जून) को 4, विक्रमादित्य मार्ग स्थित पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का सरकारी बंगला खोला गया, तो अंदर का हाल देखकर सभी दंग रह गए. कभी आलीशान महल की तरह दिखने वाला बंगला अंदर से उजड़ा हुआ मिला. जिम एरिया, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, लॉन, फ्लोरिंग, वायरिंग लगभग सभी कुछ गायब था. अखिलेश ने दो जून को ही बंगला खाली कर दिया था लेकिन कुछ सामान रखा होने की बात कहकर तब चाबी राज्य सम्पत्ति विभाग को नहीं सौंपी थी. शुक्रवार (8 जून) की रात को अखिलेश और मुलायम सिंह यादव के बंगलों की चाबी राज्य संपत्ति विभाग को दे दी गई थी.
अखिलेश का न्यारा सरकारी बंगला
बदहाल मिला बंगला
बंगला राज्य संपत्ति विभाग के कब्जे में आने के बाद ज़ी मीडिया सबसे पहले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बंगले पर पहुंचा. जो कभी अलीशान बंगला हुआ करता था, वहां टाइल्स टूटी मिलीं, कहीं फ्लोरिंग उखड़ी हुई थी तो, कहीं दीवार. कुल मिलाकर आलीशान बंगला बेहाल मिला.
जिम एरिया में सबसे ज्यादा टूटफूट
बंगले में सबसे ज्यादा टूटफूट वहां हुई जहां अखिलेश यादव का जिम हुआ करता था. इसके साथ ही इनडोर गेम्स के एरिया में भी तोड़फोड़ देख गई. कहीं लोहे के एंगल निकले हुए थे, तो कहीं दीवार टूटी हुई थी.
बच्चों के कमरों में पेटिंग्स बनीं हुई थी. जिसे बच्चों के द्वारा ही बनाया गया था. इसके साथ ही कई कमरों की फ्लोरिंग उखड़ी हुई मिली.
हरा-भरा था बगीचा
इस दौरान अखिलेश यादव का बगीचा भी देखने को मिला, जहां कई तरह के पेड़ पौधे लगे हुए हैं. जानकारी के मुताबिक, सुबह-शाम अखिलेश यादव इसी गार्डन में घूमा करते थे.
'BJP को जो टोटी चाहिए, भिजवा दूंगा'--बंगले में तोड़फोड़ के आरोप पर बोले अखिलेश
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकारी बंगले को लेकर अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर बीजेपी पर निशाना साधा. रविवार को सैफई पहुंचे अखिलेश यादव ने कहा 'हमारा घर खाली करा दिया, नेता जी (मुलायम सिंह यादव) का घर खाली करा दिया, हमारा नया गठबंधन है, बसपा प्रमुख का घर खाली करा दिया. अब कह रहे हैं कि हम टोटी ले गए हैं'. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार को जो भी टोटी चाहिए, वो भिजवाने को तैयार हूं. बता दें कि अखिलेश यादव ने लखनऊ स्थित अपने सरकारी बंगले 4 विक्रमादित्य मार्ग को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद खाली कर दिया है. उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि वह सरकारी बंगला खाली करने के साथ ही वहां से टोटी, एसी, टाइल्स समेत अन्य सामान भी उखाड़ कर ले गए हैं.
निकाले गए एसी
पूरे बंगले में सेंट्रलाइज्ड एसी था. इस दौरान देखने को मिला की बंगला छोड़ने से पहले एसी को भी निकाला गया. इसके साथ ही स्वीमिंग पूल के हिस्सा भी पाटा हुआ मिला. इसकी सजावट में करोड़ों रुपया खर्च किया गया था और इसमें सुख सुविधाओं का हर इंतजाम किया गया था. लेकिन इसे खाली करते वक्त बुरी तरह से उजाड़ दिया गया है.
रविवार को दो दिन के लिए सैफई पहुंचे अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा 'अभी मैं दो दिन के लिए सैफई में हूं. दो दिन बाद लखनऊ लौटकर जो टोटी अच्छी होगी वो दे दूंगा'. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग कह रहे हैं कि हमने सरकारी आवास में तोड़फोड़ की है. कह रहे हैं कि हम उनका सामान साथ ले गए. अगर हमने आपका (बीजेपी) कोई भी सामान लिया है तो उसकी सूची भिजवा दें. हम उसे एक्सप्रेस वे से भिजवा देंगे.
पूरे बंगले में सेंट्रलाइज्ड एसी था. इस दौरान देखने को मिला की बंगला छोड़ने से पहले एसी को भी निकाला गया. इसके साथ ही स्वीमिंग पूल के हिस्सा भी पाटा हुआ मिला. इसकी सजावट में करोड़ों रुपया खर्च किया गया था और इसमें सुख सुविधाओं का हर इंतजाम किया गया था. लेकिन इसे खाली करते वक्त बुरी तरह से उजाड़ दिया गया है.
रविवार को दो दिन के लिए सैफई पहुंचे अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा 'अभी मैं दो दिन के लिए सैफई में हूं. दो दिन बाद लखनऊ लौटकर जो टोटी अच्छी होगी वो दे दूंगा'. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग कह रहे हैं कि हमने सरकारी आवास में तोड़फोड़ की है. कह रहे हैं कि हम उनका सामान साथ ले गए. अगर हमने आपका (बीजेपी) कोई भी सामान लिया है तो उसकी सूची भिजवा दें. हम उसे एक्सप्रेस वे से भिजवा देंगे.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा 'खतरा पाकिस्तान से नहीं है बल्कि आप (मोदी) से है. पाकिस्तान से राजनीतिक खतरा है. पाकिस्तान से राजनीतिक दलों को लाभ मिलता है. ये बीजेपी पाकिस्तान की बात करके राजनीतिक लाभ लेना चाहती है'. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी खीर खाने पाकिस्तान चले जाते हैं और खतरे की बात करते हैं.
बंगला राज्य संपत्ति विभाग के कब्जे में आने के बाद ज़ी मीडिया सबसे पहले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बंगले पर पहुंचा था. जो कभी आलीशान बंगला हुआ करता था, वहां टाइल्स टूटी मिलीं, कहीं फ्लोरिंग उखड़ी हुई थी तो कहीं दीवार. पूरा बंगला बेहाल मिला था. बंगले में सबसे ज्यादा टूटफूट वहां हुई जहां अखिलेश यादव का जिम हुआ करता था. इसके साथ ही इनडोर गेम्स के एरिया में भी तोड़फोड़ मिली. कहीं लोहे के एंगल निकले हुए थे, तो कहीं दीवार टूटी हुई थी. पूरे बंगले में सेंट्रलाइज्ड एसी था. इस दौरान देखने को मिला की बंगला छोड़ने से पहले एसी को भी निकाला गया. इसके साथ ही स्वीमिंग पूल का हिस्सा भी पाटा हुआ मिला था.
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