आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के प्रेसिडेंट और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने नवम्बर 11 को कहा कि आजाद कश्मीर की कोई वास्तविकता नहीं थी। श्रीनगर में पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने एक बार फिर कश्मीर को लेकर विवादित बयान दिया। अब्दुल्ला ने कहा, ‘कश्मीर की आजादी की कोई सच्चाई नहीं है, क्योंकि ये चारों तरफ से भारत, पाकिस्तान और चीन जैसी परमाणु शक्तियों से घिरा हुआ है। तीनों के पास परमाणु बम हैं। हमारे पास केवल अल्लाह के सहारे के अलावा और कुछ भी नहीं है। वे लोग जो आजादी की बात कर रहे हैं, गलत कर रहे हैं।’
फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) पाकिस्तान का हिस्सा है और उसे पाकिस्तान से कोई छीन नहीं सकता। उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि कश्मीर का जो हिस्सा भारत के पास है, वह भारत का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि चाहे कितनी भी जंग क्यों न हो जाए, ये नहीं बदलने वाला है।
अब्दुल्ला ने मांग की कि दोनों ही देशों में कश्मीर की जनता को स्वायत्तता दी जानी चाहिए। फारूक ने कहा कि आजादी की मांग बेमानी है। कश्मीर चारों तरफ से जमीन और परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्रों से घिरा है। इसलिए आजादी की मांग उचित नहीं है।
फारूक ने केंद्र सरकार के वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा की बातचीत पर कहा, 'मैं इस पर ज्यादा टिप्पणी नहीं कर सकता हूं। उन्होंने बातचीत की है लेकिन केवल बातचीत समाधान नहीं है। यह मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच का है। भारत सरकार को पाकिस्तान की सरकार के साथ बातचीत करनी चाहिए क्योंकि कश्मीर का एक हिस्सा उनके पास भी है।'
एनसी नेता ने कहा, 'पाकिस्तान के एक मंत्री ने बिल्कुल ठीक कहा है कि आप उस हिस्से को भूल गए हो जो पाकिस्तान के पास है।' नैशनल कांफ्रेंस नेता ने कहा कि यदि आप अपने हिस्से की बात करते हो तो दूसरे का भी ध्यान रखना चाहिए।
फारूक ने कहा कि अगर कश्मीर में भारत सरकार अमन चैन चाहती है तो उसे पाकिस्तान के साथ भी बातचीत करनी होगी। इसमें कश्मीर के दोनों ही हिस्सों को स्वायत्तता देनी होगी। बता दें कि फारूक अबदुल्ला के विपरीत भारत सरकार का मानना है कि पाक अधिकृत कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
1947 के परिग्रहण के साधन (Instrument of Accession) पर बात करते हुए कश्मीर के पूर्व सीएम ने कहा, ‘पाक अधिकृत कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा है और उसे कोई नहीं छीन सकता।’ उन्होंने कहा सरकार पर कश्मीर से धोखा करने का आरोप भी लगाया। लोकसभा में श्रीनगर का प्रतिनिधित्व करने वाले अबदुल्ला ने कहा, ‘भारत सरकार ने हमारे साथ अच्छा बर्ताव कभी नहीं किया। हमें धोखा दिया गया। उन्होंने हमारे उस प्यार को नहीं समझा, जिसकी वजह से हमने उन्हें पसंद किया था और कश्मीर की वर्तमान स्थिति के पीछे यही मुख्य कारण है।’
अब्दुल्ला ने आंतरिक स्वायत्तता पर जोर देकर कहा कि वह उनका अधिकार था। उन्होंने कहा, ‘हमारी आंतरिक स्वायत्तता को फिर से बहाल किया जाना चाहिए, तभी तो शांति कश्मीर में वापस आएगी।’ उन्होंने कहा, ‘मैं यह कहना चाहता हूं, ना केवल भारत से, बल्कि पूरी दुनिया से कि पीओके पाकिस्तान में आता है और बाकी कश्मीर भारत में आता है। ये नहीं बदलेगा। इसे लेकर जितनी लड़ाई करना चाहते हैं वे लोग उन्हें करने दो, लेकिन ये नहीं बदलेगा। बता दें कि इससे पहले भी फारूख अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर कश्मीर के मुद्दे को लेकर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) मिलकर जम्मू कश्मीर की स्वायत्ता को खत्म करना चाहते हैं। यह ही संघ का प्लान है।
फारुख अब्दुल्ला का ये बयान ट्विटर पर लोगों को पसंद नहीं आया। ट्वविटर पर लोगों ने उन्हें पाकिस्तान परस्त करार दे दिया। कुछ ने उन्हें पाकिस्तान भेजने की मांग कर दी। वहीं एक यूजर्स ने फारुख अब्दुल्ला के बयान को खतरे की घंटी बताते हुए भारत को 2019 से पहले हिन्दुराष्ट्र घोषित करने की मांग तक कर डाली।
नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के प्रेसिडेंट और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने नवम्बर 11 को कहा कि आजाद कश्मीर की कोई वास्तविकता नहीं थी। श्रीनगर में पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने एक बार फिर कश्मीर को लेकर विवादित बयान दिया। अब्दुल्ला ने कहा, ‘कश्मीर की आजादी की कोई सच्चाई नहीं है, क्योंकि ये चारों तरफ से भारत, पाकिस्तान और चीन जैसी परमाणु शक्तियों से घिरा हुआ है। तीनों के पास परमाणु बम हैं। हमारे पास केवल अल्लाह के सहारे के अलावा और कुछ भी नहीं है। वे लोग जो आजादी की बात कर रहे हैं, गलत कर रहे हैं।’
फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) पाकिस्तान का हिस्सा है और उसे पाकिस्तान से कोई छीन नहीं सकता। उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि कश्मीर का जो हिस्सा भारत के पास है, वह भारत का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि चाहे कितनी भी जंग क्यों न हो जाए, ये नहीं बदलने वाला है।
अब्दुल्ला ने मांग की कि दोनों ही देशों में कश्मीर की जनता को स्वायत्तता दी जानी चाहिए। फारूक ने कहा कि आजादी की मांग बेमानी है। कश्मीर चारों तरफ से जमीन और परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्रों से घिरा है। इसलिए आजादी की मांग उचित नहीं है।
फारूक ने केंद्र सरकार के वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा की बातचीत पर कहा, 'मैं इस पर ज्यादा टिप्पणी नहीं कर सकता हूं। उन्होंने बातचीत की है लेकिन केवल बातचीत समाधान नहीं है। यह मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच का है। भारत सरकार को पाकिस्तान की सरकार के साथ बातचीत करनी चाहिए क्योंकि कश्मीर का एक हिस्सा उनके पास भी है।'
एनसी नेता ने कहा, 'पाकिस्तान के एक मंत्री ने बिल्कुल ठीक कहा है कि आप उस हिस्से को भूल गए हो जो पाकिस्तान के पास है।' नैशनल कांफ्रेंस नेता ने कहा कि यदि आप अपने हिस्से की बात करते हो तो दूसरे का भी ध्यान रखना चाहिए।
फारूक ने कहा कि अगर कश्मीर में भारत सरकार अमन चैन चाहती है तो उसे पाकिस्तान के साथ भी बातचीत करनी होगी। इसमें कश्मीर के दोनों ही हिस्सों को स्वायत्तता देनी होगी। बता दें कि फारूक अबदुल्ला के विपरीत भारत सरकार का मानना है कि पाक अधिकृत कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
1947 के परिग्रहण के साधन (Instrument of Accession) पर बात करते हुए कश्मीर के पूर्व सीएम ने कहा, ‘पाक अधिकृत कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा है और उसे कोई नहीं छीन सकता।’ उन्होंने कहा सरकार पर कश्मीर से धोखा करने का आरोप भी लगाया। लोकसभा में श्रीनगर का प्रतिनिधित्व करने वाले अबदुल्ला ने कहा, ‘भारत सरकार ने हमारे साथ अच्छा बर्ताव कभी नहीं किया। हमें धोखा दिया गया। उन्होंने हमारे उस प्यार को नहीं समझा, जिसकी वजह से हमने उन्हें पसंद किया था और कश्मीर की वर्तमान स्थिति के पीछे यही मुख्य कारण है।’
अब्दुल्ला ने आंतरिक स्वायत्तता पर जोर देकर कहा कि वह उनका अधिकार था। उन्होंने कहा, ‘हमारी आंतरिक स्वायत्तता को फिर से बहाल किया जाना चाहिए, तभी तो शांति कश्मीर में वापस आएगी।’ उन्होंने कहा, ‘मैं यह कहना चाहता हूं, ना केवल भारत से, बल्कि पूरी दुनिया से कि पीओके पाकिस्तान में आता है और बाकी कश्मीर भारत में आता है। ये नहीं बदलेगा। इसे लेकर जितनी लड़ाई करना चाहते हैं वे लोग उन्हें करने दो, लेकिन ये नहीं बदलेगा। बता दें कि इससे पहले भी फारूख अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर कश्मीर के मुद्दे को लेकर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) मिलकर जम्मू कश्मीर की स्वायत्ता को खत्म करना चाहते हैं। यह ही संघ का प्लान है।
फारुख अब्दुल्ला का ये बयान ट्विटर पर लोगों को पसंद नहीं आया। ट्वविटर पर लोगों ने उन्हें पाकिस्तान परस्त करार दे दिया। कुछ ने उन्हें पाकिस्तान भेजने की मांग कर दी। वहीं एक यूजर्स ने फारुख अब्दुल्ला के बयान को खतरे की घंटी बताते हुए भारत को 2019 से पहले हिन्दुराष्ट्र घोषित करने की मांग तक कर डाली।
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