तानाशाह छवि वाले केजरीवाल नहीं चाहते कि उन्हें कोई फैसला लेने से पहले या कोई कानून बनाने से पहले किसी से पूछना पड़े या किसी के पास फाइल भेजनी पड़े, वे नहीं चाहते कि उन्हें उप-राज्यपाल या केंद्र सरकार के पास दिल्ली सरकार से जुडी फाइलें भेजनी पड़ें, इसलिए वे लड़ाई झगडे पर उतर जाते हैं।
वास्तव में केजरीवाल किसी के भी नीचे काम नहीं करना चाहते, शायद इसीलिए वे प्रशासनिक पद पर काम नहीं कर पाए और इनकम टैक्स अधिकारी का पद छोड़कर NGOगिरी का काम शुरू कर दिया और विदेशों से फंड का जुगाड़ करके भारत की बर्बादी में विदेशी एजेंसियों का साथ देना शुरू कर दिया।
नजीब जंग के अंडर ही नहीं, केजरीवाल प्रधानमंत्री के अंडर रहकर भी काम नहीं करना चाहते इसलिए जल्द से जल्द मोदी को प्रधानमंत्री पद से हटाकर स्वयं प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं ताकि उन्हें किसी के आगे हाथ ना फैलाना पड़े और वे तानाशाह की तरह जी सकें, केजरीवाल प्रधानमंत्री बनने की घुन में इतने सनक गए हैं कि लोग उन्हें पागल तक कहने लगे हैं और केजरीवाल को ‘भूल भुलैय्या’ फिल्म के राजपाल यादव के भेष (पागल) में दिखाकर उनकी जमकर हंसी उड़ाते हैं।
बात कुछ भी हो लेकिन केजरीवाल के अन्दर जिस प्रकार से प्रधानमंत्री बनने का धुन सवार है उसे देखकर ऐसा लगता है कि वे देश में कुछ भी करवा सकते हैं, चाहे भारत सीरिया ही क्यों ना बन जाए।
आप खुद देखिये, केजरीवाल में उनके चेले हार्दिक पटेल ने अच्छे खासे गुजरात को आन्दोलन की आग में जला दिया, जिस गुजरात की तरक्के के गुण गाये जाते थी आज वहां आन्दोलन हो रहे हैं, पाटीदार समाज के लोग गुजरात में आग लगा रहे हैं, केजरीवाल अपने चेले हार्दिक पटेल को भड़का रहे हैं, इसके अलावा दलितों की पिटाई करवाकर उन्हें भी आन्दोलन करने और गुजरात में आग लगाने के लिए भड़काया जा रहा है, गुजरात को सीरिया बनाने की कोशिश की जा रही है, यह सब केवल इसलिए ताकि गुजरात में भी आम आदमी पार्टी की सरकार बन सके।
अब आप ही सोचिये, अगर केजरीवाल जैसे इस देश में 10 नेता हो जाएं और एक समाज से दूसरे समाज को लड़ाना शुरू कर दें, एक जाति को दूसरी जाति से लड़ाना शुरू कर दें, एक धर्म को दूसरे धर्म से लड़ाना शुरू कर दें, अगर केजरीवाल के जैसे 10 मुख्यमंत्री अपना काम काज छोड़कर अपने 10-20 हजार प्रसंशकों को दूसरे राज्यों में ले जाकर वहां पर धरना, प्रदर्शन, आन्दोलन, हड़ताल, झूठे आरोप लगाना, पुतला दहन आदि करना शुरू कर दें और दूसरे प्रदेश के मुख्यमंत्री केजरीवाल से बदला लेने के लिए अपने हजारों साथियों के साथ दिल्ली में धरना प्रदर्शन और आन्दोलन शुरू कर दें, इसी तरह सभी मुख्यमंत्री अपने हजारों प्रसंशकों के साथ दूसरे राज्यों में धरना, प्रदर्शन और आन्दोलन करना शुरू कर दे, सरकारी संपत्तियां जलाना शुरू कर दें, अराजकता शुरू कर दे तो देखते ही देखते भारत के सभी राज्यों में केवल धरना, प्रदर्शन और आन्दोलन होंगे और काम धाम रुक जाएगा, यही नहीं, भारत का विकास पूरी तरह से रुक जाएगा, धीरे धीरे यह देश सीरिया बन जाएगा, हर जगह हिंसा होगी, एक पार्टी का कार्यकर्त्ता दूसरी पार्टी के कार्यकर्त्ता को पीटेगा, भीड़ का फायदा उठाकर आतंकवादी हमले शुरू हो जाएंगे, कभी आतंकवादी एक पार्टी के कार्यक्रम में धमाके करेंगे, कभी दूसरी पार्टी के कार्यक्रम में, एक पार्टी दूसरी पार्टी पर आरोप लगाएगी। धीरे धीरे इस देश में सीरिया से भी बदतर हालात हो जाएंगे, वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि केजरीवाल को प्रधानमंत्री बनना है।
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