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Showing posts from October, 2016

इन छद्दम देशप्रेमी नेताओं के ही कारण भारत में अलगाववाद और आतंकवाद पनप रहा है

Photo and Video Credit: ANI भोपाल में सिमी के 8 खतरनाक आतंकियों के एनकाउंटर के बाद पूरा मध्य प्रदेश खुश है, खासकर भोपाल के लोग अधिक खुश हैं और उनसे भी अधिक वे लोग खुश हैं जिन ग्रामीणों ने डेढ़ किलोमीटर पीछा करके आतंकियों को दौड़ाया और पुलिस को फोन करके उनका एनकाउंटर करने में मदद की, यही नहीं गाँव वालों ने इस आतंक के एनकाउंटर को अपनी ऑंखें से लाइव देखा और आतंकियों के मारे जाने के बाद पुलिस, बीजेपी सरकार और भारत माता की जय के नारे लगाये।  यह वीडियो देखने के बाद कोई माई का लाल नहीं कह सकता कि यह एनकाउंटर फर्जी है, हालाँकि आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और मुस्लिम नेता ओवैसी इस एनकाउंटर को फर्जी साबित करने की कोशिश में लगे हैं, सभी लोगों को लग रहा है कि आतंकियों से अगर ज़रा सी सहानुभूति जता देंगे तो उन्हें मुस्लिमों का वोट मिल जाएगा, इसलिए इस सही एनकाउंटर को गलत साबित करने की कोशिश की जा रही है लेकिन इस वीडियो ने साफ़ कर दिया है कि आतंकियों का एनकाउंटर सही था, इसीलिए गाँव वाले लोग, खासकर सरपंच बहुत खुश हैं।  लेकिन इन स्टूडेंट ऑफ इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के 8 सदस्यों के जेल

भोपाल जेल से भागे आठों आतंकवादियों को पहुँचाया हूरों के पास

भोपाल:  सिपाही की हत्या कर  भोपाल सेंट्रल जेल  से फराह हुए प्रतिबंधित संगठन SIMI के सभी 8 आतंकी भोपाल के बाहर  ईंटखेड़ी गांव  में  मुठभेड़  में मारे गए। मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों के नाम हैं- अमजद, जाकिर हुसैन सिद्दीक, मोहम्मद सालिक, मुजीब शेख, मेहबूब गुड्डू, मोहम्मद खालिद अहमद, अकील और माजिद। प्रदेश सरकार ने प्रत्येक फरार SIMI आतंकी की गिरफ्तारी पर 5 लाख रुपये का ईनाम घोषित कर दिया था।  SIMI के ये सभी आठों आतंकी तड़के करीब 2 से 3 बजे के बीच एक सिपाही की हत्या करने के बाद जेल से फरार हो गए थे। उन्होंने बताया कि ‘द स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ के आतंकियों ने एक सिपाही की हत्या कर दी थी और उसके बाद वे चादरों की मदद से जेल की दीवार लांघ कर वहां से फरार हुए थे। आतंकियों ने पहले गार्ड को घेर कर अपने कब्जे में लिया और फिर स्टील की प्लेट से उसका गला काट कर उसे मार डाला। जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आतंकियों ने दिवाली की रात को लगभग 12 से दो बजे के दरम्यान एक दरवाजे को तोड़ा और उसके बाद चादरों को रस्सी की तरह प्रयोग करके दीवार फांद कर फरार हो गए।  भागने वाले

भारत में दिवाली तो पाकिस्तान में खून की होली

भारत में आज दिवाली है तो वहीं पाकिस्तान  में खून की होली खेली गई है। 24 घंटे में दूसरी बार पाकिस्तान  दहल गया है। पाकिस्तान में अज्ञात हमलावरों ने शिया मुसलमानों के धार्मिक कार्यक्रम के दौरान अंधाधुंध गोलीबारी की। इसमें एक महिला समेत पांच लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। घायलों में दो की हालत गंभीर बताई गई है। घटना कराची के नजीमाबाद इलाके में एक शिया मुसलमान डॉक्टर के घर पर हुई। मोहर्रम के महीने में धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लोग वहां आए थे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, मोटरसाइकिल से चार लोग घटना स्थल पर आए और गेट पर खड़े लोगों पर गोलीबारी शुरू कर दी। सबने हेलमेट पहन रखी थी। एसएसपी पश्चिम नासिर आफताब ने कहा कि धार्मिक कार्यक्रम के आयोजन के लिए सुरक्षा की मांग नहीं की गई थी। पुलिस को कार्यक्रम के बारे में जानकारी नहीं थी। मजे की बात है कि घटना स्थल वाली गली ठीक पीछे नजीमाबाद थाना है। सुरक्षा और पुलिस एजेंसियों द्वार मोहर्रम के महीने के दौरान हाई अलर्ट के बावजूद यह हमला किया गया। गौरतलब है कि पाकिस्तान के कराची और क्वेटा में अक्सर सांप्रदायिक हिंसा होती

यमन में हवाई हमले में 47 लोगों की मौत

saudi arab के नेतृत्व वाले गठबंधन के हवाई हमले में yaman में 47 लोगों की मौत हो गई है। ये हमले पश्चिमी बंदरगाह होदेदा के उस इलाक़े पर किए गए जो हूती विद्रोहियों के कब्जे में है। मारे जाने वालों में कई विद्रोहियों समेत आम नागरिक भी शामिल हैं। हूती मीडिया के मुताबिक इस हमले में 43 लोग मारे गए हैं। यमन में हूती विद्रोहियों 2014 से सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं। उनका कई शहरों पर नियंत्रण है। अरब गठबंधन यमन के निर्वासित राष्ट्रपति को फिर से सत्ता दिलवाने के लिए हूतियों पर हमले कर रहा है। इस बीच यमन के राष्ट्रपति ने इन हमलों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र का शांति प्रस्ताव ठुकरा दिया है। यह प्रस्ताव यूएन के राजदूत इसमाइल ओल्ड शेख अहमद द्वारा दिया गया था। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2015 से छिड़े इस युद्ध में अब तक करीब सात हजार लोगों की जान जा चुकी है। इसमें आम नागरिक भी शामिल हैं। हवाई हमलों में नागरिकों की मौतों को लेकर अरब गठबंधन की कई बार आलोचना हो चुकी है। इसी महीने राजधानी सना में एक कब्रगाह पर हुए हवाई हमले में 140 से अधिक लोग मारे गए थे जिनमें अधिकतर आम नागरिक थ

क्या न्यायपालिका को अपने गिरेबां में नहीं झांकना चाहिए?

आखिर न्यायपालिका और सरकार में क्यों हो रहा है टकराव? जजों पर भी अंकुश लगाए सुप्रीम कोर्ट।  28 अक्टूबर को जजों की नियुक्ति को लेकर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को फटकार लगाई है। मुख्य न्यायाधीश टी.एस.ठाकुर ने कहा कि सिफारिश के बावजूद सरकार 9 महीने से फाइल को दबाए बैठी है। सरकार के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से जस्टिस ठाकुर ने कहा कि आप इसे नाक का सवाल न बनाएं। आप (सरकार) संस ्थाओं को दो पाटों के बीच नहीं पीस सकते। हम बेहद धैर्य के साथ काम कर रहे हैं। हम ऐसी स्थिति नहीं चाहते, जहां न्यायपालिका तबाह हो जाए और अदालतों में ताले लगे जाएं। यह माना कि हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति नहीं होने देश के सभी राज्यों में मुकदमों का अंबार लग गया है। सुप्रीम कोर्ट की यह राय वाजिब है कि जजों की नियुक्ति जल्द होनी चाहिए। सब जानते हैं कि सरकार ने जजों की नियुक्ति का जो फार्मूला सुझाया था, उसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। अब जजों की नियुक्ति के फार्मूले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ओर सरकार के बीच विवाद की स्थिति है। लेकिन जिन लोगों का अदालतों से पाला पड़ा है, वे अच्छी तरह जानते हैं कि अदालतों में

रूस का मक्का पर हमला

मुस्लिमों के पवित्र शहर मक्का को निशाना बनाकर YAMAN के हूती विद्रोहियों ने बैलिस्टिक मिसाइल दागी है। RUSSIA के सहयोग से ये हमला हुआ। यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा सउदी अरब  के भीतर किया गया यह पहला हमला है। इस बात की पुष्टि सऊदी अरब की न्यूज एजेंसी ने की है।  सऊदी की सेना ने दावा किया है कि इस हमले को उनके द्वारा नाकाम कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि विद्रोहियों द्वारा मक्का पर छोड़ी गई इस मिसाइल को 65 किलोमीटर पहले ही बीच रास्ते में ही नष्ट कर दिया गया। इसने बताया कि इस मिसाइल से किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। जहां से इस मिसाइल को लांच किया गया सेना ने उस जगह को निशाना बनाकर हमले किए गए हैं। सऊदी अरब के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना ने आज यह जानकारी दी, हालांकि विद्रोहियों ने कहा कि इस मिसाइल को मक्का नहीं, बल्कि जेद्दा शहर को निशाना बनाकर दागा गया था। गठबंधन सेना यमन में इस साल मार्च महीने से विद्रोहियों के खिलाफ बमबारी कर रही है। विद्रोही उन स्थानों को निशाना बनाकर मिसाइलें दागते हैं जहां से गठबंधन सेना हवाई हमले कर रही है। सऊदी अरब ने विद्रोहियों को मिसाइलों

जब खून ही बना खून का दुश्मन; ऐसा सौतेलापन भी किस काम का?

उत्तर भारत राजनीति के सबसे दिग्गज नेता मुलायम सिंह यादव का घर बिखरता हुआ दिख रहा है. मुलायम सिंह यादव इतने बेबस कभी नहींं दिखे, जितने अब परिवार में मचे घमासान को लेकर दिख रहे हैं. अखिलेश और उनके अपने चाचा शिवपाल के बीच तकरार अब खुल कर सामने आ चुका है. पार्टी की उठापटक के बीच में खबरें आ रही हैं कि इन सब के पीछे अखिलेश की सौतेली मां और मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना का हाथ है. आइए जानते हैं, आखिर कैसे साधना बनी मुलायम की दूसरी पत्नी और अखिलेश की सौतेली माँ।  पहली पत्नी का नाम है मालती मुलायम सिंह की पहली पत्नी मालती ने अखिलेश यादव को 1973 में जन्म दिया. 2003 में अखिलेश की मां मालती देवी की बीमारी से निधन हो गया. कहा जाता है कि मुलायम ने साधना से तभी शादी की, जब वो पहले से शादीशुदा थे. हालांकि उनके परिवार को इस रिश्ते की खबर थी, लेकिन उन्होंने कभी खुलकर इस रिश्ते को नहीं स्वीकारा. कौन है साधना यादव? साधना गुप्ता समाजवादी पार्टी में एक छोटी कार्यकर्ता थी. साधना पहले से शादीशुदा थी और उनके पति फर्रुखाबाद जिले में व्यापारी का काम करते थे. लेकिन बाद में वह उनसे अलग हो गई. 198

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To write on general topics and specially on films;THE BLOGS ARE DEDICATED TO MY PARENTS:SHRI M.B.L.NIGAM(January 7,1917-March 17,2005) and SMT.SHANNO DEVI NIGAM(November 23,1922-January24,1983)