उत्तर भारत राजनीति के सबसे दिग्गज नेता मुलायम सिंह यादव का घर बिखरता हुआ दिख रहा है. मुलायम सिंह यादव इतने बेबस कभी नहींं दिखे, जितने अब परिवार में मचे घमासान को लेकर दिख रहे हैं. अखिलेश और उनके अपने चाचा शिवपाल के बीच तकरार अब खुल कर सामने आ चुका है. पार्टी की उठापटक के बीच में खबरें आ रही हैं कि इन सब के पीछे अखिलेश की सौतेली मां और मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना का हाथ है. आइए जानते हैं, आखिर कैसे साधना बनी मुलायम की दूसरी पत्नी और अखिलेश की सौतेली माँ।
पहली पत्नी का नाम है मालती
मुलायम सिंह की पहली पत्नी मालती ने अखिलेश यादव को 1973 में जन्म दिया. 2003 में अखिलेश की मां मालती देवी की बीमारी से निधन हो गया. कहा जाता है कि मुलायम ने साधना से तभी शादी की, जब वो पहले से शादीशुदा थे. हालांकि उनके परिवार को इस रिश्ते की खबर थी, लेकिन उन्होंने कभी खुलकर इस रिश्ते को नहीं स्वीकारा.
मुलायम सिंह की पहली पत्नी मालती ने अखिलेश यादव को 1973 में जन्म दिया. 2003 में अखिलेश की मां मालती देवी की बीमारी से निधन हो गया. कहा जाता है कि मुलायम ने साधना से तभी शादी की, जब वो पहले से शादीशुदा थे. हालांकि उनके परिवार को इस रिश्ते की खबर थी, लेकिन उन्होंने कभी खुलकर इस रिश्ते को नहीं स्वीकारा.
कौन है साधना यादव?
साधना गुप्ता समाजवादी पार्टी में एक छोटी कार्यकर्ता थी. साधना पहले से शादीशुदा थी और उनके पति फर्रुखाबाद जिले में व्यापारी का काम करते थे. लेकिन बाद में वह उनसे अलग हो गई. 1980 के दौरान वह पार्टी से जुड़ी थी।
साधना गुप्ता समाजवादी पार्टी में एक छोटी कार्यकर्ता थी. साधना पहले से शादीशुदा थी और उनके पति फर्रुखाबाद जिले में व्यापारी का काम करते थे. लेकिन बाद में वह उनसे अलग हो गई. 1980 के दौरान वह पार्टी से जुड़ी थी।
कब शुरू हुई प्रेम कहानी
1982 में जब मुलायम लोकदल के अध्यक्ष बने, उस वक्त साधना पार्टी में एक छोटी कार्यकर्ता थींं. मुलायम जब राजनीति के शिखर पर थे, उस वक्त उनकी जिंदगी में साधना गुप्ता का आगमन हुआ. पहली ही मुलाकात में नेताजी अपने से 20 साल छोटी साधना को अपना दिल दे बैठे और यहीं से इन दोनों का प्यार शुरू हुआ। वास्तव में सुश्री साधना बहुत ही हसीन और इतनी ख़ूबसूरत थी कि देखते ही इनसे निगाह हटाने को "दिल है की मानता नहीं"। अपने समय के जाने-माने मुलायम पहलवान की सारी पहलवानी साधना जी ने ऐसी मुलायम की, कि उनकी ज़ुल्फ़ों में ही क़ैद होकर रह गए।
1982 में जब मुलायम लोकदल के अध्यक्ष बने, उस वक्त साधना पार्टी में एक छोटी कार्यकर्ता थींं. मुलायम जब राजनीति के शिखर पर थे, उस वक्त उनकी जिंदगी में साधना गुप्ता का आगमन हुआ. पहली ही मुलाकात में नेताजी अपने से 20 साल छोटी साधना को अपना दिल दे बैठे और यहीं से इन दोनों का प्यार शुरू हुआ। वास्तव में सुश्री साधना बहुत ही हसीन और इतनी ख़ूबसूरत थी कि देखते ही इनसे निगाह हटाने को "दिल है की मानता नहीं"। अपने समय के जाने-माने मुलायम पहलवान की सारी पहलवानी साधना जी ने ऐसी मुलायम की, कि उनकी ज़ुल्फ़ों में ही क़ैद होकर रह गए।
साधना ने दिया पुत्र को जन्म
साधना और मुलायम की प्रेम कहानी भले ही चोरी छिपे चल रही थी, लेकिन मुलायम की मां और उनकी पत्नी मालती को इस रिश्ते की खबर लग चुकी थी. कहते हैं मुलायम पर परिवार का दबाव था, जिस वजह से उन्होंने इस रिश्ते को कभी भी नहीं स्वीकारा. मुलायम सिंह ने हमेशा इस रिश्ते को छिपा कर रखा. 1988 से पहले कोई नहींं जानता था कि मुलायम सिंह का एक और पुत्र प्रतीक भी है। जिसका अभी भी स्पष्ट नहीं कि प्रतीक वास्तव में किससे है, पहले पति से या मुलायम सिंह से?
साधना और मुलायम की प्रेम कहानी भले ही चोरी छिपे चल रही थी, लेकिन मुलायम की मां और उनकी पत्नी मालती को इस रिश्ते की खबर लग चुकी थी. कहते हैं मुलायम पर परिवार का दबाव था, जिस वजह से उन्होंने इस रिश्ते को कभी भी नहीं स्वीकारा. मुलायम सिंह ने हमेशा इस रिश्ते को छिपा कर रखा. 1988 से पहले कोई नहींं जानता था कि मुलायम सिंह का एक और पुत्र प्रतीक भी है। जिसका अभी भी स्पष्ट नहीं कि प्रतीक वास्तव में किससे है, पहले पति से या मुलायम सिंह से?
साधना की गलती
बरहाल, जब साधना गुप्ता मुलायम की अर्धांगिनी बन ही गयी, समस्त सन्देह समाप्त हो जाने चाहिए। लेकिन जब साधना जी को हर प्रकार की सुख-सुविधा मिल रही थी, उस स्थिति में अखिलेश को सफलता की सीढ़ी चढ़ते देख सीढ़ी को ताकत से पकड़नी थी, न की नीचे से खींचनी थी। अखिलेश सौतेला ही सही अब असली माँ के देहान्त उपरान्त माँ आप ही हो। सौतेला सही, है तो बेटा ही।
अमर सिंह ने दिलवाया दूसरी पत्नी का दर्जा
2003 में मुलायम की पत्नी के मौत के बाद अमर सिंह ने साधना और मुलायम के रिश्ते को एक बार फिर हवा दी. साल 2007 में मुलायम सिंह यादव ने आय से अधिक सम्पति के मामले में सीबीआई की जांच से बचने के लिए यह स्वीकार किया कि साधना गुप्ता उनकी दूसरी पत्नी हैं और उनका एक पुत्र प्रतीक भी है. इसी के बाद पूरे देश को पता चला कि मुलायम की एक और पत्नी और उनसे एक बेटा है.
2003 में मुलायम की पत्नी के मौत के बाद अमर सिंह ने साधना और मुलायम के रिश्ते को एक बार फिर हवा दी. साल 2007 में मुलायम सिंह यादव ने आय से अधिक सम्पति के मामले में सीबीआई की जांच से बचने के लिए यह स्वीकार किया कि साधना गुप्ता उनकी दूसरी पत्नी हैं और उनका एक पुत्र प्रतीक भी है. इसी के बाद पूरे देश को पता चला कि मुलायम की एक और पत्नी और उनसे एक बेटा है.
अखिलेश आज भी हैं पिता से नाराज
अखिलेश ने साधना गुप्ता के अपने परिवार में कभी जगह नहीं दी. वह मानते हैं कि साधना गुप्ता और अमर सिंह के चलते उनके पिताजी ने उनकी मां के साथ न्याय नहीं किया. अखिलेश नहीं चाहते थे कि मुलायम इस रिश्ते को स्वीकार करेंं.
अपने बेटे को बनाना चाहती हैं उत्तराधिकारी
कहा जा रहा है कि साधना सपा के मुखिया मुलायम पर दबाव ड़ाल रही हैं कि अखिलेश को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाकर उनके बेटे प्रतीक को दें. यही नहीं मुलायम के अगले उत्तराधिकारी के रूप में भी साधना अपने बेटे प्रतीक को देख रही हैं…
कहा जा रहा है कि साधना सपा के मुखिया मुलायम पर दबाव ड़ाल रही हैं कि अखिलेश को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाकर उनके बेटे प्रतीक को दें. यही नहीं मुलायम के अगले उत्तराधिकारी के रूप में भी साधना अपने बेटे प्रतीक को देख रही हैं…
वास्तव में आज त्रेता नहीं कलयुग है। जहाँ सगे-सौतेले की ममता में परिवार की प्रतिष्ठा को ही दाँव पर लगा दिया। क्या भविष्य में प्रतीक और अखिलेश एक थाली में खा पाएंगे? सगे बेटे की ख़ुशी में जिस परिवार ने इतना मान-सम्मान दिया, उसे ही धरातल पर पटक दिया। साधना ने यह कौन सी राजनीति खेली है। यदि अखिलेश कोई गलत काम करता, एक माँ होने के नाते समझाने का कर्तव्य साधना का ही था। बरहाल यही कहा जा सकता है:--
दिल के फफोले जल उठे, सीने की आग से,
इस घर को आग लग गयी ,घर के चिराग से। ..
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