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Showing posts from January, 2020

डिरेडिकलाइजेशन की शुरुआत हिन्दुओं को 15 मिनट में सबक सिखाने की धमकी देने वाले कट्टरपंथी से होनी चाहिए

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार  क्या आपने कभी सोचा है कि देश में आतंकवाद शब्द के इस्तेमाल पर भी सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वालों में एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ही क्यों होते हैं? मुद्दा चाहे इस्लामिक चरमपंथ का हो, मजहबी नारे लगाते हुए भीड़ द्वारा किसी मंदिर को अपवित्र करने का हो या फिर बच्चों को कट्टर बनाने वालों का हो, सबसे पहले बौखलाने वाला नाम असदुद्दीन ओवैसी का ही होता है। ओवैसी के दुःख का नया कारण सीडीएस जनरल बिपिन रावत का कट्टरता और चरमपंथ को रोकने वाला बयान है। या ये कहें कि एक बार फिर ओवैसी ने उड़ता हुआ तीर ले लिया है। रायसीना डायलॉग के दौरान CDS जनरल बिपिन रावत ने कहा कि कश्मीर में 10 साल से कम उम्र के लड़के-लड़कियों को कट्टरपंथी बनाया जा रहा है। जनरल रावत ने कहा कि ऐसे बच्चों को शांतिवार्ता से कट्टरपंथी बनाए जाने की ऐसी मुहिम से अलग कर सकते हैं। इसके बाद ओवैसी को खबरों में आने की एक और वजह मिल गई और उन्होंने सवाल किया है कि जनरल बिपिन किस-किस को डिरेडिकलाइज़ करेंगे? साथ ही सीडीएस जनरल रावत को सलाह दी है कि उन्हें नीतियाँ नहीं बनानी चाहिए। यहाँ तक कि ओवैसी ने सीडीएस बि

पीड़ितों के हिजाब और जैकेट पर बैंडेज करने वाले डॉक्टर सम्मान के पात्र

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार  कहते हैं कि "चोर अपने कदमों के निशान छोड़ जाता है", बात जेएनयू में हुई नक्सली हिंसा से उजागर हो रही है। और जिस क्रिएटिव डॉक्टर ने हिजाब और जैकेट पर पट्टी बाँधी है, विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) से सम्मानित करने योग्य है। मोदी सरकार को चाहिए कि जिस योग्य और अनुभवी डॉक्टर ने ठंठ में पीड़ित के तन से कपडे हटाए बिना इतना सराहनीय काम किया है, हॉस्पिटल्स में जल्द से जल्द ऐसे महान डॉक्टरों की नियुक्ति करे।  फिर इन फोटोज़ से एक बात और उजागर होती है कि जो प्लेकार्ड्स पर स्पेलिंग लिखे हैं, वह किसी शिक्षित नहीं बल्कि गुंडों का काम दिखता है। जो इस बात को प्रमाणित करता है कि नागरिकता संशोधक कानून का विरोध शिक्षित नहीं बल्कि गुंडे कर रहे हैं और अशांति फ़ैलाने वाले इन गुंडों के साथ सरकार को सख्ती से पेश आना चाहिए।   एक आँख बाहर ताकती हुई, दूसरी आखों के ऊपर से सफ़ेद रंग की पट्टी, सिर में बैंडेज, पाँव में बैंडेज। जामिया गैंग के छात्र कुछ यूँ ही घूम रहे हैं। घायल अवस्था में। एक से बढ़कर एक फोटोज आ रहे हैं मार्किट में। किसी युवती के हिजाब के ऊपर से ही बैंडेज लगा दिया

‘हिन्दुओं से आजादी’ का नारा रात के 2.15 बजे?

कौन है ये "हिन्दुओं से आज़ादी" मांगने वाले  आर.बी.एल.निगम,वरिष्ठ पत्रकार  देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया के सामने सोमवार की आधी रात को विरोध के नाम पर जो किया गया, उस पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। कुछ का आरोप है कि वहाँ ‘हिंदुओं से आजादी’ के नारे लगे, तो कुछ का कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। दोनों पक्ष अपने-अपने वीडियो शेयर कर रहे हैं। नीचे जो वीडियो है, वो सोमवार (जनवरी 6, 2019) की मध्य रात्रि 2.15 बजे की है। बीजेपी नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने इस वीडियो को शेयर करते हुए कहा, “मुस्लिम और वामपंथी ‘हिंदुओं से आजादी’ का नारा लगा रहे हैं लेकिन इस बार यह जामिया या जेएनयू कैंपस में नहीं हुआ है बल्कि उन्होंने मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर यह नारा लगाया है। आखिर कौन हैं ये हिन्दू विरोधी नारेबाज? किसके कहने पर हिन्दू विरोधी नारे लग रहे हैं? कौन ऐसे प्रदर्शनकारियों को राजनीतिक संरक्षण दे रहा है? क्या मुंबई पुलिस और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इसके खिलाफ कोई एक्शन लेंगे या चुपचाप वो भी इन गुंडों का समर्थन करेंगे?” इस पर एक ट्विटर यूजर ने प्रतिक्रिया देते हुए ल

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shannomagan
To write on general topics and specially on films;THE BLOGS ARE DEDICATED TO MY PARENTS:SHRI M.B.L.NIGAM(January 7,1917-March 17,2005) and SMT.SHANNO DEVI NIGAM(November 23,1922-January24,1983)