साभार: भास्कर बॉलीवुड ने फिल्मों और उसके संवादों के माध्यम से हिंदू समाज और उसकी संस्कृति का बड़े ही भद्दे ढंग से मजाक उड़ाया है। ये बात किसी फिल्म विशेष की नहीं, बल्कि एक दौर की है। हिंदू धर्म, उसके त्योहारों, उसके आचार-विचार, उसकी आस्था, उसकी मान्यता, उसके विश्वास से लेकर उसके अनुयायियों को बेहद फूहड़ता से दिखाने का जैसे फिल्मों में रिवाज सा चल पड़ा है। हालाँकि, किसी दूसरे समुदाय के साथ इस तरह का प्रयोग मुश्किल में डालने वाला होता है। हिंदुओं के दिवाली के त्योहार, मंगलसूत्र-बिंदी, कन्यादान आदि पर बॉलीवुड वाले मज़ाक उड़ाते रहते हैं। हालाँकि, अपनी सहिष्णुता की वजह से हिंदू समाज चुप रह जाता है। वहीं, हिंदुओं की तरह वे दूसरे समाज का माखौल उड़ाने की कोशिश करते हैं तो उन्हें परेशानी भोगनी पड़ती है। चाहे वह किसी मुद्दे पर फिल्म बनानी हो या फिल्म का कोई दृश्य हो, गैर-हिंदू समुदाय बॉलीवुड को ऐसा करने की स्वतंत्रता नहीं देता है। इसके कई उदाहरण सामने आ चुके हैं। दरअसल, बॉल