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Showing posts from June, 2019

तितली बनकर जैकलीन ने अपने ग्लैमरस लुक से किया घायल

जैकलीन फर्नांडिस अपने स्टाइल और फैशन को लेकर हमेशा सुर्खियों में बनी रहती हैं। एक बार फिर अपने ग्लैमरस लुक की वजह से वह चर्चा का विषय बनी हुई हैं। सोशल मीडिया पर उनकी कुछ नई तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें वह बेहद खूबसूरत नजर आ रही हैं। फैंस उनके लुक की जमकर तारीफ कर रहे हैं और कुछ लोग तो उन्हें तितली बता रहे हैं। अपने इस लुक के लिए जैकलीन ने ओरेंज और रेड कलर की साड़ी पहनी है। उनकी साड़ी का ब्लाउज ऑफ शोल्डर है और स्लिव्स रफल है। जैकलीन पर यह लुक काफी फब रहा है। अपने लुक को पूरा करने के लिए जैकलीन ने मिनिमल मेकअप के साथ पिंक लिपस्टिक और विंग लाइनर लगाया हुआ है। जैकलीन शानदार एक्ट्रेस होने के साथ-साथ श्रीलंका ट्यूरिज्म को प्रमोट भी करती हैं। उनकी ये तस्वीरें मुंबई में श्रीलंका टूरिज़्म के एक खास इवेंट की हैं। तस्वीरों में वह अवॉर्ड रिसीव करती नजर आ रही हैं। इस इवेंट की बात करें तो जैकलीन ने श्रीलंका टूरिज्म पर काफी चर्चा की। यहां तक की इस्टर पर हुए हमलों के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अब श्रीलंका बिल्कुल सुरक्षित है। जैकलीन ने कहा, “मैं हमेशा अपने दोस्तों और दर्शकों को श्र

संजय गांधी की करीबी थीं सैफ अली खान की सास रुखसाना

आर.बी.एल.निगम   पटौदी खानदान से ताल्लुक रखने वाले सैफ अली खान ही नहीं उनकी पूर्व पत्नी अमृता सिंह का रिश्ता भी बड़े खानदान से है। अमृता सिंह की मां रुखसाना सुल्ताना ने मशहूर लेखक खुशवंत सिंह के भतीजे शविंदर सिंह से शादी की थी, हालांकि ये शादी ज्यादा दिनों तक चली नहीं और जल्दी ही दोनों का तलाक हो गया। रुखसाना और शविंदर की बेटी हैं एक्ट्रेस अमृता सिंह। कुछ दिनों से रुखसाना की तस्वीरें सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि क्यों सैफ अली खान की सास रहीं रुखसाना इन दिनों चर्चा में हैं। 25 जून 1975 को देश में इंदिरा गांधी सरकार ने आपातकाल की घोषणा की। उस दौरान उनके बेटे संजय गांधी की करीबी रहीं रुखसाना की ताकत भी बढ़ गई थी। इसका जिक्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रशीद किदवई ने इपनी किताब ’24 अकबर रोड’ में किया है। किताब के अनुसार रुखसाना संजय गांधी के साथ मिलकर काम कर रही थीं और समाजसेविका के तौर पर पहचानी जाती थीं। हालांकि रुखसाना को संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी, इंदिरा गांधी और यूथ कांग्रेस की अध्यक्ष अंबिका समेत दूसरे लोग बिल्कुल भी पसंद नहीं करते थे। तलाक के बाद रुखसान

खेल आयोजनों में किस कारण कंडोम वितरित होते हैं?

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार  ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में 21वें  राष्ट्रमंडल खेल में भारतीय खिलाडियों ने भी पदकों के साथ खाता खोला और रोज़ कोई एक भारतीय खिलाड़ी स्वर्ण पदक पर निशाना लगा रहा था। राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान प्रतिस्पर्धा के साथ साथ इसके आयोजन और व्यवस्था समेत सभी विषयों पर कई सारी ख़बरें आने लगी थी। जिनके बारे में जानने के लिए सभी उत्सुक रहते थे। सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी ख़बरें जहाँ संवेदनशील होती हैं वहीं कुछ खबरें ऐसी भी होती है जो पाठकों के लिए रोचक तो होती हैं परंतु चर्चा की बजाये इन्हें पढ़कर नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। यदि हम इन्हीं खबरों पर गंभीरता से विचार करें तो इसके अनेक अर्थ निकल कर सामने आएंगी, जो समाज की सोंच और इसके दृष्टिकोण को दर्शाती है। इन्हीं में एक खबर ऐसी है जिसको सामाजिक तौर से नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है और इस पर चर्चा करने से भी बचा जाता है। ख़बर है कि इस बार राष्ट्रमंडल खेल में खिलाडियों के ठहरने वाले स्थान खेल गांव में लगभग सवा दो लाख कंडोम फ्री में बांटने की व्यवस्था की गई थी। याद रहे कि इस खेल गांव में 6000 खिलाडियों और टीम अधिकारियों के लिए ठहरन

यूपीए ने 2013 में ‘अर्बन नक्सलियों’ को बताया था गुरिल्ला आर्मी से भी खतरनाक

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार   नक्सल लिंक को लेकर ऐक्टिविस्टों की गिरफ्तारी पर भले ही राहुल गांधी समेत तमाम विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा है, परंतु 2013 में यूपीए सरकार की ही राय मौजूदा कांग्रेस से उलट थी। तब यूपीए सरकार ने उच्चतम न्यायालय में हलफनाया दायर कर कहा था कि शहरी केंद्रों में अकादमिक जगत से जुडे कुछ लोग और ऐक्टिविस्ट ह्यूमन राइट्स की आड में ऐसे संगठनों को संचालित कर रहे हैं, जिनका लिंक माओवादियों से है। यही नहीं यूपीए सरकार ने इन लोगों को जंगलों में सक्रिय माओवादी संगठन पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी से भी खतरनाक बताया था। यूपीए सरकार ने अपने ऐफिडेविट में कहा था कि, ये अर्बन नक्सल बडा खतरा हैं और सीपीआई माओवादी से जुडे हैं। यही नहीं सरकार ने कहा था कि कई मायनों में ये काडर गुरिल्ला आर्मी से भी अधिक खतरनाक हैं। बता दें कि पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी सीपीआई माओवादी की ही एक सशस्त्र विंग है। 2001 से लेकर अब तक माओवादियों ने 5969  नागरिकों की हत्या की थी, 2147 सुरक्षार्मियों की हत्याएं की हैं और पुलिस एवं केंद्रीय अर्धसैनिक बलों से 3567 हथियारों की लूट को अंजाम दिया है। अ

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To write on general topics and specially on films;THE BLOGS ARE DEDICATED TO MY PARENTS:SHRI M.B.L.NIGAM(January 7,1917-March 17,2005) and SMT.SHANNO DEVI NIGAM(November 23,1922-January24,1983)