भोपाल में सिमी के 8 खतरनाक आतंकियों के एनकाउंटर के बाद पूरा मध्य प्रदेश खुश है, खासकर भोपाल के लोग अधिक खुश हैं और उनसे भी अधिक वे लोग खुश हैं जिन ग्रामीणों ने डेढ़ किलोमीटर पीछा करके आतंकियों को दौड़ाया और पुलिस को फोन करके उनका एनकाउंटर करने में मदद की, यही नहीं गाँव वालों ने इस आतंक के एनकाउंटर को अपनी ऑंखें से लाइव देखा और आतंकियों के मारे जाने के बाद पुलिस, बीजेपी सरकार और भारत माता की जय के नारे लगाये।
लेकिन इन स्टूडेंट ऑफ इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के 8 सदस्यों के जेल से फरार होने के बाद एनकाउंटर में मार गिराए जाने पर राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस पार्टी की ओर से जहां दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए वहीं आम आदमी पार्टी की अलका लांबा ने भी इस पर शक जाहिर किया है।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इसके पीछे साजिश होने का शक जाहिर करते हुए कहा, “वह जेल से भागे थे या उन्हें किसी साजिश के तहत जेल से भगाया गया था। इसकी जांच होनी चाहिए।” वहीं कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने कहा, “चूंकि जेल से फरार हुए सभी सिमी सदस्यों को मार गिराया गया इसलिए अब सही जानकारी मिलनी मुश्किल है। इस बात की न्यायिक जांच होनी चाहिए कि वह जेल से कैसे फरार हुए।” इतना ही नहीं, चांदनी चौक से आम आदमी पार्टी विधायक अलका लांबा ने भी कहा कि सभी आठ आतंकी एक ही जगह पर मार गिराया जा सकते हैं?
सिमी के ये आतंकी 2013 में खंडवा जेल से भी फरार हुए थे। लेकिन कुछ महीनों के बाद पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया था।
सिमी के ये आतंकी 2013 में खंडवा जेल से भी फरार हुए थे। लेकिन कुछ महीनों के बाद पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया था।
दिग्विजय सिंह ने सिमी और बजरंग दल की तुलना की, उन्होंने कहा कि दोनों की संगठन शांति भंग करने का काम करते हैं। इन दोनों ही संगठनों पर बैन लगा की सिफारिश मैंने तब एनडीए सरकार से की थी, लेकिन अब तक केवल सिमी पर ही बैन लग पाया है।
कांग्रेस के एक और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, इस तरह की घटना खंडवा में भी थी। उन्होंने कहा कि आशचर्य की बात है कि बार बार ऐसी घटनाएं मध्य प्रदेश में ही क्यों हो रही है?
हालांकि उन्होंने मध्य प्रदेश पुलिस की तारीफ करते हुए ये भी कहा कि इसका श्रेय मध्य प्रदेश पुलिस को जाता है जिन्होंने तुरंत एक्शन लेते हुए आतंकियों का सामना किया और उन्हें मार गिराया।
वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि आतंकियों का एनकाउंटर सुरक्षाबलों की बड़ी जीत है जिसके लिए मध्य प्रदेश पुलिस बधाई की पात्र है। एनकाउंटर को लेकर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस के पास उन्हें मार डालने के सिवाय कोई और दूसरा चारा नहीं था। उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले की जांच चल रही है और रिपोर्ट के बाद ही विस्तार से इस घटना का पता चल सकेगा।
दिग्विजय के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी इस घटना पर खूब छाती पीटी और एनकाउंटर को फेक बताते हुए कहा कि 'यह मोदी राज है, यहाँ पर सब कुछ फेक है, फेक एनकाउंटर, फेक केसेस आदि'।
AIMIM चीफ असद्दुदीन ओवैसी ने भी इस घटना को फेक बताया, उन्होंने कहा कि आतंकियों के पास कोई हथियार नहीं थे इसके बावजूद भी उन्हें मार दिया गया, पुलिस को उन्हें पकड़ना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
इन सभी नेताओं ने आतंकियों के समर्थन में कई बातें कहीं लेकिन उस सिपाही के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा जिसे आतंकियों ने भागते वक्त मार डाला था। शायद इसीलिए शिवराज सिंह ने इन नेताओं की ऐसी तैसी कर दी।
इस घटना को सुरक्षा के लिहाज से बड़ी चूक माना जा रहा है। आतंकियों ने दिवाली के अगले दिन इस वारदात को अंजाम देने के बारे में सोचा। इसके अलावा, एक ही जेल में 30 से ज्यादा आतंकियों को रखने पर भी सवाल उठ रहे हैं। एक टीवी चैनल से बातचीत में पूर्व डीजीपी नंदन दुबे ने भी माना कि जेल की दीवारें कमजोर थीं। नंदन ने कहा कि सिस्टम कमजोर हो चुका है, ऐसे में वक्त आ चुका है कि जेल की सुरक्षा व्यवस्था की दोबारा से समीक्षा की जाए।
भोपाल में सिमी के 8 खतरनाक आतंकियों के एनकाउंटर के बाद पूरा मध्य प्रदेश खुश है, खासकर भोपाल के लोग अधिक खुश हैं और उनसे भी अधिक वे लोग खुश हैं जिन ग्रामीणों ने डेढ़ किलोमीटर पीछा करके आतंकियों को दौड़ाया और पुलिस को फोन करके उनका एनकाउंटर करने में मदद की, यही नहीं गाँव वालों ने इस आतंक के एनकाउंटर को अपनी ऑंखें से लाइव देखा और आतंकियों के मारे जाने के बाद पुलिस, बीजेपी सरकार और भारत माता की जय के नारे लगाये।
यह वीडियो देखने के बाद कोई माई का लाल नहीं कह सकता कि यह एनकाउंटर फर्जी है, हालाँकि आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और मुस्लिम नेता ओवैसी इस एनकाउंटर को फर्जी साबित करने की कोशिश में लगे हैं, सभी लोगों को लग रहा है कि आतंकियों से अगर ज़रा सी सहानुभूति जता देंगे तो उन्हें मुस्लिमों का वोट मिल जाएगा, इसलिए इस सही एनकाउंटर को गलत साबित करने की कोशिश की जा रही है लेकिन इस वीडियो ने साफ़ कर दिया है कि आतंकियों का एनकाउंटर सही था, इसीलिए गाँव वाले लोग, खासकर सरपंच बहुत खुश हैं।
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