Skip to main content

दिल्ली में भाजपा का आधारहीन विरोध

Image result for भाजपा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कांग्रेस-मुक्त भारत के अभियान में आम आदमी पार्टी (आप) भाजपा को एक और झटका देने की तैयारी में है। पंजाब विधानसभा चुनाव आप जीते या नंबर दो पर रहे लेकिन भाजपा का नुकसान होना तय माना जा रहा था। यह तय माना जा रहा था कि जिस तरह 2014 के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा के नेता महीनों दिल्ली का फैसला टालते रहे और देरी से चुनाव होने पर आप प्रचंड बहुमत से विधानसभा चुनाव जीती, उसी तरह पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग की बनाई वीके शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक न करके व उस पर कारवाई न करने से पंजाब के बाद दिल्ली नगर निगम चुनावों में भी भाजपा का नुकसान होगा, और हुआ भी।
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के दो साल पूरे होने पर भले ही कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा के स्थानीय नेता दिल्ली सरकार की आलोचना कर रहे हों। आप के नेता भी केंद्र सरकार के खिलाफ हर रोज बयान दे रहे हैं। लेकिन वास्तव में भाजपा की केंद्र सरकार के फैसले से आप ताकतवर हो रही है।
सपा बसपा इस ख़ुशफ़हमी में न रहे उसने भाजपा पर विजय पा ली है भाजपा एक पवित्र गंगा आज भी है जिसमें गंदे नाले इतने ज़्यादा मिल गये भाजपा गंदी होती गई। कई तो अमित शाह और मोदी जी के नाम पर कई हज़ार करोड़ की धन उगाही कर कार्यकर्ताओं को ज़लील कर रहे हैं। परिणाम यह हुआ कोई भी कार्यकर्ता बूथ तक नहीं आया बंसल की सिथति आज प्रदेश के मुख्य मंत्री  प्रदेश अध्यक्ष से भी बड़ी है वही कार्यकर्ता बेचारे झंडू बाम है  मुझको ही ले 33 साल पार्टी  में रात दिन एक करने के बाद सांसद विधायक तो दूर प्रदेश संगठन में महामंत्री उपाध्यक्ष तक नहीं  गया।       ---आनंद मोहन भटनागर ।
मेट्रो का किराया बढ़ने पर नहीं बोलने वाले लोग पानी की कीमत बढ़ने पर बोल रहे हैं। आज जब पर्यावरण की चिन्ता सर्वोपरि है और माना जाता है कि वाहनों (खासतौर से डीजल से चलने वाले) से होने वाला प्रदूषण बहुत ज्यादा है तब सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की अलग अहमियत है। दिल्ली और खासकर एनसीआर के गुड़गांव, फरीदाबाद, नोएडा और गाजियाबाद की भौगोलिक और सार्वजनिक परिवहन की स्थिति ऐसी है कि अंतिम मील की यात्रा के लिए कोई कायदे का साधन नहीं होने से मेट्रो का उपयोग करना वैसे भी मुश्किल है। मेट्रो में सीटें कम होने से भी इसकी यात्रा भले कम समय में हो जाती हो, सुखद तो नहीं ही है। और फिर प्लैटफॉर्म तक पहुंचना और प्लैटफॉर्म से बाहर आना स्वस्थ आदमी के लिए भी आसान नहीं है।
ऐसे में मेट्रो चलाने का मकसद ना तो मुनाफा कमाना होना चाहिए ना किराया दूसरे विकल्पों की तुलना में तय किया जाना चाहिए बल्कि बहुत कम होना चाहिए ताकि लोग इसका ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें जिससे सड़कों पर भीड़ और जाम कम हो तथा प्रदूषण की समस्या को भी कुछ राहत मिले। इस आलोक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मेट्रो का किराया बढ़ाने का विरोध किया तो पार्टी लाइन पर उन्हें अकेला छोड़ दिया गया और किराया आखिरकार बढ़ ही गया जो साधारण नहीं, अच्छी-खासी वृद्धि है। और दैनिक उपयोग करने वाले लोगों को विकल्प तलाशने पर मजबूर कर रही है।

दूसरी ओर, दिल्ली में पानी की कीमत में मामूली वृद्धि पर दिल्ली सरकार का विरोध किया जा रहा है जबकि यह वृद्धि बड़े उपभोक्ताओं के लिए ही है। इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के अनुसार यह वृद्धि फरवरी से लागू होने वाली है और 20,000 लीटर प्रति माह खपत करने वाले उपभोक्ताओं के लिए कोई वृद्धि नहीं है या ऐसा कहिए कि इतना पानी मुफ्त मिलता है। इसके बाद 3000 लीटर पानी की कीमत अभी 286.89 रुपए है जो 315.05 रुपए हो जाएगी और यह वृदधि 28.16 रुपए की है। यानी 20,000 लीटर प्रति माह मुफ्त के बाद रोज 100 लीटर पानी खर्च करने वाले के लिए वृद्धि एक रुपए रोज नहीं है। इसका विरोध किया जा रहा है।
Image may contain: 7 people, crowd and outdoor
चित्र नंबर 1: देखिए दिल्ली प्रदेश भाजपा का केजरीवाल सरकार
 के विरुद्ध
प्रदर्शन, कितने लोग हैं? समस्त कार्यकर्ता भी नहीं।    
विरोध करने वालों में वो लोग भी हैं जो 28 प्रतिशत जीएसटी लगाए जाने का विरोध नहीं कर रहे थे। पेट्रोल की कीमत में बेतुकी वृद्धि का विरोध नहीं करते। गुजरात चुनाव के लिए जीएसटी कम करने में कोई राजनीति या भ्रष्टाचार नहीं देखते। पानी की कीमत में वृद्धि का अंदाजा लगाने के लिए तालिका देखिए। और अखबारों में इसे दिए जा रहे महत्व को देखिए। हिन्दुस्तान टाइम्स ने इसे पहले पेज पर और नवोदय टाइम्स ने तो पहले पेज पर लीड ही बना दिया था और फिर अंदर इतना विस्तार। इंडियन एक्सप्रेस में भी यह खबर सिटी पन्ने पर प्रमुखता से विस्तार में छपी।
अवलोकन करें:--
NIGAMRAJENDRA28.BLOGSPOT.COM
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का एक वीडियो इन दिनों वायरल हो रहा है, जिसमें वो अपने पास फरियाद लेक...

NIGAMRAJENDRA28.BLOGSPOT.COM
किसी को कहीं कूड़ा दिख रहा है? अब इसे ड्रामा नहीं कहा जाए, तो क्या नाम दिया जाए? जब से केन्द्र में भाजपा आयी है, सफाई अभि...
Image may contain: 6 people, including Ravi Kaptan, people smiling, crowd and outdoor
चित्र नंबर 2 : *दिल्ली में पानी की कमी व् जल विभाग में
भ्रष्ट अधिकारियों व् मंत्री द्वारा किया गया महा-घोटाला*
और *केजरीवाल सरकार की विफलताओं* के खिलाफ
*भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश*
का *विरोध प्रदर्शन*
Image may contain: 6 people, people smiling, crowd, beard, outdoor and closeup
चित्र नंबर 3 
अब आपको दिल्ली के उस मंडल की शोचनीय स्थिति से अवगत करवा दिया जाये, जहाँ भाजपा में आज भाजपाईयों की ही कोई पूछ परख नहीं बची है। अब तो यहाँ सिर्फ अन्य दलों से आने वाले व्यभिचारी, भ्रष्टाचारी, बलात्कारी, हिन्दू विरोधी नेताओं का अड्डा बन चुका है। हर-हर मोदी, घर-घर मोदी का नित रोज मंत्र जाप करने वाले भक्तों पर क्या बीत रही होगी इसका अंदाजा है मुझे। बस इतना ही कह सकते हैं कि भगवान इस दुख की घड़ी में उनका हौसला बनाये रखे और उनको सदबुद्धि प्रदान करे।
आज पार्टी ने पार्टी में उन पुराने कर्मठ कार्यकर्ताओं को नज़रअंदाज़ कर रखा है,-- विशेषकर मुस्लिम क्षेत्रों में-- जो भारतीय जनसंघ के समय से कार्यरत थे, दूसरे दलों से आए लोगों को उच्च स्थान दिए जा रहे हैं, क्यों? उन दिनों मुस्लिम क्षेत्रों जनसंघ के पोस्टर लगाने वाला भी नहीं जाता था, और कर्मठ कार्यकर्ता खुद लेइ बनाकर रातों को अपने क्षेत्र में पोस्टर लगाकर जनसंघ को जीवित रखने में अपना योगदान दे रहे थे। लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसे कर्मठ कार्यकर्ताओं को पार्टी प्रदेश में तो क्या मण्डल स्तर पर भी नज़रअंदाज़ किए हुए हैं। उन कार्यकर्ताओं के अनुसार, इस क्षेत्र से नगर निगम और विधानसभा चुनाव हारने के लिए ही लड़े जाते हैं। इन जनसंघ कालीन कर्मठ कार्यकर्ताओं को केवल मतदान दिनों में ही याद किया जाता है। 
कुछ समय पूर्व दिल्ली में हुए नगर निगम चुनावों में इस मंडल में मतदान सूची तक की जाँच नहीं हुई, चुनाव अभियान भी केवल औपचारिकता भर था। यह मंडल मतदान वाले दिन हमेशा मेज-कुर्सी की व्यवस्था करता था, लेकिन नगर निगम चुनाव में रात्रि 7/8 बजे बूथ अध्यक्षों को स्वयं मेज-कुर्सी की व्यवस्था करने को कहा जाता है, अब कोई मण्डल अध्यक्ष एवं चुनाव समिति से पूछे इस समय कहाँ से मेज-कुर्सी का प्रबन्ध होगा? क्या यह सच्चाई नहीं, जो प्रमाणित करती है, कि पार्टी उम्मीदवार मात्र नाम के लिए है, चुनाव जीतने के लिए नहीं। 
मतदान की पूर्व संध्या पर उम्मीदवार अपने पति के साथ कुछ मुस्लिम क्षेत्रों में जाती हैं, लेकिन बूथ अध्यक्ष को जानकारी नहीं दी जाती, क्यों? लेकिन कितना वोट मिला, "बाबाजी का ठुल्लू", जबकि उम्मीदवार के पति चुनाव कार्यालय में आकर बूथ अध्यक्ष को कहते हैं: "आपके बूथ पर 400 वोट पक्के करके आएं है।" बूथ अध्यक्ष ने स्पष्ट शब्दों में जवाब दिया :  "भाईसाहब भगवान आपके मुँह में घी-शक्कर दे। मेरे बूथ पर 400 वोट पक्के करके आने का मतलब जानते हैं? आपने केवल मेरे ही बूथ नहीं, कम से कम 4/5 बूथों को प्रभावित किया है। बस आप शानदार पार्टी की तैयारी कर लीजिए, हमारे उम्मीदवार को हारने से कोई नहीं रोक सकता।" मतदान वाले दिन बूथ अध्यक्ष को कदम-कदम पर उम्मीदवार बेइज्जत करता है, जबकि वही बूथ अध्यक्ष वाली बात जब उनके परिचित कहते हैं, तो विश्वास किया जाता है। क्या अपमानित करने के लिए बूथ अध्यक्ष बनाया जाता है? हालाँकि वह बूथ अध्यक्ष अपने बूथ पर मतदान वाले दिन मेज-कुर्सी लगाने के विरोध में ही रहा, परन्तु नगर निगम चुनाव में 400 वोट के लालच ने मेज का प्रबंध न होने तक उसने घर की सेंटर टेबल और कुर्सी लगाई, अध्यक्ष जब किसी पार्टी से एक मेज की तलाश में भटक रहा था, अचानक उम्मीदवार वहां पहुँच गयी, और सड़क पर सबके समक्ष बेइज्जत किया। जब मंडल द्वारा मेज न देने की बात कही गयी, तो जवाब दिया जाता है "खुद ही पहले से करना था, क्यों नहीं किया?" रात को क्या किसी टैंट वाले के पास मेज मिलेगी? एक जिलाधिकारी ने उस बूथ अध्यक्ष से उसके निवास पर मिल समाधान निकालने का आश्वासन दिया था, परन्तु प्राप्त सूत्रों के अनुसार तीन वर्षों बीत जाने उपरांत भी वह जिलाधिकारी शायद अभी तक निद्रा से नहीं जागे ! क्या ऐसे पदाधिकारी पार्टी का हित कर सकते हैं ?
और अब तो इस मंडल का पता ही नहीं, गठन हुआ है या नहीं, या उच्च पदाधिकारियों को खुश रखने के लिए अपने ही मौहल्ले के कुछ लोगों को जमा कर रखा हो, पता नहीं। यह काम जिला और प्रदेश पदाधिकारियों का है, इस मंडल के पदाधिकारियों के नाम और पते की जाँच करे। यह कोई आरोप नहीं, कटु सच्चाई है। जो पार्टी हित में अतिआवश्यक हैं। अपने लेखों में अक्सर लिखता रहता हूँ कि अधिकतर पार्टी पदाधिकारी केवल त्रिमूर्ति "मोदी-योगी-अमित" पर ही निर्भर हैं। यह मंडल जिला चाँदनी चौक में आता है। इस मण्डल की विशेषता यह है कि जनता पार्टी एक अपवाद को छोड़, भारतीय जनसंघ से लेकर आज भाजपा तक नगर निगम सीट तक नहीं निकाल पाया। पार्टी के केन्द्रीय पदाधिकारियों को इन त्रुटियों को दूर करना चाहिए।         

Comments

AUTHOR

My photo
shannomagan
To write on general topics and specially on films;THE BLOGS ARE DEDICATED TO MY PARENTS:SHRI M.B.L.NIGAM(January 7,1917-March 17,2005) and SMT.SHANNO DEVI NIGAM(November 23,1922-January24,1983)

Popular posts from this blog

भोजपुरी एक्ट्रेस त्रिशा कर मधु का MMS…सोशल मीडिया पर हुआ लीक

सोशल मीडिया पर भोजपुरी एक्ट्रेस और सिंगर त्रिशा कर मधु का MMS लीक हो गया है, जिससे वो बहुत आहत हैं, एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां किया है, त्रिशा मधु ने इस बात को कबूल किया है कि वीडियो उन्होंने ही बनाया है लेकिन इस बात पर यकीन नहीं था कि उन्हें धोखा मिलेगा। गौरतलब है कि हाल ही में त्रिशा का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें वह एक शख्स के साथ आपत्तिजनक स्थिति में नजर आ रही थीं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद अभिनेत्री ने इसे डिलीट करने की गुहार लगाई साथ ही भोजपुरी इंडस्ट्री के लोगों पर उन्हें बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया। त्रिशा मधु कर ने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो के साथ पोस्ट लिखा है जिसमें कहा, आप लोग बोल रहे हैं कि खुद वीडियो बनाई है। हां, हम दोनों ने वीडियो बनाया थ। पर मुझे ये नहीं मालूम था कि कल को मेरे साथ धोखा होने वाला है। कोई किसी को गिराने के लिए इतना नीचे तक गिर जाएगा, यह नहीं पता था। इससे पहले त्रिशा ने वायरल हो रहे वीडियो पर अपना गुस्सा जाहिर किया था और कहा था कि उनको बदनाम करने को साजिश की जा रही है। त्रिशा मधु कर ने सोशल मीडिया पर ए

राखी सावंत की सेक्सी वीडियो वायरल

बॉलीवुड की ड्रामा क्वीन राखी सावंत हमेशा अपनी अजीबो गरीब हरकत से सोशल मिडिया पर छाई रहती हैं। लेकिन इस बार वह अपनी बोल्ड फोटो के लिए चर्चे में हैं. उन्होंने हाल ही में एक बोल्ड फोटो शेयर की जिसमें वह एकदम कहर ढाह रही हैं. फोटो के साथ-साथ वह कभी अपने क्लीवेज पर बना टैटू का वीडियो शेयर करती हैं तो कभी स्नैपचैट का फिल्टर लगाकर वीडियो पोस्ट करती हैं. वह अपने अधिकतर फोटो और वीडियो में अपने क्लीवेज फ्लांट करती दिखती हैं. राखी के वीडियो को देखकर उनके फॉलोवर्स के होश उड़ जाते हैं. इसी के चलते उनकी फोटो और वीडियो पर बहुत सारे कमेंट आते हैं. राखी अपने बयानों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहती हैं.राखी अक्सर अपने रिलेशनशिप को लेकर हमेशा चर्चा में बनी रहतीं हैं. राखी कभी दीपक कलाल से शादी और लाइव हनीमून जैसे बयान देती हैं तो कभी चुपचाप शादी रचाकर फैंस को हैरान कर देती हैं. हंलाकि उनके पति को अजतक राखी के अलावा किसी ने नहीं देखा है. वह अपने पति के हाथों में हाथ डाले फोटो शेयर करती हैं लेकिन फोटो में पति का हाथ ही दिखता है, शक्ल नहीं. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर राखी जो भी शेयर करती हैं वह भी चर्चा

रानी चटर्जी की बोल्ड तस्वीरों ने हिलाया इंटरनेट

भोजपुरी इंडस्ट्री में अपने अलग अदांज से धाक जमाने वाली रानी चटर्जी अब तक 300 से ज्यादा फिल्में कर चुकी हैं. एक्ट्रेस की गिनती इंडस्ट्री की नामी एक्ट्रेस में होती है. उनकी हर अदा पर फैंस की नजर बनी रहती हैं. इस बीच वो अपनी लेटेस्ट फोटो के चलते चर्चा का विषय बन गई हैं. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब उनकी किसी हॉट फोटो ने सोशल मीडिया पर धूम मचाई हो. बल्कि ऐसा हर बार देखने को मिलता है. वहीं इस बार भी एक्ट्रेस की नई तस्वीर को खूब पसंद किया जा रहा है. साथ वो इस नई तस्वीर में बेहद हॉट और बोल्ड नजर आ रही हैं. फोटो में रानी काफी प्यारी दिख रही है. तस्वीरों में रानी का स्टाइलिश अंदाज भी उनके फॉलोअर्स का ध्यान उनकी ओर खींच रहा है. रानी चटर्जी सोशल मी़डिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं और अपनी हॉट सेक्सी फोटो वीडियो फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं. वहीं उनके फैंस भी उनकी नई अपडेट पर नजर बनाए बैठे रहते हैं. अक्सर रानी के बोल्ड फोटो सोशल मीडिया पर ट्रेंड करते नजर आते हैं. हाल ही में रानी के नए लुक ने इंटरनेट को हिला दिया है. इस फोटो में रानी लाल रंग की ड्रेस में नजर आ रही हैं. इस ड्रेस में रानी अपने सेक्सी