आर.बी.एल निगम, वरिष्ठ पत्रकार
राष्ट्रपति शासन लगने के बाद से लगता है, केन्द्र सरकार कश्मीर में बहुत सख्ती करने के लिए कमर कस चुकी है।
जम्मू और कश्मीर में पत्थरबाजी एक बड़ी समस्या है, जिसका सुरक्षाबलों को आए दिन सामना करना पड़ता है. इन पत्थरबाजों में बड़ी संख्या में स्कूली लड़कियां और महिलाएं भी शामिल होती हैं, जिससे निपटने में भारतीय सेना को कई तरह की समस्याअों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब इस समस्या से निपटने के लिए खास रणनीति बनाई गई है।
क्या कश्मीर के स्कूलों और कॉलेजों में पत्थरबाज़ी की भी पढ़ाई होती है? |
https://www.facebook.com/fansofyouthbjp/videos/655501098153869/
बल्कि सरकार को चाहिए कि पत्थरबाजों के साथ उसी तरह सलूक करे, जिस तरह किसी आतंकवादी के साथ किया जाता है। इन पत्थरबाजों के साथ भी किसी भी तरह की नरमी न बरती जाए। मजे की बात यह है कि पत्थरबाज महिला हो या पुरुष, सभी मुँह ढककर पत्थर फेंकते हैं। शंका होती है कि कहीं आतंकवादी महिला ड्रेस में तो ऐसा नहीं कर रहे? इसका पर्दाफाश महिला कमाण्डो के मैंदान में आने पर ही हो पाएगा
अब खैर नहीं इनकी भी |
सीआरपीएफ की महिला कमांडो टीम को आंखों पर पट्टी बांधकर आने वाले खतरों से आगाह करने और उनसे मुकाबले के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है| ये महिला कमांडों रात को भी जम्मू कश्मीर में तैनात रहेंगी| इसके अलावा इन महिलाओं को एक मिनट में हथियारों की मरम्मत करना भी सिखाया गया है ताकि कोई हथियार खराब हो तो उससे तुरंत ठीक किया जा सके।
अवलोकन करें:--
Comments