आर.बी.एल. निगम, वरिष्ठ पत्रकार जितनी घिनौनी राजनीति भारत में खेली जाती है विश्व के किसी अन्य देश में नहीं। अपनी कुर्सी की खातिर अपने ही देश के गौरवशाली इतिहास को दरकिनार कर आक्रमणकारियों को देश के शासक बताकर अध्ययन करने के लिए मजबूर किया जाता है, जिस कारण आज की पीढ़ी को हिन्दू सम्राट पोरस कौन था? विश्व विजेता सिकन्दर का कितना मिथ्या है, आजकी पीढ़ी को नहीं मालूम। अरे, जिसे भारत की धरती पर कदम रखने का दुस्साहस करने पर सम्राट पोरस ने जो दुर्गति की, उस सम्राट को महान बताने के स्थान पर दुर्गति कर के भगाए आक्रमणकारी को विश्व विजेता बताकर पढ़ाया जाता हो, ऐसे नेता क्या नहीं कर सकते? अपने राजनीतिज्ञ स्वार्थ के लिए ऐसे लोग किसी भी सीमा तक जा सकते हैं और ऐसे लोगों को नेता की श्रेणी में अंकित करने का कोई औचित्य दूर तक नज़र नहीं आता। जो देश का नहीं फिर किसका होगा? ऐसे ही कुर्सी के भूखे लोगों के ही कारण देश मुगलों का गुलाम हुआ था। लेकिन इनके उत्तराधिकारियों ने भी इनके आचरण से कोई शिक्षा नहीं ली। अपने जिस स्वार्थ की खातिर हिन्दू राजाओं का विरोध कर मुगलों को भारत आने का मार्ग सुगम करने उपरान...