अल्लू अर्जुन का क्या कुसूर है, उस पर गैर इरादतन हत्या का आरोप कैसे लग सकता है? मुख्यमंत्री ड्रामा कर रहे हैं
फिल्म “Pushpa 2 : The Rise” के प्रीमियर शो में फिल्म के हीरो अल्लू अर्जुन के हैदराबाद के “संध्या थिएटर” में जाने के बाद दर्शकों में भगदड़ मच गई जिसमें एक 39 वर्षीय महिला, रेवती की मौत हो गई और उसके 9 वर्षीय बेटे को गंभीर चोटें आई।
इस पर महिला के पति की शिकायत पर मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की पुलिस ने अर्जुन पर “गैर इरादतन हत्या और जानबूझ कर किसी को चोट पहुंचाने का केस दर्ज करके आज गिरफ्तार कर लिया और नमपल्ली कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
अल्लू अर्जुन को तेलंगाना हाई कोर्ट ने आज ही 4 सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दे दी और कहा कि “अल्लू अर्जुन को स्वतंत्रता का अधिकार है, उसे केवल इसलिए गिरफ्तार नहीं किया जा सकता कि वह एक एक्टर है”। निचली अदालत तो उसे जेल भेजने की इतनी जल्दी में थी कि उसने अर्जुन की सोमवार तक गिरफ़्तारी पर रोक लगाने की अर्जी भी खारिज कर दी।
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अब महिला के पति भास्कर ने कहा है कि “हम तो केवल इसलिए फिल्म देखने गए थे क्योंकि यह हमारे बेटे की इच्छा थी, इसमें अल्लू अर्जुन की कोई गलती नहीं है कि वह उस दिन थिएटर में आए, मुझे नहीं पता था उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा, मैं अपनी शिकायत वापस लेने के लिए तैयार हूं”।
पहले भास्कर ने शिकायत में कहा था कि अर्जुन और थिएटर प्रबंधन ने अर्जुन के आने के बारे में पुलिस को कोई सूचना देना जरूरी नहीं समझा, जबकि एक पत्र संध्या थिएटर ने 4 दिसंबर को पुलिस को लिखा था जिसमें सुरक्षा के प्रबंध करने के लिया निवेदन किया गया था कि क्योंकि फिल्म के हीरो हेरोइन और production unit फिल्म देखने आएगी और फिल्म देखने वालों की बहुत भारी भीड़ हो सकती है।
रेवंत रेड्डी की पुलिस जिस तरह गोली की रफ़्तार से कार्रवाई की है अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार करने के लिए, हो सकता है उसके पीछे Bollywood खड़ा हो क्योंकि उसे आभास था कि अल्लू अर्जुन की फिल्म का प्रदर्शन ने Bollywood के होश उड़ा देगा और आज 8 दिन बाद Bollywood को दिन में तारे नज़र आ गए हैं कि फिल्म की सफलता क्या होती है!
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने पतली गली से निकलते हुए रटा रटाया प्रवचन सुना दिया “कानून अपना काम करेगा और जांच में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा”। अब देखते हैं हैदराबाद पुलिस हाई कोर्ट की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाती है क्या?
रेवंत रेड्डी के खुद के खिलाफ Cash for vote का 2015 का मामला चला रहा है जिसकी सुनवाई के लिए ट्रायल कोर्ट बदलने के लिए वह सुप्रीम कोर्ट तक चक्कर लगा आया। रेड्डी चाहते थे कि उनका मुकदमा तेलंगाना ट्रायल कोर्ट से भोपाल ट्रायल कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया जाए। क्या मतलब है, क्या तेलंगाना ट्रायल कोर्ट में “कानून अपना काम नहीं करेगा”?
अल्लू अर्जुन की गिरफ़्तारी का कोई औचित्य नहीं था, उस पर कोई मुकदमा Culpable Homicide (गैर इरादतन हत्या) का नहीं चलाया जा सकता, फिल्म कलाकार भीड़ को स्वयं काबू नहीं कर सकता तो वह किसी की भी इस तरह जान कैसे ले सकता है और किसी को चोट कैसे पहुंचा सकता है?
रेवन्ती रेड्डी के बयान से लगता है वह अल्लू अर्जुन के मामले को राजनीतिक रंग देने के मूड में हैं क्योंकि उसे पता है, उसके बयान पर विपक्ष जरूर बखेड़ा खड़ा करेगा और राज्य की समस्याओं से ध्यान भटकाया जा सकता है।
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