हमारे बारह' फिल्म का पोस्टर |
मुस्लिम महिलाओं की स्थिति दिखाने वाली ‘हमारे बारह’ फिल्म को कर्नाटक सरकार ने बैन करने का फैसला किया है। कहा जा रहा है कि तमाम मुस्लिम संगठनों से शिकायत पाने के बाद कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने यह निर्णय लिया।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, “कर्नाटक सिनेमा (विनियमन) अधिनियम, 1964 की धाराओं के तहत कर्नाटक सरकार ने फिल्म ‘हमारे बारह’ के प्रसारण या रिलीज पर दो सप्ताह या अगले आदेश तक रोक लगा दी है।”
Under sections of Karnataka Cinemas (Regulation) Act, 1964, Karnataka Government bans the release or broadcast of film 'Hamare Baarah' for two weeks or till the next order, stating it will create communal tension if allowed to be released in the state.
— ANI (@ANI) June 7, 2024
Karnataka government has…
ANI के ट्वीट में आगे बताया गया कि सरकार का इस मामले में कहना है कि अगर इसे राज्य में रिलीज होने दिया गया तो इससे सांप्रदायिक तनाव पैदा होगा। कर्नाटक सरकार के मुताबिक उन्होंने यह फैसला फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद कई अल्पसंख्यक संगठनों और प्रतिनिधिमंडलों के अनुरोध पर लिया गया है।
कर्नाटक सरकार के इस फैसले से पहले ‘हमारे बारह’ फिल्म की रिलीज पर बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा भी रोक लगाई गई थी। हालाँकि बाद में इस रोक को हटा लिया गया है।
कोर्ट ने पहले इसके निर्माताओं को फिल्म की रिलीज 14 जून 2024 तक स्थगित करने को कहा था। फिल्म रुकवाने के लिए अजहर तंबोली द्वारा इस मामले में याचिका दायर की गई थी। उन्होंने याचिका में फिल्म के खिलाफ कानूनी हस्तक्षेप की माँग की थी। इसके अलावा फिल्म की विषय वस्तु को चुनौती दी गई थी जिसमें इस्लामी भावनाओं को ठेस पहुँचाने की बात थी।
Bombay High Court allows the release of the movie Hamare Baarah after the makers voluntarily agreed to delete 2 dialogues from their movie. HC allowed for release of the movie today itself.
— ANI (@ANI) June 7, 2024
(Pic: Still from 'Hamare Baarah' poster) pic.twitter.com/PCkOEB0XjB
"don't like, don't watch it" pic.twitter.com/p9HUXJmtPL
— Apurv (@Apurrvvv) June 7, 2024
वहीं केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अधिवक्ता अद्वैत सेठना ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा था कि फिल्म का ट्रेलर सीबीएफसी समिति द्वारा फिल्म की जाँच के बाद रिलीज हुआ था। प्रमाणन देने से पहले कई सीन को एडिट करने के लिए कहा गया था। उन्होंने कहा था कि यह सीबीएफसी फिल्म की सीमाओं को नियंत्रित करता है मगर प्रचार और ट्रेलर के नियंत्रण इसके पास नहीं हैं।
कोर्ट का पहले वाला निर्देश कई घटनाओं के बाद दिया गया था। इन घटनाओं में इस्लामी संगठनों का विरोध तो था ही, साथ में मुख्य अभिनेता अन्नू कपूर को मिल रही जान से मारने की धमकियाँ भी शामिल थी। हाल में इस संबंध में, एक्टर ने महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात भी की थी।
Comments