नाना पाटेकर ने राजदीप सरदेसाई की ऐसी खिंचाई कि आह-ओह करने लगे ; अभिनेता ने पूछा – तुझे सिर्फ बुरा ही क्यों दिखता है?
कुछ लोगों को अपनी बेइज्जती करवाने में किसी स्वादिष्ट व्यंजनों से अधिक आनंद आता है, राजदीप सरदेसाई उनमें से एक है। दरअसल ये लुटियन गैंग 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद से जरुरत से ज्यादा बेचैन है, गैंग को समझ नहीं आ रहा कि क्या किया जाये। सोंचते हैं कि ये सवाल करने पर सामने वाला मोदी या मोदी सरकार के खिलाफ बोलेगा, लेकिन सवाल करते ही सिर अण्डों की बारिश हो जाती है।
‘इंडिया टुडे’ में कंसल्टिंग एडिटर के पद पर कार्यरत राजदीप सरदेसाई ने न्यूज़रूम में पहुँचने के बाद मराठी में कुछ देर तक संवाद किया फिर सौरभ द्विवेदी को ‘हिंदीभाषी संसार का’ बता दिया। इस पर नाना पाटेकर ने कहा कि तमिल, उर्दू, कन्नड़, पंजाबी हो या हिंदी – जिस दिन हम तय करेंगे कि ये एक है, सब कुछ आसान हो जाएगा। उन्होंने बताया कि अपनी सहेली गिरिजा ओक की सलाह पर वो यहाँ आए हैं, गिरिजा ओक ने बताया था कि सौरभ द्विवेदी उनके दोस्त हैं।
राजदीप सरदेसाई ने कहा कि बतौर संपादक सौरभ द्विवेदी अस्थायी हैं, उनका सपना अनुराग कश्यप की तरह फिल्म निर्माता-निर्देशक बनने का है। इसके बाद नाना पाटेकर ने सौरभ द्विवेदी के बोलने के अंदाज़ और उनके संबोधन की प्रशंसा की। इस पर राजदीप सरदेसाई ने कहा, “सौरभ द्विवेदी की हिंदी बहुत अच्छी है, इनकी पूरी टीम बहुत अच्छी है। मैं यहाँ आता हूँ क्योंकि आजकल न्यूज़ की दुनिया में इतना शोरगुल है कि यहाँ शांति मिलती है। ये मुझे पसंद है।”
राजदीप सरदेसाई ने कहा कि ‘The Lallantop’ ने वाकई में पत्रकारिता के नियम को निभाया है, जिस पर नाना पाटेकर पूछ बैठे कि तू क्यों नहीं इसको फॉलो करता है? इस पर राजदीप सरदेसाई ‘आहाहाहा-ओहोहोहो’ करने लगे और कहा कि वो प्रयास कर रहे हैं। नाना पाटेकर ने पूछा कि तुझे बुरे के सिवा अच्छा क्यों नहीं देखना, तू अपना ख्याल क्यों नहीं रखता? उन्होंने इस दौरान राजदीप के पिता दिलीप सरदेसाई की बल्लेबाजी की तारीफ़ की और कहा कि राजदीप की प्रोफेसर माँ के साथ भी उनके अच्छे रिश्ते हैं।
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