अब पर्दे पर दिखेगी निजाम के रजाकारों द्वारा हिन्दुओं के नरसंहार की कहानी, हजारों महिलाओं का हुआ था बलात्कार
फिल्म रजाकार का पोस्टर (साभार: सोशल मीडिया)
आज CAA से लेकर UCC को लेकर जो विरोध रहा है, उसका मुख्य कारण है इतिहास के उन पृष्ठों का खुलना, जिन्हें कुर्सी के भूखे और मुस्लिम तुष्टिकरण के गुलामों ने देश से छुपाकर कर रख आतताई मुगलों को महान बताकर पढ़ा दिया। तत्कालीन हैदराबाद प्रांत में निजामशाही के दौरान रजाकारों द्वारा हिंदुओं के खिलाफ की गई हिंसा पर आधारित फिल्म रजाकार (‘Razakar- The Silent Genocide of Hyderabad) मूवी का पोस्टर लॉन्च हो गया है। इसे तेलंगाना के पूर्व भाजपा अध्यक्ष बंदी संजय कुमार ने 15 जुलाई 2023 को रिलीज किया।
इस पोस्टर में दिखाया गया है कि एक हिंदू को राइफल की आगे लगी चाकू पर मार कर लटका दिया गया है। पोस्टर में यह भी दिखा रहा है कि उसके अगल-बगल घोड़ों पर कुछ लोग खड़े हैं, जो संभवत: रजाकारों के सैनि। क हैं।
. Live : Poster launch of Razakar Movie https://t.co/HlyygzJ5CC
— Bandi Sanjay Kumar (@bandisanjay_bjp) July 14, 2023
फिल्म का पोस्टर रिलीज करने के दौरान करीमनगर के सांसद बंदी संजय कुमार, पूर्व सांसद एपी जितेंद्र रेड्डी, गुडुर नारायण रेड्डी और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल सी विद्यासागर राव जैसे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता मौजूद रहे। फिल्म के स्टारकास्ट भी इस मौके पर मौजूद रहे।
इस फिल्म के निर्माता भाजपा नेता गुडुर नारायण रेड्डी (Gudur Narayan Reddy) हैं। नारायण रेड्डी करीब चार दशक तक कॉन्ग्रेस से जुड़े रहे थे। वे तीन साल पहले ही भाजपा में शामिल हुए हैं। फिल्म को यता सत्यनारायण ने लिखा और निर्देशित किया है। अभिनेत्री वेदिका की भी इसमें भूमिका है। इस फिल्म को हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और मलयालम में रिलीज करने की योजना है।
कार्यक्रम में बोलते हुए निर्देशक रेड्डी ने कहा कि यह फिल्म धार्मिक संघर्ष पर आधारित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि ना ही इस फिल्म को किसी के बीच असंतोष पैदा करने के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि शेख बंदगी, मकदूम मोइनुद्दीन और पत्रकार शोएबुल्ला खान जैसे लोगों का हवाला दिया और कहा कि इन लोगों ने उस समय सत्ता प्रतिष्ठान के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।
यता सत्यनारायण ने कहा, “यह मुक्ति के संघर्ष से प्रेरित फिल्म है। यह 800 नायकों की कहानी है। यह वह कहानी है, जिसने हैदराबाद को आजादी दिलाई। नारायण रेड्डी हमेशा मुझसे यह फिल्म करने के लिए कहते रहे हैं। मैंने कहा कि देखते हैं। यह कोई धार्मिक इतिहास नहीं है, यह हमारा इतिहास है। अगर हम रजाकर की फिल्म नहीं देखते हैं, तो हमारे जीवन का कोई मतलब नहीं है।”
महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल विद्यासागर राव ने कहा, “उस समय इसमें 8 जिले थे। महाराष्ट्र में 5 जिले और कर्नाटक के 3 जिले हैदराबाद में शामिल थे। ब्रिटिश सरकार ने सबको मिलाकर एक देश बनाने का फैसला किया तो निज़ाम ने एक स्वतंत्र राज्य की घोषणा कर दी। निजाम ने दो लाख लोगों की एक मजबूत रजाकारों की सेना बनाई। कई अपराध किए।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारे देश को आजादी मिलने के 17 महीने बाद हैदराबाद को आजादी मिली। इस्लाम अलग है और रजाकार अलग हैं। रजाकारों के खिलाफ लड़ने वालों में मुस्लिम भाई भी शामिल थे। मौलाना और तबरेज खान जैसे कई लोगों ने हैदराबाद की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। आने वाली पीढ़ियों को ऐसा इतिहास जानने की जरूरत है। हमें रजाकारों की फिल्म देखनी चाहिए और इसे प्रोत्साहित करना चाहिए।”
फिल्म के निर्माता गुडुरु नारायण रेड्डी ने कहा, “मैंने यह फिल्म अपने दादाजी की प्रेरणा से बनाई है। निजाम के शासनकाल के दौरान रजाकारों के अत्याचार को रोकने वाला कोई नहीं था। जब सरदार वल्लभ भाई पटेल ने यहाँ सेना भेजी, तब राजवी ने हमारे गाँव में घुसने की कोशिश की। तब मेरे दादाजी ने उसे गाँव में प्रवेश करने से रोक दिया। राजवी और मेरे दादाजी के बीच एक बड़ा वाकयुद्ध हुआ। हमारे कई बुजुर्गों ने मुझे इसके बारे में बताया। मैंने एक भारतीय के रूप में रजाकार नाम की फिल्म बनाई। मैंने किसी का अपमान करने के लिए यह फिल्म नहीं बनाई।”
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