वेब सीरीज ‘XXX’ में आपत्तिजनक कंटेंट दिखाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ‘ALTBalaji’ की संस्थापक एकता कपूर को कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एकता कपूर ने इस देश की युवा पीढ़ी के दिमाग को दूषित कर दिया है। एकता कपूर पर आरोप है कि उन्होंने अपनी वेब सीरीज के जरिए न सिर्फ देश के सैनिकों का अपमान किया है, बल्कि उनके परिवार वालों की भावनाओं को भी आहत किया है।
इस संबंध में उनके खिलाफ गिरफ़्तारी के वॉरंट्स जारी हुए थे, जिसके खिलाफ वो सुप्रीम कोर्ट पहुँची थीं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “कुछ तो करना पड़ेगा। तुम इस देश की युवा पीढ़ी के दिमाग को दूषित कर रही हो। ये सबके लिए उपलब्ध है। OTT (ओवर द टॉप) कंटेंट्स को कोई भी देख सकता है। तुम लोगों को किस तरह के विकल्प दे रही हो?” जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार ने इस मामले में सुनवाई करते हुए ये कहा।
एकता कपूर की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी पेश हुए। उन्होंने कहा कि पटना उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर की गई है, लेकिन आशा नहीं है कि इसे सुनवाई के लिए जल्दी सूचीबद्ध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एकता कपूर को ऐसे ही एक मामले में पहले भी राहत मिल चुकी है। उन्होंने देश में ‘फ्रीडम ऑफ चॉइस’ की बात करते हुए कहा कि ये कंटेंट सब्सक्रिप्शन के आधार पर उपलब्ध है।
#SupremeCourt slams #EktaKapoor and says, "Something has to be done. You are polluting the minds of the young generation of this country. It is available to all. OTT (Over The Top) content is available to all." Read to know more.https://t.co/2DIMTaRDP1
— India TV (@indiatvnews) October 14, 2022
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— маниакальный (@livemka) October 14, 2022
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इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि ये आप किस प्रकार की चॉइस दे रहे हैं? हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने एकता कपूर पर कोई जुर्माना नहीं लगाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप हमेशा ऐसे मामलों में यहाँ आ जाते हो, ऐसे में अगली बार ऐसी याचिका आई तो जुर्माना लगाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने मुकुल रोहतगी से कहा, “अपने क्लाइंट से कह दीजिए। केवल इसीलिए कि वो बड़े वकील हायर कर सकती हैं या अफॉर्ड कर सकती हैं, बार-बार ऐसी याचिका लाना सही नहीं है।”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये अदालत ऐसे लोगों के लिए काम करती है, जिनकी आवाज़ नहीं सुनी जाती। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि जब ऐसी सुख-सुविधाओं वाले लोग सोचते हैं कि उन्हें न्याय नहीं मिल सकता है तो फिर आम आदमी की सोच लीजिए। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को पेंडिंग रखते हुए सलाह दी कि हाईकोर्ट की सुनवाई की सूचना के लिए एक लोकल वकील को रखा जा सकता है। बेगूसराय के एक ट्रायल कोर्ट ने एकता कपूर की गिरफ़्तारी का वॉरंट जारी किया था।
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